DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

अचल संपत्ति का हस्तान्तरण बिना पंजीकृत दस्तावेज के अमान्य है।

Joint propertyसमस्या-
वाराणसी, उत्तर प्रदेश से शैवी ने पूछा है-

मेरे दादा ने बड़ी माँ के नाम से जमीन 1907 में खरीदी और मकान पीएफ लोन  ले कर बनवाया।  अब मेरी बड़ी माँ ने अपने पति के मरने के बाद अपने लड़के के साथ मिलकर मुक़दमा कर दिया और कोर्ट के बाहर 100 के स्टाम्प पर सुलह कर के गाँव की जमीन के बदले मकान ले लिया।  ये तीन वर्ष पूर्व की बात है।  तीन वर्ष बाद बड़ी माँ का बेटा हमारे गाँव की जमीन में दावा कर रहा है। अब गाँव की जमीन भी बाँटनी है क्योंकि दादी मर गई।  मतलब गाँव के हिसाब से हम संयुक्त परिवार में है। और परिवार की बड़ी बहू ने यानि मेरी बड़ी माँ ने संयुक्त रूप से बने मकान में किसी को हिस्सा नहीं दिया और मकान सुलहनामे के माध्यम से ले लिया। उनका लड़का कहता है की पीला कर लिखवाया है। हम क्या करें?

समाधान-

खेती की जमीन का बँटवारा राजस्व न्यायालय से हो सकता है। लेकिन खेती की जमीन और मकान सारी संयुक्त संपत्ति का बँटवारा दीवानी न्यायालय कर सकता है। इस कारण यदि बड़ी माँ और उन का लड़का राजस्व न्यायालय में बँटवारे का वाद दायर करता है तो आप पूर्व में सुलह के आधार पर बड़ी माँ को दिए गए मकान व खेती की जमीन को शामिल करते हुए संपूर्ण संयुक्त संपत्ति के बँटवारे का दीवानी वाद दीवानी न्यायालय में कीजिए। दीवानी वाद प्रस्तुत करने के बाद राजस्व न्यायालय में उन के द्वारा खेती के लिए कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा और यदि पहले से प्रस्तुत कर दिया है तो सिविल न्यायालय से उस की सुनवाई रुकवाई जा सकती है।

कोई भी अचल संपत्ति केवल पंजीकृत प्रलेख के माध्यम से ही हस्तान्तरित की जा सकती है। इस कारण सुलहनामे का कोई प्रभाव नहीं है। मकान में सभी हिस्सेदारों का हक बना हुआ है। आप को सफलता मिलेगी। आप के द्वारा किए गए दीवानी वाद में वह सुलहनामा सामने आ सकता है। किन्तु उस में तो यह लिखा है कि खेती की जमीन के बदले दिया गया है इस कारण हो सकता है वह सामने ही नहीं आए। आएगा तो भी लाभ आप को ही होगा। आप अपने क्षेत्र के किसी अच्छे दीवानी मामलों के वकील को सभी दस्तावेज दिखाते हुए सलाह ले कर कार्यवाही करें।

One Comment