बँटवारे के सम्बन्ध में मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत की जा सकती है।
समस्या-
अहमद ने नगर पंचायत रुद्रपुर, जिला-देवरिया (उ.प्र) ने पूछा है-
मेरे पिताजी दो भाई थे, उनकी पुश्तैनी जमीन थी, जिसका बंटवारा उन दोनों भाइयों ने आपसी रजामंदी से कर लिया था। मेरे पिताजी ने स्वयं के खर्च से 38 साल पहले अपने हिस्से के 1/2 भाग पर कर मकान बनवाकर 38 साल से लगातार अपने नाम गृहकर, पानी टैक्स, बिजली का बिल जमा करते आ रहे थे। चाचा जी ने अपने हिस्से के 1/2भाग में कोई निर्माण नहीं करवाया था। अब मेरे पिता व चाचा दोनों का निधन हो गया है और मैं अपने पिता के बनवाये मकान में रहता हूँ। किंतु चाचा के लड़के का कहना है कि जमीन पुश्तैनी है और उसके खेसरे में अपने दादाजी का नाम ही दर्ज है इसलिए इस जमीन का बंटवारा हुआ ही नहीं है इसलिए फिर से घर और जमीन का बंटवारा करो। मेरे कुछ सवाल है-(1) क्या अपने 38 साल पुराने मकान की जमीन का अलग खेसरा मैं टाउन एरिया आफिस से निकलवा सकता हूँ? (2) क्या मेरे पिता द्वारा 38 वर्ष पूर्व बनाये मकान में मेरा चचेरा भाई दावा कर सकता है जबकि 38 वर्षों से मकान का टैक्स, बिजली का बिल, पानी का बिल सभी पिता जी ने जमा किया है अपने नाम से। कृपया जवाब अवश्य देने की कृपा करें।
समाधान-
आप एक मुस्लिम हैं, मुस्लिम विधि में पुश्तैनी या सहदायिक सम्पत्ति जैसा कोई सिद्धान्त नहीं है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही उत्तराधिकारियों के हिस्से तय हो जाते हैं। इस कारण यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरान्त उसकी सम्पत्ति का बँटवारा नहीं होता है तो उसे पुश्तैनी सम्पत्ति के स्थान पर संयुक्त सम्पत्ति कहना अधिक उचित होगा।
आपकी संयुक्त सम्पत्ति के दो स्वामी थे। आपके पिता और चाचा। आपका कहना है कि उनके बीच मौखिक रूप से बँटवारा हो गया था और आपके पिता ने अपने हिस्से की भूमि पर मकान का निर्माण कर लिया और चाचा ने उनकी भूमि पर किसी तरह का कोई निर्माण नहीं कराया। बँटवारा यदि लिखित होता तो उस का पंजीकरण होना अनिवार्य था। लेकिन यदि बँटवारा होने के बाद उस बँटवारे का कोई स्मरण पत्र लिखा गया होता तो वह मजबूत सबूत होता। हो सकता है कि कहीं किसी तरह के दस्तावेज में इस बँटवारे का उल्लेख हो या चाचा की तरफ से उसकी स्वीकृति लिखी हो, जो पारिवारिक पत्राचार वगैरह कुछ भी हो सकता है। यदि ऐसा कोई दस्तावेज हो तो वह आपको एक सबूत के रूप में काम आएगा। मकान के निर्माण के सम्बन्ध में जो भी सबूत हों वे सब आपको एकत्र करने होंगे। आपको चाहिए कि आप बँटवारे से सम्बधित हर सबूत को इकट्ठा कर के रखें।
जमीन का अलग खेसरा आप टाउन एरिया ऑफिस से निकलवा सकते हैं या नहीं, यह एक जानकारी है जो हमें नहीं है। यह तो आपको टाउन एरिया ऑफिस या भू-अभिलेख रखे जाने वाले कार्यालय से पता कर सकते हैं। लेकिन यह सही है कि आपका चचेरा भाई संयुक्त भूमि और उस पर निर्मित मकान को संयुक्त सम्पत्ति मानते हुए बँटवारे का वाद संस्थित कर सकता है। बँटवारे का कोई लिखित स्मरण पत्र नहीं है तो आप बँटवारे को मौखिक बयानों से तथा पारिस्थितिक साक्ष्य से उसे साबित कर सकते हैं इस सम्बन्ध में आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय के दसियों निर्णय मिल जाएंगे। अपने बचाव में यह कह सकते हैं कि मौखिक बँटवारा हो चुका था तथा आपके पिता ने अपने हिस्से की भूमि पर उनकी स्वयं की आय से मकान का निर्माण किया था। यदि यह साबित कर सकते हों कि इस मकान में तब से आपके पिता का परिवार रहता आया है और चाचा का परिवार बँटवारे के कारण तब से अलग ही निवास कर रहा है, तो और बेहतर होगा।