DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

उत्तराधिकार में प्राप्त मकान के पंजीयन की कोई आवश्यकता नहीं है।

house lockedसमस्या-

अंकित ने इन्दौर, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-

म जिस मकान में रहते है वो मेरे दादाजी ने सन १९५८ में ख़रीदा था। मेरे दादाजी के चार बेटे हैं। दादाजी की वसीयत के मुताबिक उस मकान के चार हिस्से हुए जो कि चारों बेटो में बांट दिए जिस में से एक हिस्सा मेरे पिताजी को भी मिला और उस हिस्से में हम रहते हैं। बाकि तीनो भाई अपने-अपने हिस्से में उस मकान में कभी नहीं रहे। मेरे पिताजी का देहांत हो चुका है और अब मैं उस हिस्से को जो की मेरे पिताजी को मिला था उसे अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराना चाहता हूँ। दादाजी और दादीजी का भी देहांत हो चुका है कृपया सुझाव दीजिये।

समाधान-

प के दादा जी ने मकान खरीदा था। उस का विक्रय पत्र आप के पास होगा। यदि नहीं है तो उस की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त की जा सकती है। वसीयत से उस का एक हिस्सा आप के पिताजी को प्राप्त हुआ है। वसीयत आप के पास होगी अन्यथा उस की प्रमाणित प्रति अपने पास रखिए। पिताजी की मृत्यु के उपरान्त मकान का पिताजी का हिस्सा उन के सभी उत्तराधिकारियों के हिस्से में आ चुका है। अर्थात आप की माताजी और भाई बहन यदि कोई हों तो उनका हिस्सा भी उस में है। यदि कोई नहीं है तो मकान का हिस्सा स्वतः ही आप के नाम है। यदि मकान इन्दौर में है तो आप नगर निगम में आवेदन दे कर उस हिस्से को अपने नाम करवा सकते हैं। इस तरह मकान आप को उत्तराधिकार में मिला है उस के लिए किसी प्रकार के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है।

दि आप की माताजी, भाई बहन भी हैं तो उन का हिस्सा भी मकान में आप के पिता वाले हिस्से में हिस्सा है। यदि आप के अतिरिक्त मकान के उस हिस्से के हिस्सेदार अपने हिस्से को को आप के नाम रिलीज करते हुए रिलीज डीड पंजीकृत करवा दें तो मकान के आप के पिता वाले हिस्से के आप एक मात्र स्वामी हो जाएंगे। उक्त सब दस्तावेजों के आधार पर आप इन्दौर नगर निगम में मकान के उक्त हिस्से का नामान्तरण करवा सकते हैं।

3 Comments