कानूनी आधार उपलब्ध होने पर ही विवाह विच्छेद संभव है. . .
|समस्या-
गया, बिहार से कुंदन कुमार ने पूछा है –
मेरी पत्नी ने महिला थाना में मारपीट की शिकायत की। मैं समझौता कर के वापस ले आया। फिर 10 दिन बाद मेरे ससुर ने मेरे घर पर आ कर हमें तथा बहनों और माँ को मारपीट कर तथा मेरा पैसा तथा सोने की अंगूठी ले गये और पत्नी भी साथ चली गयी। मैं ने अदालत में केस कर दिया। मेरी पत्नी ने भी 498ए मेरे केस के 10 दिन बाद किया है। अंतरिम जमानत के लिए मैं ने हाईकोर्ट में आवेदन किया है। आगे क्या तलाक ले सकता हूँ?
समाधान-
आप के द्वारा बताए गए तथ्यों से तो यही पता लगता है कि आप ने और आप के परिजनों ने आप की पत्नी के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया जिस के कारण यह परिस्थितियाँ पैदा हुई हैं। आप की पत्नी के मायके वालों के व्यवहार से और दोनों द्वारा किए गए मुकदमों से तो यही लगता है कि अब दोनों के बीच विवाह विच्छेद के सिवा कोई मार्ग शेष नहीं रहा है। आप की पत्नी के पास तो क्रूरता का एक कारण आप से विवाह विच्छेद हेतु दिखाई दे रहा है। लेकिन आप के पास पत्नी से तलाक लेने का कोई प्रत्यक्ष आधार दिखाई नहीं दे रहा है।
हिन्दू विवाह अधिनियम में केवल धारा 13 में वर्णित आधारों पर ही एक पति अपनी पत्नी से विवाह विच्छेद करवा सकता है। यदि आप के पास उन आधारों में से कोई आधार उपलब्ध हो तो आप अपनी पत्नी के विरुद्ध विवाह विच्छेद के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप और पत्नी के बीच यदि कुछ शर्तों पर सहमति बन जाए तो धारा 13 बी के अंतर्गत सहमति से भी विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त की जा सकती है। आप ने पहले भी मुकदमा किया है और उच्च न्यायालय में जमानत का आवेदन भी किया है। इस से स्पष्ट है कि आप को वकीलों की सहायता प्राप्त है। आप को इस विषय में अपने वकीलों को सारे तथ्य बता कर सलाह लेनी चाहिए और तदनुसार कार्यवाही करनी चाहिए।