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अपनी गलती सच्चे दिल से स्वीकार करें तो मसला सुलझ सकता है।

handshakeसमस्या-

अबरार ने सागर, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मेरी शादी को 2 साल हो गये हैं और हमारे यहा 1 लडका भी हो गया जो 3 माह का हो गया है। अभी तक सब ठीक था। लडका होने के बाद मैं ने उसका अकीका किया जिस में अपनी हैसियत के हिसाब से बस अपने घर वालों को ही बुलाया और किसी को नहीं, ससुराल वालों को भी नहीं बुलाया। जिससे उनको बहुत खराब लगा और मेरे घर आकर मेरी माँ से लडाई की और मैं घर में नहीं था और मेरी बीबी व लड़के को ले गये। मेरे घर में मैं और मेरी मां हैं। 2 माह के बाद मैंने ससुर से कहा कि मैं अपनी बीबी को लेने आ रहा हूँ तो उनका कहना है कि हम नहीं भेजेंगे। मेरी बीबी भी नहीं आना चाहती और उन्हों ने धमकी भी दी है कि तुम्हे दहेज में फँसा देंगे। अब मैं क्या करुँ? कोई कानून है जिसका मैं सहारा लूँ! जिससे मेरी बीबी घर आ जाये।

समाधान-

भारत में ऐसा कानून नहीं है कि बीवी यदि शौहर के साथ आ कर न रहना चाहे तो उसे जबरन ला कर शौहर के साथ रखा जा सके। यदि दुनिया में कहीं ऐसा कानून हुआ भी और बीवी को ला कर रखे जा सकने की स्थिति बने तो भी साथ रहने को जबरन लायी गयी बीवी एक गुलाम अधिक होगी बीवी कम। खैर¡

यदि आप चाहते हैं कि बीवी आप के साथ आ कर रहे तो आप को उसे और उस के पिताजी को मनाना पड़ेगा। गलती आप की भी है। जब आप अपने बेटे का अकीका कर रहे थे तो वह केवल आप का बेटा नहीं था वह आप की बीवी का भी बेटा था। यदि आप ने अपने परिवार को बुलाया था तो अपनी बीवी के परिवार को भी बुलाना था। आप ने अकीका करने के पहले अपनी बीवी से सलाह नहीं की। आपने अपनी माँ और अन्य परिजनों से सलाह की होगी तो आप को अपने ससुर से भी सलाह करनी चाहिए थी।

यह वाकई आप की बीवी और आप के ससुर को बुरा लगने वाली बात थी। चाहे आप केवल अपने परिवार को ही बुलाते। लेकिन यदि आप इस आयोजन के बारे में ससुर जी से सलाह कर लेते तो यह स्थिति नहीं बनती। आप के ससुर भी अपने नाती के अकीके पर कुछ न कुछ करना चाहते होंगे लेकिन वे उस अवसर से वंचित हो गए। यदि आप आयोजन के पहले उन्हें समझाते कि सब को बुलाने से बहुत खर्चा हो जाएगा। अच्छा यह होगा कि यह खर्चा बच्चे की सेहत और अध्ययन के काम में लिया जाए।

जहाँ तक दहेज का मामला बनाने की बात है तो यह एक फर्जी मुकदमा होगा लेकिन फिर भी यदि फर्जी मुकदमा भी कर दिया तो दोनों पक्ष परेशान होंगे, साथ में एक छोटा बच्चा भी। खर्चा भी बहुत होगा जिसे मुझे लगता है दोनों ही पक्ष बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे। इस तरह की कार्यवाही से बचना ही दोनों पक्षों के लिए उचित होगा।

अब जो हुआ सो हुआ। आप ससुर जी से फिर कहिए कि आप उन के यहाँ आ रहे हैं। वे आपी की बीवी को भेजें या न भेजें आप बच्चे से मिल कर ही लौट आएंगे। आप जब वहाँ जाएँ तो खुले दिल से अपनी गलती को ससुर जी, बीवी और उन के परिवार के सामने स्वीकार कर लें। भविष्य में ऐसी गलती न करने का वादा करें। आप की समस्या सुलझ सकती है।

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