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उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार हक न मिलने पर बँटवारे का वाद संस्थित करें।

समस्या-

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियमप्रदीप माथुर ने अजमेर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मैं अविवाहित और बेरोजगार हूँ। मेरे पिताजी का देहान्त 18 माह पहले हुई है। मेरे पिताजी के दो मकान है एक 80 वर्ष पुराना है और दूसरा नया है। उन्हों ने कोई वसीयत नहीं लिखी है। मेरे बड़े भाई ने जो कि केन्द्रीय सरकार की नौकरी में है नए मकान पर कब्जा कर लिया है। मैं वर्तमान में पुराने मकान में रहता हूँ। भाई मेरा हक नहीं देना चाहता है क्या मैं अदालत में जा सकता हूँ?

समाधान-

प के पिताजी ने वसीयत नहीं की है इस कारण उन की जो भी संपत्ति है उस का बँटवारा हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार होगा। जिस के अनुसार पुत्र, पुत्रियाँ और पत्नी बराबर के हकदार हैं। आप ने अपनी समस्या में आप की माताजी और बहनों का कोई उल्लेख नहीं किया है जब कि वे भी पिता की संपत्ति में बराबर की हकदार हैं।

प उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए दीवानी न्यायालय (जिला न्यायायाधीश) के न्यायालय में बँटवारे का वाद संस्थित कर सकते हैं जिस में आप को अपने पिता के सभी उत्तराधिकारियों को पक्षकार बनाना होगा। इस वाद में बंटवारा करते हुए प्रत्येक उत्तराधिकारी को उस का अलग हिस्सा और उस पर कब्जा दिलाने की राहत की मांग करनी होगी।