आपसी बातचीत और काउंसलिंग से समस्या का हल निकालें।
|समस्या-
प्रमोद कुमार दास ने पश्चिम बंगाल से पूछा है-
मेरा विवाह 15.12.2013 को हुआ। मेरी पत्नी 3-4 दिन रही और वपास अपनी माँ के यहाँ चली गई।अब हमारे ऊपर धारा 498 ए/ 323/406 भा.दंड संहिता व धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता का मुकदमा कर दिया है। मैं क्या करूँ?
समाधान-
महज 3-4 दिन साथ रहने पर इस तरह का विवाद का उत्पन्न होना गलत बात है। इस का सीधा अर्थ यह है कि आप ने पत्नी को विवाह के पूर्व न तो यह बताया कि उसे ससुराल में कैसे रहना होगा, उस के क्या दायित्व होंगे और आप उस से कैसा व्यवहार चाहते हैं। न आप ने यह जानने की अपेक्षा की कि एक बार ससुराल आने पर उस की अपेक्षाएँ क्या होंगी। अधिकतर विवाद अपेक्षाओं तथा अवांछित दायित्वों की पूर्ति न होने तथा व्यवहार के संबंध में होने वाले मतभेदों से उत्पन्न होते हैं। आप ने अपनी समस्या में यह भी नहीं बताया कि इन तीन चार दिनों में हुआ क्या था जिस से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
पत्नी ने आप पर मारपीट का आरोप लगाया है। ससुराल वालो पर मारपीट का आरोप 498-ए बन जाता है। 406 का अर्थ है कि वह अपना स्त्री-धन यहाँ छोड़ गई है उसे मांग रही है। आप को उस का स्त्री-धन तुरन्त लौटा देना चाहिए, या फिर पुलिस थाने में प्रस्तुत कर देना चाहिए। मुकदमा अदालत तक जाए तो उस में अपना बचाव मजबूती से करना चाहिए। आप की पत्नी आप से भरण पोषण की राशि भी मांग रही है जो आप को देनी ही होगी।
विवाह के एक वर्ष तक की अवधि में विवाह विच्छेद की अर्जी नहीं लगाई जा सकती। इस कारण से इस समस्या का हल आपसी बातचीत से या फिर मध्यस्थों के माध्यम से काउंसलिंग के जरिए निकाला जा सकता है। मेरा मानना है कि आप को तमाम पूर्वाग्रह त्याग कर अपनी पत्नी और ससुराल वालों से बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाएंगे और यदि आप की कोई गलती रही हो तो उसे गलती के रूप में स्वीकार करेंगे तो हल जल्दी निकलेगा।
Pramod maharaj ji……ladki aapke pariwar ke layak nahi…jesa aapne bataya he ki mahaz 4-6 din aapke saatha rahi…..dost itne kam deeno me ek dusre ko koi kesa samzega….7 janmo ka saath hota he pat-patni ka….or wo ladki 7-deen bhi nahi nibha paai….seedha sa matlab he ki wo aapko nahi chahti….or yadi aap or wo ek ho bhi jaate ho to dono hi khush nahi rah paaoge…..wo jis mahal me rahi rahi he wo theek nahi…..aaj ki latest bollywood styles or filmo ki wajah se ab pariwarik mahole nahi raha …..mera aapse nivedan he ki aapas me baithkar Diveorce kar lewe…..haa parishaniya to hongi….par aage ki life sudhar jaayegi….
१.हम दोनों के बिच न तो गोली गलोज हुआ और न ही मार पिट.
२.हैम दोनों के बिच न hi शारीरिक सम्बन्ध हुआ(लड़की तैयार नहीं थी लड़की का कहना है कि मेरी saddi जोर जबर दस्ती ममी पापा कर दिए है हम आपको पति नहीं मानते है)
३.लड़की का कहना है मांग में सिंदूर लगाने के अबज में १०००० दस हजार रूपया सराफत से दे दो नहीं तो आगे भुगतो ge
४.मैंने लड़की के माँ पापा को पैर पकर कर सारी बाते बताये, मां, पापा का कहना है कि जैसा लड़की कहती है वेसा ही करो.लड़की सेंटी मेंटल है कुछ भी कर सकती है.
५.लड़की को उसी दिनलेकर चले गए, मै मजबूरन आपनी ममी पापा को गाउ से कोल्कता आने को कहा,
६.मेरे ममी पापा उनके यहाँ गए लेकिन ladki आने के लिए तैयार नहीं हुए
७.समाज में दस आदमी के बिच आने का अनुग्रह किये लेकिन लड़की के पापा आने से मना कर दिए
८.लड़की के पापा का कहना है कि हम समाज को नहीं मानते hai
७.हम लोग समस्या का समाधान करने कि कोसिस में lage हुए थे और उधर लड़की और उसके परिबार बाले ने केस कर दिए.८
८.मैं प्रमोद कुमार दस आप लोगो से अनुरोध करता हु कि हमारा मज़बूरी समझ सही और उचित सलाह दे.