हाईकोर्ट जज ने रात को आवास पर अदालत लगाई
|झारखंड उच्चन्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति धीरूभाई नारायण भाई पटेल ने अपने आवास पर रात को आठ बजे से ग्यारह बजे तक गरीब ग्रामीणों के मुकदमे की सुनवाई कर के एक नया अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह याचिका देवघर जिले के सरवा ब्लाक के कोराडीह गाँव के गरीब ग्रामीणों द्वारा अनुचित रूप से सड़क के निर्माण और घरों को गिराए जाने के विरुद्ध दाखिल की गई थी।
न्यायमूर्ति धीरूभाई नारायण भाई पटेल ने इस मामले में देवघर के उपायुक्त मस्तराम मीणा को संबंधित दस्तावेजों के साथ अदालत में उपस्थित होने का समन भेजा था। लेकिन न तो वह स्वयं ही उपस्थित हुआ और न ही उस ने अपनी ओर से किसी अन्य उत्तरदाय़ी अधिकारी को न्यायालय की सूचना की पालना करने के लिए भेजा।
इस लापरवाही पर कठोरता से कार्यवाही करते हुए न्यायालय ने उसे दस्तावेजों सहित निश्चित दिन उपस्थित करने का आदेश दिया और उस के न आने पर उसे गिरफ्तार करने के लिए जिला कलेक्टर को वारंट भेजा, यह भी कहा कि सुनवाई उसी दिन होगी। इस पर जिला कलेक्टर उपायुक्त और दस्तावेज ले कर तुंरत दौडे़ और रात के आठ बजे न्यायाधीश के आवास पर पहुँचे। न्यायाधीश ने उसी समय सुनवाई की और अगले दिन बिनाशर्त क्षमा आवेदन प्रस्तुत करने को कहा।
इस तरह तुरंत सुनवाई किए जाने योग्य मामलों की सुनवाई कर न्यायमूर्ति धीरूभाई नारायण भाई पटेल ने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह महान भारत भूमि है जिस पर समय समय पर वाइरल बुखार आते रहते हैं | देखना यह है कि यह बुखार कितने दिन रहते हैं| कुछ लोग प्रसिद्धि के लिए नए नए काम करते हैं| सरकारी दफ्तरों में जब भी कोई नया अधिकारी आता है तो वह अपने आप को बहुत सख्त बता है और कुछ दिनों में ढाक के तीन पात हो जाते हैं | अभी तक देश में टिकाऊ प्रकृति के सुधारों का अभाव रहा है इस बात का इतिहास साक्षी है | हमें टिकाऊ व्यवस्था की आवश्यकता है मात्र लोकप्रियता के लिए किये गए प्रदर्शनकारी कृत्यों से देश का भला नहीं हो सकता है|
सारी हताशा के बावजूद कुछ दिये तो जलते ही रहेंगे.
यह एक अच्छी खबर है । लेकिन इस तराह के कितने जज होंगे जो इस प्रकार की कार्यवाही करने की सोच सकते है ।
देर आयद– दुरुस्त आयद !!! एक अच्छी शुरुआत । बधाई । माननीय न्यायाधीश जी को सादर नमन ।
ये एक अच्छी खबर उपलब्ध कराई आपने। अनुकरणीय उदाहरण है।
नमन है पटेलजी को.
सराहनीय और अनुकरणीय!
वाकई यह एक नया अनुकरणीय उदाहरण.
माननीय न्यायमूर्ति का यह कदम स्वागत योग्य और सराहनीय है . आभार.
न्यायमूर्ति धीरूभाई नारायण भाई पटेल को इस सराहनीय और अनुकरणीय कार्य के लिये जितने धन्यवाद दिये जायें कम हैं. आज इस बात की बहुत आवश्यकता है.
रामराम.