उत्तराधिकारियों द्वारा मृतक की संपत्ति का विक्रय
| संजीव चौधरी पूछते हैं –
पिताजी का स्वर्गवास जुलाई 2008 में हो गया था। उन्होंने करीब तीन दशक पूर्व एक नगरीय भूखंड खरीदा था। अब हम वह भूखंड बेचना चाहते हैं। इसके लिए हमें क्या क्या कानूनी कवायद करनी होगी? परिवार में मां के अलावा मैं और मेरा छोटा भाई है। हम दोनों विवाहित हैं। मेरे परिवार में पत्नी व एक पुत्री (5 माह) है। छोटे भाई के परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्री (14 वर्ष) एवं एक पुत्र (9 वर्ष) हैं। भूखंड बेचने की सभी में सहमति है और कोई विवाद नहीं है। कागजात अभी भी पिताजी के ही नाम पर हैं। मैं यह जानना चाहता हूं कि इस भूखंड की बिक्री किसके हस्ताक्षर से होगी, मां या हम दोनों भाइयों में से कोई भी या हम सभी संयुक्त रूप से करेंगे ? क्या बिक्री से पूर्व नामांतरण आदि जैसी कोई प्रक्रिया कराना होगा ? क्या हमें किसी प्रकार का कोई कर आदि भी देना होगा ? कृपया संक्षेप में पूरी प्रक्रिया सिलसिलेवार ढंग से बताएं। यदि कोई पोस्ट इससे संबंधित पूर्व में प्रकाशित की हो तो उसका लिंक दे सकते हैं।
उत्तर –
संजीव जी,
आप ने यह नहीं बताया कि यह भूखंड लीज-होल्ड का है अथवा फ्री-होल्ड का है। यदि यह भूखंड लीज होल्ड का है तो आप को पहले नगर पालिका/विकास न्यास/प्राधिकरण में नामांतरण करवाना होगा और उस के उपरांत उसे विक्रय करने की अनुमति प्राप्त करनी होगी। यदि कोई लीज रेंट आप की ओर बकाया होगा तो उसे जमा किए बिना न तो नामांतरण हो सकेगा और न ही विक्रय करने की अनुमति प्राप्त हो सकेगी। यह आप को पिताजी के नाम जो विक्रय पत्र पंजीकृत है उसे पढ़ने से पता लग जाएगा कि भूखंड लीज-होल्ड का है अथवा फ्री-होल्ड का है। यदि भूखंड फ्री-होल्ड का है तो इस तरह की या किसी भी प्रकार की अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।
आप के पिता जी के देहान्त के साथ ही उनके प्रथम श्रेणी के सभी उत्तराधिकारी संयुक्त रूप से उस भूखंड के स्वामी हो चुके हैं। आप के मामले में आप, आप का भाई और आप की माता जी इस भूखंड के स्वामी हैं। किसी भी संपत्ति के विक्रय पत्र पर उस के सभी स्वामियों अथवा उन के मुख्तार-आम के हस्ताक्षर आवश्यक हैं, उन का पंजीयन के लिए उप पंजीयक के कार्यालयम में उपस्थित होना भी आवश्यक है। इस कारण से इस भूखंड को विक्रय करने के लिए इस के विक्रय पत्र पर आप तीनों को ही हस्ताक्षर करने होंगे और उप पंजीयक के कार्यालय में उपस्थित होना पडे़गा। यदि आप तीनों में से कोई एक या दो विक्रय पत्र को पंजीयन कराने के लिए उपलब्ध होने की स्थिति में नहीं हों तो आप तीनों में से किसी को भी, शेष दो व्यक्ति मुख्तारनामा-आम (General Power of Attorney) निष्पादित कर उसे अपना मुख्तार आम नियुक्त कर सकते हैं। इस मुख्तारनामे के आधार पर मुख्तार स्वयं अपनी ओर से तथा जिन्हों ने उसे मुख्तार-आम नियुक्त किया है उन की ओर से संपत्ति को विक्रय करने के लिए विक्रय का इकरारनामा (संविदा) निष्पादित कर सकता है और विक्रय पत्र निष्पादित कर उसे पंजीकृत करवा सकता है।
आप ने अपनी और अपने भाई की पत्नी और बच्चों का भी उल्लेख किया है। लेकिन इस संपत्ति में अभी उन का कोई अधिकार नहीं है। इस कारण से उन का इस के विक्रय से कोई संबंध भी नहीं होगा।
More from my site
6 Comments
मेरे पिताजी की ५ बहिन है. उनमे से १ की मौत हो चुकी है. अब पिताजी और ४ बुआजी है. हमारी जमींन ८ लोगो के नाम है. जिसमे उन बुआजी का नाम भी है जिनका स्वर्वास हो चूका है. अब उनके बेटे का नाम जमीन में जोड़ा जा रहा है. जबकि बुआजी के लकड़े का कहना है की उन्हें मामाजी की जमीन से कोई मतलब नहीं है. ४ बुहाजी का भी यही कहना है. सभी का कहना है की जमीन पापा के नाम हो जाये. इसके लिए १ आवेदन तहसीलदार के यहाँ लगाया था. ४ बुहाजी और १ बुहाजी के लड़के ने तहसीलदार के सामने बयान दिया की हमें भाई की जमीन से कुछ नहीं चाहिए. हमारे जीते जी जमीन को भाई के नाम कर दिया जाये. अभी तहसील मई मामले को डेड साल हो गए लेकिन तहसीलदार ने फैसला नहीं दिया. अब उनका कहना है की जमीन की रजिस्ट्री कराओ. जबकि पहले कहा था की सभी के बयां और सपथ पत्र देने के बाद जमीन का नामांतरण १ के नाम कर दिया जायेगा. मेरी समझ मई नहीं आ रहा की जमीन पिताजी के नाम से कैसे होगी. क्योंकि सभी बुहाजी बुजुर्ग है . उनके जाने के बाद तो जमीन उनकी ओउलाद के नाम भी होगी. तब तो जमीन के करीब ३५ से जयादा स्वामी हो जायेंगे. कृपया मुझे बताये की जमीन का स्वेच्छिक नामांतरण कैसे होगा. जिससे रजिस्ट्री का लफड़ा न हो. हमारी ३.८० हेक. कृषि भूमि है
@डॉ टी एस दराल
डॉक्टर साहब!
यदि भूखंड फ्री-होल्ड का है तो नामान्तरण की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि भूखंड फ्री-होल्ड का न हो कर लीज का है तो फिर उत्तराधिकार के आधार पर न केवल नामान्तरण की आवश्यकता होगी अपितु विक्रय की अनुमति भी प्राप्त करनी होगी।
अच्छी जानकारी.
द्विवेदी जी , क्या इस केस में पहले उत्तराधिकारियों को नाम ट्रांसफर नहीं कराना होगा ? कृपया यह बताएं ।
बहुत उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी मिली.
रामराम
गुरुवर जी, आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है.