पर्याप्त तथ्यों के अभाव में दी गयी सलाह गलत भी हो सकती है।
|समस्या-
आदित्य शर्मा ने लखीमपुर खीरी, उत्तरप्रदेश से पूछा है-
मेरी बुआ श्रीमती जनक दुलारी शर्मा ने मुझे गोद लिया, लेकिन मैं अपने वास्तविक पिता के के साथ रहा। वे सरकारी सेवा में होने के कारण बाहर रहती थी। उन के नाम कोई संपत्ति नहीं है। लेकिन नकद, जेवर व सारी अचल संपत्ति उन के देवर के बेटे ने मार पीट कर ले ली। लेकिन फूफा जी के नाम एक प्रोपर्टी है जिस की वसीयत डर के भतीजी के नाम कर दी है। क्या मैं उस के लिए मुकदमा कर सकता हूँ?
समाधान-
आप ने अपनी समस्या में बहुत सारे तथ्य स्पष्ट नहीं किए हैं। आप को कब गोद लिया गया है और किस विधि से गोद लिया गया है यह नहीं बताया है, क्या आप का गोदनामा पंजीकृत है? आप ने यह भी नहीं बताया कि आप की बुआ जीवित है या नहीं तथा फूफाजी मौजूद हैं या नहीं है और यदि नहीं हैं तो उन का देहान्त कब हुआ?
गोद लेने का परिणाम यह है कि आप गोद लिए जाने पर गोद लेने वाले दम्पत्ति की संतान हो जाते हैं और वही सब अधिकार प्राप्त हो जाते हैं जो एक पुत्र को होने चाहिए। यह एक शर्म की बात है कि एक पुत्र के होते हुए उस की मां के साथ मारपीट कर उस की अचल संपत्ति छीन ली गयी और उस के पति की छोड़ी हुई संपत्ति की वसीयत करवा ली गयी।
यदि बुआ मौजूद हैं और वे चाहती हैं कि उन की संपत्ति आप को प्राप्त हो तो वे पुलिस में रिपोर्ट लिखा सकती हैं कि उन की संपत्ति छीन ली गयी है और जबरन वसीयत लिखा ली गयी है। वे वसीयत को निरस्त भी कर सकती हैं।
यदि आप ने उक्त नहीं बताए हुए तथ्य और बताए होते तो हम आप को स्पष्ट रूप से सलाह दे सकते थे। लेकिन पर्याप्त तथ्यों के न होने से हम कोई सटीक सलाह देने में असमर्थ हैं। पर्याप्त तथ्यों के अभाव में दी गयी सलाह गलत भी हो सकती है। बेहतर है कि आप किसी स्थानीय वकील से मिलें और अपने लिए समाधान उन से प्राप्त करें।