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विधिक सेवा प्राधिकरण को आवेदन करें, योग्य होने पर सरकारी खर्च पर वकील मिलेगा

मेश कुमार सिरफिरा जी ने तीसरा खंबा को धड़ाधड़ तीन मेल कर के अपनी समस्या सामने रखी है —–

1. मेरी पत्नी ने मुझ पर धारा 406 और धारा 498-ए का का झूठा मामला दर्ज कराया है। मैं अपनी बात को कैसे अदालत के सामने रखूँ? मेरे पास वकीलों को देने के लिए पैसे नहीं हैं क्या मुझे जेल में रहना होगा? 
2.क्या कोर्ट मैरिज करने के चार साल बाद दहेज की धारा लगाई जा सकती है? जब कि कभी दहेज की मांग की ही नहीं। 
3.क्या धारा 406, 498-ए में जमानत मिलती ही नहीं है?


उत्तर —

सिरफिरा जी,

क तो आपने नाम ऐसा रखा हुआ है कि यदि पुलिस को यह नाम पता लगेगा तो आप से कुछ विशिष्ठ व्यवहार कर सकती है। यह विशिष्ठ व्यवहार आप के लिए लाभदायक भी हो सकता है और हानिकारक भी। वैसे पुलिस का रवैया आप खुद जानते हैं। यदि उन के पास तिल्ली या कोई ऐसा ही दाना उन के पल्ले पड़ जाए तो वे तब तक दबाते हैं जब तक उस से तेल निकलने की संभावना होती है। लेकिन रेत को वे देखते ही पहचान लेते हैं और जानते हैं कि इस से तेल नहीं निकाला जा सकता। फिर वे उस से रेत के दाने जैसे ही व्यवहार करते हैं।
भी आप का मामला अदालत तक नहीं पहुँचा है, पुलिस तक ही है। पुलिस ने यदि आप को गिरफ्तार कर लिया तो ही वह आप को अदालत में प्रस्तुत करेगी। तब अदालत तक आप का जाना हो सकेगा। लेकिन जब तक आप के विरुद्ध चालान पेश नहीं होता है आप को अदालत से कुछ कहने का अवसर नहीं मिलेगा। इस कारण से जब तक आप को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर लेती है. आप पुलिस के अन्वेषण अधिकारी जिस के पास मामला अन्वेषण के लिए है उस के सामने अपना पक्ष स्पष्ट कर सकते हैं। यदि वह अधिकारी आप की बात सुनने से इन्कार करे तो आप पुलिस के उच्चाधिकारियों को अपनी बात लिख कर दे सकते हैं।
दि आप यह समझते हैं कि भा.दं.संहिता की धाराएँ 406 और 498-ए केवल दहेज के कारण ही लागू हो सकती हैं तो यह गलत धारणा है। यदि आप अपनी पत्नी के साथ क्रूरता पूर्ण व्यवहार करते हैं तो भी धारा 498-ए लागू होगी। यह क्रूरता मानसिक भी हो सकती है। आप यह न समझें कि यह धारा केवल दहेज के कारण ही प्रभाव में आ सकती है। धारा-406 स्त्री-धन के सम्बंध में है। यदि आप की पत्नी की कोई भी संपत्ति आप के कब्जे में है और आप उसे लौटाने से मना करते हैं या रोक कर रखते हैं तो धारा-406 लागू होगी। आप को चाहिए कि आप अन्वेषण अधिकारी को ऐसी सारी संपत्ति स्वयं ही सौंप दें और उसे सारी बात बताएँ। यह उस के विवेक पर है कि वह क्या करता है? 
दि आप के पास वकील के लिए पैसा नहीं है तो आप जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष एक आवेदन कीजिए कि आप को कानूनी सहायता चाहिए। यदि आप को योग्य माना गया तो आप को वहाँ से वकील की सुविधा प्राप्त हो जाएगी। जिस की फीस सरकार अदा करेगी।
धारा 406 व 498 ए में जमानत हो जाती है। लेकिन यह अन्वेषण समाप्त हो जाने पर या पुलिस को अन्वेषण के लिए आप की आवश्यकता न रहने पर ही संभव हो सकता है। 
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