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अनुकम्पा नियुक्ति के लिए पुत्रवधु आश्रित की श्रेणी में नहीं।

rp_Compassionate-Appointment.jpgसमस्या-

हरिओम सोनी ने कोटा, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-


मेरे अॉफिस में एक वर्कचार्ज कुली की मृत्यु दिनांक 02.09.2015 को गई।  मृतक के एक मात्र पुत्र था, जिस की भी वर्ष 2012 में मृत्यु हो चुकी है। मृतक कुली की अब मात्र एक वारिस पुत्रवधु ही है।  क्या पुत्र वधु को अनुकंपा नियुकि़त मिल सकती है? यदि हां तो किस नियम के तहत कृपया शीघ् अवगत कराने की कृपा करें।

समाधान-

राजस्थान के अनुकम्पा नियुक्ति नियमों में विधवा पुत्रवधु को आश्रितों में सम्मिलित नहीं माना गया है। इस कारण सामान्य नियमों के अन्तर्गत पुत्र वधु को नियुक्ति मिलना संभव नहीं है। लेकिन यदि परिवार में वह एक मात्र आश्रित है तो उस से आवेदन प्रस्तुत करवाया जा सकता है। यह आवेेदन सामान्य नियमों में निरस्त किए जाने योग्य है। इस कारण से इसे नियम 13 के अन्तर्गत राय प्राप्त करने के लिए विभाग द्वारा राज्यसरकार को भेजा जा सकता है। फिर भी अधिक संभावना है कि यह निरस्त ही होगा।

लेकिन इस मामले में एक मात्र आश्रित होने के कारण इस मामले में आवेदन निरस्त होने पर आवेदन निरस्त होने के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत की जा सकती है और न्यायालय उसे स्वीकार करते हुए उसे नियुक्ति देने का आदेश दे भी सकता है और नहीं भी दे सकता है। लेकिन इस मामले में पुत्र वधु को इस तथ्य के मजबूत सबूत देने होंगे कि वह पूरी तरह मृतक कर्मचारी की आश्रिता थी। हमारी राय में उस महिला को आवेदन तुरन्त प्रस्तुत कर देना चाहिए। आगे की कार्यवाही को आगे की परिस्थितियों पर छोड़ देना चाहिए।

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