पावर ऑफ अटार्नी से विक्रय को मूल स्वामी चुनौती दे सकता है
|समस्या-
मेरठ, उत्तर प्रदेश से किशनकुमार ने पूछा है –
मेरे माता-पिता ने अपने मकान की संयुक्त वसीयत बनाई जिस के अनुसार एक की मृत्यु हो जाने पर मृतक की संपत्ति का दूसरा स्वामी हो जाएगा। दोनों की मृत्यु हो जाने पर मैं उस संपत्ति का स्वामी हो जाउंगा। मेरी दो विवाहित बहनें हैं। एक बहिन ने पिता जी की मृत्यु के बाद माता जी से पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त कर एक कमरा दूसरी बहिन को विक्रय कर दिया जिस का पता मुझ बाद में चला। अब मुझे क्या करना चाहिए कि वह किसी और को विक्रय नहीं कर सके और मेरा कमरा मुझे मिल जाए?
समाधान-
माता-पिता ने संयुक्त वसीयत की कि उन में से जिस की भी मृत्यु पहले हो जाएगी उस की संपत्ति का स्वामी दूसरा हो जाएगा। दोनों की मृत्यु हो जाने के उपरान्त वह संपत्ति आप को प्राप्त होगी। इस तरह यह वसीयत एक दोहरी वसीयत है। कोई भी वसीयत तभी प्रभावी होती है जब कि वसीयत कर्ता की मृत्यु हो जाती है। कोई भी वसीयत कर्ता अपने जीवन काल में अपनी वसीयत को परिवर्तित कर सकता है या उसे रद्द कर सकता है।
इस मामले में आप के पिता का देहान्त हो गया। उन के देहान्त के साथ ही उन की संपत्ति की स्वामी आप की माता जी हो गई। अब आप की माता जी और पिता की छोड़ी हुई संपत्ति दोनों की स्वामिनी आप की माता जी हैं। माता जी अभी जीवित हैं इस कारण से इस वसीयत का वह भाग जो कि आप की माता जी की इच्छा को प्रकट करता है अभी प्रभावी नहीं है। आप की माता जी अपने हिस्से के वसीयत के भाग को अपने जीवन काल में परिवर्तित कर सकती हैं या रद्द कर सकती हैं। वर्तमान में जो भी संपत्ति है, उन की है। वह आप की नहीं हुई है। इस कारण वे उस संपत्ति को किसी को भी विक्रय या हस्तांतरित कर सकती हैं।
आप की माता जी ने एक पावर ऑफ अटॉर्नी निष्पादित कर आप की एक बहिन को अपना मुख्तार नियुक्त किया और उस मुख्तार बहिन ने आप की दूसरी बहिन को एक कमरा विक्रय कर दिया। इस में कोई त्रुटि नहीं है, यदि वह विक्रय आप की माता जी के निर्देशानुसार हुआ है। यदि वह आप की माता जी के निर्देशानुसार नहीं हुआ है और किसी धोखे से हुआ है तो आप की माता जी इस हस्तांतरण को चुनौती दे सकती हैं। लेकिन आप को तो इस मामले में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है क्यों कि आप का अभी तक उस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है।
हाँ, यदि आप की माता जी यह कहती हैं कि आप की मुख्तार बहिन ने उन के निर्देशों के विपरीत यह विक्रय किया है तो आप की माता जी उस विक्रय पत्र को निरस्त कराने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकती हैं और आप की दूसरी बहिन जिसे वह कमरा विक्रय किया गया है उसे आगे विक्रय करने पर रोक लगाने के लिए इसी वाद में अस्थाई निषेधाज्ञा का आवेदन प्रस्तुत कर अस्थाई निषेधाज्ञा जारी करा सकती हैं। जिस से आप की कमरे को खरीदने वाली बहिन उसे आगे विक्रय नहीं कर सकेगी।
Te felicito. EloÃsa es una muñeca preciosa, de aspecto tan dulce e infantil… Espero tener suerte en el sorteo de la misma, o en el de la GuÃa completa de Haz tu BJD, que también me interesa mucho. Besitos.
Touchdown! That’s a really cool way of putting it!
Thank you for the great giveaway! It will be hard for the winner to choose one of the books(I would love to be in that possition!) – they all look so go1mmdo!o248(at)att(dot)net