बेहतर यही है कि तलाक हो जाए।
|समस्या-
मितेश पालीवाल ने नाथद्वारा, जिला राजसमंद, राजस्थान से पूछा है-
मेरी शादी को करीब चार साल हो चुके है मेरी पत्नी ने बी .एड कर रखी है मेरे एक तीन साल का लड़का भी है। मेरी पत्नी सरकारी नौकरी (अध्यापिका) के लिये मुझसे तलाक लेना चाहती थी जब मैं ने तलाक के लिए मना किया तो मेरी पत्नी ने 17/07/2015 को मुझ पर मेरे भाई, बहन, माता-पिता सभी पर 498ए, दहेज़ 67, 125 दं.प्र.संहिता, 13 हिन्दू विवाह अधिनियम व घरेलु हिंसा आदि केस कर दिए हैं। मैं ने दहेज़ का सारा सामान, पीहर व् ससुराल की सारी सोने चांदी की रकमें भी उसको क़ानूनी तरीके से दे दी, अब मेरी पत्नी न तो मेरे साथ रहना चाहती है न ही तलाक देना चाहती है। वह तलाक के साथ खर्चा भी लेना चाहती है। मुझे सिर्फ तीन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं 1- मेरा लड़का जो मेरी पत्नी के पास है में उससे रोज दो घन्टे मिल सकता हूँ या नहीं? 2- जब मैं मेरी पत्नी को अपने घर पर, किराये पर या फिर उसी के घर में उस के साथ रहने के लिये तेयार हूँ लेकिन मेरी पत्नी मेरे साथ नहीं रहना चाहती और महीने के 10,000 हजार रुपये की मांग कर रही है तो क्या मुझे खर्चा देना पड़ेगा? 3- मैं अगर खर्चा देने के लिये पूरी तरह से मना कर दू तो मेरी सजा क्या होगी?
समाधान-
ऐसा लगता है कि आप की पत्नी एक स्वतंत्र जीवन जीना चाहती थी। यह पिता के घर में संभव नहीं था। क्यों कि हमारे अधिकांश मायके आज भी विवाह तक ही बेटी की नियमित जिम्मेदारी उठाना चाहते हैं उस के बाद वे भूल जाते हैं कि वह भी उन के परिवार का हिस्सा है। इस कारण उस ने विवाह कर लिया। यहाँ भी वह यह सपना पूरा नहीं कर सकी, संतान और हो गयी। इसी स्वतंत्र जीवन के लिए वह तलाक लेकर परित्यक्ता के रूप में अनुकंपा नियुक्ति चाहती थी। उसे आपने सफल नहीं होने दिया। आज आप सोचते होंगे कि उस का वही प्रस्ताव मान लेना ठीक था।
आप के तीनों प्रश्नों के उत्तर अनेक अन्य तथ्यों को जान कर ही दिए जा सकते हैं जो इस प्रश्न में नहीं हैं। बेहतर है कि आप इस मामले में अपने नजदीक के किसी अच्छे वकील से सलाह लें।
आप की पत्नी के लगाए केस अधिकांश खारिज होंगे। लेकिन बेहतर यही है कि सहमति से या जैसे भी हो। आप उसे तलाक दे दें, उसे नौकरी मिल जाए। तब वह खर्चा नहीं मांग सकेगी। आप बच्चे से मिलने के लिए न्यायालय में आवेदन करें, हो सकता है आप को अपने बेटे के साथ रहने का समय मिल जाए।
एक बात निश्चित है कि जितना खर्चा आप की पत्नी ने मांगा है नहीं मिलेगा। दूसरे आप यदि खर्चा देने से मना करेंगे तो न्यायालय आप को जेल भेज देगी। हर माह के खर्चे के लिए एक माह जेल भुगतनी पड़ सकती है। यह बात तो आप के वकील आप को ठीक से समझा भी देंगे।
मेरी बहु दिनांक 22.6.16 से मेरे बेटे से नाराज हो कर अपनी मां और मौसा के साथ मेरे घर से बिना किसी को पूछे और बताए घर से रात 11.30 बजे चली गई । मैं और मेरी पत्नी मध्यप्रदेश में थे जहां मैं नौकरी करता हुं। मुझे पता लगने पर मैंने लड़की के मांबाप के घर फोन किया परन्तु उन्होंने कोई सन्तोष जनक जवाब नहीं दिया कहा कि हम पूछ कर बताएंगे। मेरे बेटे ने भी कई बार अपनी पत्नी को फोन किया पर फोन बन्द पाया गया । उसके बाद क ई बार फोन और मैसेज किया पर बहु और उसके घर वालों ने कोई जवाब नहीं दिया । तब दो महीने गुजरने के बाद उन्होंने कोर्ट में 156/3 के आवेदन द्वारा एफआईआर धारा 498a,406,323,341,316,34 के तहत लिखवा दी जिसका हमें कोई जानकारी नहीं थी । लेकिन उससे पहले भी मैंने दिनांक 14.9.16 को फोन कर बात करने की कौशिश की परन्तु उधर से जवाब मिला कि बात अब आगे बढ़ गई है । इसलिए अब कोई बात नहीं हो सकती । तदुपरान्त हमें दिनांक 18.9 .16 को महिला पुलिस एएसआई का फोन आता है कि आपके और आपके बेटे के खिलाफ एफआईआर निम्न धाराओं में लिखी गई है इसलिए आप सपरिवार यहाँ आए तो आमने सामने बैठा कर बात चीत कराई जाएगी । वहां जाने पर लडकी और उसके पिता ने हमारे उपर भद्दे भद्दे आरोप लगाए और अप शब्दों का इस्तेमाल किया । और लड़की को भेजने से इन्कार कर दिया। बाद में 30.10.16को भरणपोषण भत्ता का नोटिस 125 के तहत भी मिल गया है ।
उस एफआईआर में जितने भी आरोप लगाए है सबके सब झूठे और बेबुनियाद हैं । जो उन्हें सच साबित नहीं कर पाएंगे ।और बेटे के द्वारा की गई सहकर्मी लड़की की चैटिंग को आधार बना रही बहु लड़के को गलत साबित कर अपनी और हमारे लड़के की जिन्दगी तबाह कर रही है।
क्या हम धारा 482 के तहत उस एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन कर सकते हैं और लड़की को लाने का कोई उपाय हो सकता है । जबकि लड़की के पिता कहते है कि मकान लड़की के नाम करो या 35 लाख की एफडी करो तब ही लड़की को भेजेंगे अन्यथा कोर्ट केस में आप सबको फंसा देंगे। इस पर क्या सलाह हो सकती है आपकी
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