अचल संपत्ति दान कैसे करें?
|सरोज मंडल ने सिमरा, बिहार से पूछा है-
मेरे तो बेटी है, बेटा नहीं है। मैं चाहता हूँ कि अपनी संपत्ति अपने भतीजे के नाम दान कर दूँ। उस के लिए दान पत्र कैसे लिखवाएँ? सादा कागज पर लिख कर दें या फिर रजिस्ट्री कराएँ। क्या दानपत्र की रजिस्ट्री कराना जरूरी है? इस के नियम क्या हैं¿
समाधान-
यदि संपत्ति आप की स्वअर्जित संपत्ति है तो आप उसे भतीजे को दान कर सकते हैं। लेकिन यदि संपत्ति पुश्तैनी है तो 2005 से पुश्तैनी संपत्ति में बेटी का अधिकार है। यदि आप की एक ही बेटी है तो जितनी संपत्ति है उस में आधा हिस्सा आप की बेटी का है। आधा हिस्सा आप का है। आप केवल अपना हिस्सा भतीजे को दान कर सकते हैं। बेटी वाला आधा हिस्सा नहीं।
दान पत्र से अचल संपत्ति का हस्तान्तरण ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी है। इस कारण इस का पंजीयन कराना जरूरी है। इस के पंजीयन में उतना ही शुल्क और स्टाम्प लगेगा। जितना उस जमीन को विक्रय करने में लगता है। इस की जानकारी आप अपने इलाके के उप पंजीयक कार्यालय से कर सकते हैं। सभी राज्यों में अलग अलग स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क की दरें भिन्न हैं।
एक बात ध्यान रखें कि आप ने यदि संपत्ति एक बार दान कर दी तो उस दान को आप रद्द नहीं कर सकते। यदि आप को बाद में लगा कि भतीजा सही नहीं है और आप ने उस के नाम संपत्ति को दान कर के गलती की तो आप उस दान पत्र को रद्द कर के संपत्ति को वापस प्राप्त नहीं कर सकते। भतीजा आप के जीवन में उक्त संपत्ति के सभी लाभ आप को देने से भी इन्कार कर सकता है। इस के स्थान पर यदि आप भतीजे को संपत्ति देना ही चाहते हैं तो उस संपत्ति की वसीयत कर उसे पंजीकृत करा दें। इस से आप के भतीजे को वह संपत्ति आप के जीवनकाल के उपरान्त मिलेगी। आप को यह भी सुविधा रहेगी कि आप के जीवनकाल में आप उक्त संपत्ति के लाभ लेते रहेंगे और स्वामी बने रहेंगे। आप का मन बदले तो अपने जीवनकाल में आप उक्त वसीयत को रद्द भी कर सकते हैं और बदल भी सकते हैं।
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
गणेशोत्सव की मंगलकामनायें।