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उत्तराधिकार में प्राप्त किसी भी संपत्ति पर केवल प्राप्तकर्ता का ही अधिकार होगा, उस के पुत्र पुत्रियों का नहीं।

समस्या-

झाँसी, उत्तर प्रदेश से नीरज अग्रवाल पूछते हैं –

क्या माता से उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति में बेटी का अधिकार होता है?

समाधान-

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम दिनांक 17 जून 1956 से प्रभावी हुआ है। इस अधिनियम के प्रभावी होने के उपरान्त इस अधिनियम के अंतर्गत उत्तराधिकार में प्राप्त किसी भी संपत्ति पर केवल उत्तराधिकार में प्राप्त करने वाले व्यक्ति का ही अधिकार होता है अन्य किसी का नहीं।

स अधिनियम की धारा 14 के अनुसार किसी भी स्त्री की संपत्ति उस की व्यक्तिगत संपत्ति होती है। इस कारण उस से उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति भी संपत्ति को प्राप्त करने वाले की व्यक्तिगत संपत्ति होगी। धारा-15 की उपधारा (क) के अंतर्गत ही किसी को मातृपक्ष की संपत्ति प्राप्त हो सकती है। इस उपधारा में कहा गया है कि किसी स्त्री की मृत्यु के उपरान्त उस की संपत्ति उस के पुत्र-पुत्रियों (और पूर्व मृत पुत्र पुत्रियों की संतानों) को प्राप्त होगी। इस में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि जीवित पुत्र पुत्रियों के पुत्र पुत्रियों को भी संपत्ति प्राप्त होगी।  इस कारण से माता या मातृ पक्ष से प्राप्त संपत्ति पर केवल संपत्ति प्राप्त करने वाले का ही अधिकार होगा। यह उस की स्वयं की संपत्ति होगी। उस में संपत्ति प्राप्त करने वाले व्यक्ति के जीवित रहते उस के पुत्र पुत्रियों का कोई अधिकार नहीं होगा।

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