हिन्दू स्त्री की संपत्ति उस के पूर्ण स्वामित्व की संपत्ति होती है।
गोपाल कुमार मोदी ने जमुई, बिहार से पूछा है-
मेरी माँ (विधवा) ने अपने जीवित रहते अपनी कुछ जमीन मुझे वैध रूपसे दान कर दी थी, अब मेरी भाभी (विधवा) उस जमीन का हिस्सा मांग रही है ।क्या उस जमीन पर उसका हक है या नहीं ? कृपया विस्तार मे बताएँ।
समाधान-
यदि यह जमीन आप की माँ की संपत्ति थी तो उसे दान कर देने का पूरा हक था। किसी भी हिन्दू स्त्री की संपत्ति उस के अपने पूर्ण स्वामित्व की संपत्ति होती है और उस में किसी का कोई हिस्सा नहीं होता। यदि वह जमीन आप की माँ ने आप को दान की है तो अब वह संपत्ति आप के स्वामित्व की है, किसी को भी उक्त जमीन में कोई हक नहीं है।
आप ने यह नहीं बताया है कि आप की विधवा भाभी किस आधार पर उस जमीन में अपना हिस्सा मांग रही है? हो सकता है कि यह जमीन आप के पिता की रही हो और उन के देहान्त के उपरान्त उस का उत्तराधिकार खुला हो। ऐसे में आप की माता को केवल उन का हिस्सा ही प्राप्त हुआ होगा। उस में आप का व आप के भाई बहनों का हिस्सा भी होगा। यह भी हो सकता है कि आप की माँ ने पिता की संपूर्ण भूमि जिस में आप का भाभी आदि का हिस्सा भी शामिल हो आप को दान कर दी हो। यदि ऐसा है तो भाभी का उस जमीन में हिस्सा हो सकता है। आप की माँ केवल अपने हिस्से की भूमि दान कर सकती थी। यदि आप की माँ ने केवल अपना हिस्सा दान किया है तो उस में किसी का कोई अधिकार नहीं है।
सर – मेरे पिता जी अपने मकान कि वसीयत करना चाहते है लेकिन हमारे पास कोई भी रजिस्ट्री और मकान कि कागज नहीं है , क्या हम अपने मकान की वसीयत रजिस्टार ऑफिस में न कराकर किशी नोटरी बकील से कराना चाहते है ,क्यों की रजिस्टार ऑफिस में पूरे कागजाद हो तभी वसीयत रेजिस्टर करते है . में बहुत परेशान हूँ.क्यों की मेरे पास मकान कि कागजाद नहीं है , और मकान कि जो कागजाद है वो मेरे बड़े भाई कि पास है और बो बेईमान है और वो मुझे कागजाद नहीं देता है और वो मेरे भी हक़ को अपने बेटो कि नाम करना चाहता है, इसलिय में अलग से वसीयत कराना चाहता हूँ ताकि मेरे बेटे सड़क पर न आपये .क्या में किशी नौटीरी बकील से वसीयत करा सकता हूँ. क्या करे .SIR