बिना नोटिस, बिना कारण नौकरी से निकालने के लिए तुरन्त औद्योगिक विवाद उठाएँ
समस्या-
खुदाना, जिला झुन्झुनू, राजस्थान से सुरेश शर्मा ने पूछा है –
मेरी उम्र 52 वर्ष की है। मैं जेबीएफ इंडस्ट्रीज लिमिटेड, 8वाँ माला, एक्सप्रेस टावर, नरीमन पाइंट, मुम्बई में सेल्स असिस्टेंट के रूप में 29.03.1997 से काम करता था। 13 वर्ष की नौकरी के बाद दिनांक 17.10.2010 को मुझे अचानक एक दिन कंपनी के वायस प्रेसिडेंट सुधीर गुप्ता ने मेरे साथ गाली गलौच की और बिना किसी नोटिस के व बिना कोई कारण बताए नौकरी से निकाल दिया। मैं ने जून 2010 में वकील से नोटिस दिलवाया तो मुझे जान से मारने की धमकी दी गई। मैं अत्यन्त विपन्न अवस्था में हूँ। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप को नौकरी से निकाले जाने के अगले दिन ही रजिस्टर्ड ए.डी. पत्र से अपने नियोजक को लिखना चाहिए था कि उन्हों ने आप को बिना नोटिस, बिना कारण और बिना अन्तिम भुगतान किए नौकरी से निकाल दिया है। या तो वे आप को नौकरी पर सप्ताह भर में वापस लें अन्यथा आप मुकदमा करेंगे। बाद में भी जब नोटिस देने पर उन्हों ने जान से मारने की धमकी दी तब आप को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवानी चाहिए थी।
आप का पद सेल्स असिस्टेंट का था। लेकिन आप ने यह नहीं बताया कि आप का काम किस प्रकार का था, अर्थात आप से नौकरी के दौरान क्या क्या काम कराया जाता था। यदि आप यह बताते तो हम यह पता कर सकते थे कि आप औद्योगिक विवाद अधिनियम में वर्णित कर्मकार हैं या नहीं? यदि आप कर्मकार हैं तो फिर आप को अभी भी तुरन्त मुम्बई श्रम विभाग में अपना औद्योगिक विवाद प्रस्तुत करना चाहिए। आप के औद्योगिक विवाद प्रस्तुत करने के 45 दिनों के भीतर यदि श्रम विभाग द्वारा आप के मामले को श्रम न्यायालय को नहीं भेजा जाता है तो आप स्वयं श्रम न्यायालय के समक्ष उठा सकते हैं।
यदि आप कर्मकार (Workman) हैं तो आप के मुकदमा जीतने की संभावना पूरी है। आप को तुरन्त कार्यवाही करना चाहिए। आप पहले ही बहुत देरी कर चुके हैं।