वसीयत सादे कागज पर हो सकती है उस का पंजीकृत होना आवश्यक नहीं।
|समस्या-
राजीव ने देहरादून, उत्तराखण्ड से पूछा है-
मेरे दादा जी का देहांत 2 वर्ष पूर्व हो चुका है। उन की एक वसीयत है लेकिन यह वसीयत सादे कागज पर है जिस में दो गवाहों के हस्ताक्षर हैं और रजिस्टर नहीं की गयी है। क्या यह वसीयत मान्य होगी?
समाधान-
वसीयत पर कोई स्टाम्प शुल्क देय नहीं है, अर्थात वह सादे कागज पर की जा सकती है। उस का पंजीकृत होना भी आवश्यक नहीं है, अर्थात अपंजीकृत वसीयत भी मान्य होगी। वसीयत के दो गवाह होना आवश्यक है, आप के दादा जी की वसीयत पर दो गवाहों के हस्ताक्षर भी हैं। इस तरह प्रारंभिक रूप से आप के दादा जी की सादे कागज पर लिखी गई वसीयत मान्य होगी।
लेकिन वसीयत के लिए यह आवश्यक है कि आप के दादा जी ने वसीयत पर अपने हस्ताक्षर इन्हीं दो गवाहों की उपस्थिति में किए हों। आप के दादा जी की वसीयत पंजीकृत नहीं है इस कारण इसे इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि उस पर आप के दादाजी के हस्ताक्षर नहीं हैं, जाली बनाए गए हैं। अथवा यह भी कहा जा सकता है कि वसीयत फर्जी बनाई गई है या आप के दादा जी ने वसीयत पर दो गवाहों के सामने हस्ताक्षर नहीं किए थे।
इन सब आपत्तियों के निराकरण के लिए आप को वसीयत को प्रोबेट करवा लेना चाहिए। एक बार प्रोबेट हो जाने पर वसीयत पूरी तरह से मान्य हो जाएगी।
sir , नमश्कार
क्या पिताजी पुत्र की स्वामित्व वाली सम्पति पर वसीयत लिख सकते है यदि वह ऐसा कर सकते है तो किस कानून के तहत कर सकते है कृपया समाधान करने की कृपा कर
मैने यहाँ तहसील मजिसट्रेट कोर्ट में वसीयत के आधार पर कृषि भूमि में नाम परिवर्तन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया लेकिन मजिस्ट्रेट ने आवेदन स्वीकार करने से मना कर दिया उनका कहना है की सन 2002 के बाद से सिर्फ पंजीकृत वसीयत के आवेदन स्वीकार किये जा रहे है। क्या उनका यह कथन सही है और यदि नही तो किस धारा, एक्ट या रूलिंग के आधार पर मै अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकता हु क्योकि देहरादून में मैने कई वकीलों से जानना चाहा तो उनका कहना भी यह ही है कि वसीयत का पंजीकृत होना अनिवार्य है। वसीयत पर दो गवाहो के हस्ताक्षर है और उनमे से एक गवाह अदालत में बयान देने को भी तैयार है । मान्यवर कृपया सम्बंधित धारा, एक्ट या रूलिंग का उल्लेख अवश्य करें। धन्यवाद!!