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दत्तक का पूर्व संपत्तियों पर अधिकार

Mother Holding Child's Handसमस्या-
अखिलेश चौधरी ने जोधपुर, राजस्थान से पूछा है-

मेरे दादाजी के 7 संताने हैं मेरे ताउजी के कोई संतान नहीं हैं उनके पास काफी चल और अचल संपति हैं, जिस में से कुछ तो मेरी ताउजी के नाम से हैं उन्‍होने मेरे छोटे भाई को गोद ले रखा है। किन्‍तु मेरी जानकारी में किसी प्रकार का गोदनामा/ इकरारनामा अथवा वसीयत या गोद लेने का पंजीयन नहीं है।  लोक नजर में वह उनका गोदपुञ है व उसका परिवार उनके साथ रहता है। आप मुझे यह अवगत करावें कि वह ताउजी की संपति के साथ साथ मेरे पिताजी की संपति में भी उत्‍तराधिकार हक रखता है या अथवा दोनों में। इस प्रकार का गोद नियम सम्‍मत होगा या नहीं?  क्‍योंकि मेरी ताईजी कहती हैं कि वह हमारी जमीन में भी हिस्‍सा लेगा अथवा उनके रहमोकरम पर हमारे लिये हिस्‍सा छोडेगा। इस संबंध में मुझे कानूनी राय दें।

समाधान-

त्तक ग्रहण दत्तक के दस्तावेज को पंजीकृत करवा कर भी किया जा सकता है। लेकिन इस दस्तावेज का पंजीकृत होना जरूरी नहीं है। लेकिन यह आवश्यक है कि दत्तक ग्रहण के समय दत्तक ग्रहण किए जाने वाले व्यक्ति की आयु 15 वर्ष से अधिक नहीं हो। इस कारण यदि आप के भाई को अभी तक गोद नहीं लिया गया है तो अब गोद लेना संभव नहीं है। यदि दत्तक ग्रहण का दस्तावेज पंजीकृत न हो तो गोद लेने की रस्म रिवाज के अनुसार होना जरूरी है। यदि यह रस्म समारोह नहीं हुआ है और उस की कोई साक्ष्य नहीं है तो उस का गोद लिया जाना प्रमाणित होना कठिन है।

दि किसी व्यक्ति को कानूनी तरीके से गोद नहीं लिया गया है तो वह अपने दत्तक पिता की संपत्ति को उत्तराधिकार में प्राप्त नहीं कर सकता। उसे संपत्ति प्राप्त होने का केवल वसीयत के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है।

प के मामले में आप के भाई को गोद लेना प्रमाणित नही है। हो सकता है उसे गोद पुत्र कहा जाता हो लेकिन केवल उस के नाम वसीयत ही कर रखी हो जो कि पंजीकृत नहीं हो। वसीयत का पंजीकृत होना आवश्यक नहीं है।

गोद जाने वाले व्यक्ति की अपने मूल परिवार में जो भी प्रास्थिति होती है वह समाप्त हो जाती है। अर्थात उस का अपने मूल परिवार से उत्तराधिकार का अधिकार समाप्त हो जाता है। लेकिन यदि वह गोद जाने के पहले ही कोई संपत्ति प्राप्त कर चुका है या किसी संपत्ति में अधिकार प्राप्त कर चुका है तो उस पर उस का अधिकार समाप्त नहीं होता।

प के मामले में आप के भाई का आप के पिता की संपत्ति में अधिकार बना हुआ है क्यों कि उस के गोद जाने का कोई प्रमाण नहीं है। इस कारण वह अपने कथित गोद पिता की संपत्ति को तो प्राप्त करेगा ही वह अपने मूल परिवार की संपत्ति भी उत्तराधिकार में प्राप्त करेगा।

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