अवयस्क अवस्था में विवाहित स्त्री गौना न होने पर भी पहले विवाह को समाप्त किए बिना विवाह नहीं कर सकती
| दिनेश सिंह ने पूछा है –
मैं एक लड़की से प्रेम करता हूँ, लेकिन उस की शादी 2006 में हो चुकी है, जब कि वह नाबालिग थी। अभी उस की विदाई (गौना) नहीं हुई है। मैं उस से शादी करना चाहता हूँ। क्या उस का तलाक लेना जरूरी है?
उत्तर –
दिनेश जी,
लड़की का विवाह हुए लगभग पाँच वर्ष हो चुके हैं। इस से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आप का प्रेम प्रसंग उस के विवाह के बाद ही आरंभ हुआ होगा। प्रेम की गाड़ी को आगे बढ़ाने के पहले ही आप को सोचना चाहिए था कि आप दोनों के विवाह में लड़की का पूर्व से विवाहित होना बाधा है। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा -5 में वैध विवाह की पहली शर्त ही यही है कि विवाह करने वाले स्त्री-पुरुष का जीवनसाथी (पति/पत्नी) जीवित नहीं होना चाहिए। इस तरह उस लड़की का तलाक हुए बिना उस के साथ किसी भी व्यक्ति का विवाह वैध नहीं होगा।
अब आप क्या करें?
सब से पहला विकल्प तो यह है कि आप उस लड़की के साथ विवाह का विचार त्याग दें, उस के भावी जीवन की कठिनाइयों को देखते हुए उस से सभी तरह के संबंध समाप्त कर लें। अपनी प्रेमिका की विदाई होने दें और उसे उस के साथ वैवाहिक जीवन बिताने दें।
दूसरा विकल्प प्रयोग करने के पहले आप को यह जानना होगा कि क्या वह लड़की अपने पति से तलाक ले कर आप से विवाह करना चाहती है? क्या इस के लिए उस लड़की के माता-पिता और परिवार सहमत होंगे? क्या आप का परिवार इस के लिए सहमत होगा? और क्या उस लड़की के पति का परिवार इस से सहमत होगा? यदि यह सब हो जाए, या इस के बिना भी तीनों परिवारों की इच्छा के विरुद्ध, उन के प्रतिरोध को झेलते हुए भी आप विवाह करना ही चाहते हैं तो सबसे पहले आप की प्रेमिका को अपने पति से हुए विवाह को समाप्त करने के लिए कानूनी कार्यवाही करनी होगी। विवाह को हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 11 के अंतर्गत वर्णित आधारों पर शून्य होने की घोषणा कराई जा सकती है, विवाह को धारा 12 के अंतर्गत वर्णित आधारों पर शून्य घोषित कराया जा सकता है, अथवा धारा-13 के आधारों पर विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त की जा सकती है।
विवाह विच्छेद के लिए धारा-13 की उपधारा (2) vi के अंतर्गत एक आधार यह भी है कि यदि लड़की का विवाह 15 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पूर्व हुआ हो और 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पहले लड़की उस विवाह को अस्वीकार (Repudiate) कर दे तो वह इस अस्वीकृति (Repudiation) के आधार पर वह विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकती है। इस के लिए न्यायालय में यह साबित करना होगा कि विवाह के समय लड़की की आयु 15 वर्ष से कम की थी और उस ने 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पहले विवाह को अस्वीकार (Repudiate) कर दिया था।
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3 Comments
एक अच्छी सलाह, धन्यवाद
गुरुवर जी, आपने श्री दिनेश सिंह को बहुत अच्छी सलाह दी है और साथ में मुझे भी हिन्दू विवाह अधिनियम की कई धारों की जानकारी प्राप्त हुई.वैसे मेरे विचार में अगर उपरोक्त लड़की की नासमझी में हुई शादी से खुश नहीं है. तब लड़की अपने माता-पिता को बताना चाहिए और उसके माता-पिता को भी इस बात को समझना चाहिए.
यह टी.आर.पी जो संस्थाएं तय करती हैं,वे उन्हीं व्यावसायिक घरानों के दिमाग की उपज हैं.जो प्रत्यक्ष तौर पर मनुष्य का शोषण करती हैं.इस लिहाज से टी.वी.चैनल भी परोक्ष रूप से जनता के शोषण के हथियार हैं,वैसे ही जैसे ज्यादातर बड़े अखबार.ये प्रसार माध्यम हैं जो विकृत होकर कंपनियों और रसूखवाले लोगों की गतिविधियों को समाचार बनाकर परोस रहे हैं.? कोशिश करें-तब ब्लाग भी "मीडिया" बन सकता है क्या है आपकी विचारधारा?
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (16-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/