कानूनी लड़ाई के स्थान पर पत्नी के साथ एकान्त में समय बिताएँ और काउंसलर की मदद लें।
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तीसरा खंबा के सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस पर बधाई और शुभकामनाएँ !!!
समस्या-
राजीव भारद्वाज ने सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से पूछा है-
मेरी शादी 21 मार्च 2010 को मुरादाबाद से हुए थी। हम ने सभी ने मिलकर शादी का फंक्शन किया था। शादी से पहले मेरी फ़ोन पर जब भी उससे बात होती थी वह मुझे बहुत तेज-तराक लगती थी। मैं ने अपनी फैमिली में बताया भी था, कि यह बहुत तेज लड़की है। शादी से पहले उसने मुझे बताया था कि मेरी फैमिली में सब ठीक है लेकिन मेरी मदर बहुत तेज है। उसने मेरी फैमिली के बारे में मुझे पूछा मैं ने कहा कि हमारी फैमिली में सब ठीक हैं, सभी इज्जत वाले हैं। शादी से पहेले मैं ने उनसे कहा था कि हमें मॉल धन नहीं चाहिए हमें बस इज्जत चाहिए। उसने मुझे कहा कि जब शादी हो जाएगी सब ठीक ही होगा। पर हम दोनों की बदक़िस्मती से हमारी शादी हो गई। जिस दिन उनके गाँव में मेरी बारात गयी उस दिन उन्होंने हमारे बारातियो के साथ बहुत अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने बारातियों को कोई भी मान सम्मान नहीं दिया, किसी को पानी या बैठने को भी नहीं पूछा। जब मैं ने बिचोलए को कहा तब उसने सब इंतजाम कराया था। मैं ने कहा कि अगर मान सम्मान नहीं देना था तो बारात नहीं बुलानी चाहिए थी। आप ने हमारी भी नहीं छोड़ी, क्योंकि सभी बोलते थे कि प्रधान जी के बेटे के शादी में गए थे देखा क्या हुआ? मुझे इतनी शर्म लगती थी कि किसी के सामने बैठने को भी मन नहीं करता था। कुछ बाराती तो वहां के फोटो भी खीच के लाए थे, उन्होंने गाँव में दिखाई थी। मैं ने अपने पत्नी से कहा कि ये सब बहुत गलत हुआ है, तो उसने मुझ से कहा कि इस में मेरी कोई भी गलती नहीं है, मेरे घर वालों की गलती है। मैं ने कहा चलो जो हुआ सो हुआ लेकिन आप ठीक रहना। इसके लिए मेरे गाँव वाले भी गवाह है। शादी के कुछ दिन बाद ही मेरी सास ने अपनी लड़की को सिखाना शुरू कर दिया। उसको सलाह देनी शुरु कर दी की तू इन सब से अलग हो जा। लड़के को अपने बस में कर ले। इस के माँ बाप को परेसान करना शुरु कर दे। ये तुझे अलग कर देंगे। उसने ऐसा ही करना शुरु कर दिया। बहुत से बार तो उस ने मुझ से भाग जाने के लिए भी बोला कि मैं यहा नहीं रहूंगी, मैं भाग जाउंगी। एक दिन मैं ने उस से परेसान हो कर कहा कि ऐसी बात है तो तू भाग जा मैं किसी से नहीं बताऊंगा, मैं खुद ही संभाल लूंगा, लेकिन अगर इस घर में दोबारा वापस लौट कर आई तो फिर अच्छा नहीं होगा। फिर वह कुछ दिनों तक ठीक रही, अभी मेरे दो बेटे हैं। मेरे घर में मेरी सास की दखलंदाजी बहुत रही है। पत्नी उसी हिसाब से चलती है उस की प्रकृति गुस्से वाली और जिद्दी है। मैं भी जिद्दी हूँ। पर अगर मेरी ग़लती हो तो मैं ग़लती मान लेता हूँ। पर उस के घर वाले और वो ना तो ग़लती मानते हैं, बल्कि झूठ व ग़लत बोलते हैं। मेरी सास के कहने से मेरी पत्नी घर में लड़ाई करती थी तथा घर का काम करने से भी मना करते थे जिस की रेकॉर्डिंग मेरे पास है। घर में कोई बात होती तो वो एक फोन पर ही भागे भागे आते और हमें ग़लत सलत तथा बदतमीजी से बोलते। लड़की को लेकर जाने की धमकी देते। कई बार लेकर भी गए हैं। ऐसा ३-४ बार हो चुका है। शादी के बाद उन्होंने हमारे कोई रीति रिवाज पूरे नहीं किये। मैं ने कई बार अपनी सास को बोला कि आप इतना सिखा कर अपनी लड़की का घर बर्बाद कर रहे हो, घर बसा नहीं रहे हो, इसको अछी शिक्षा दो। आप सही नहीं कर रहे हो और मेरे ही सामने अपनी लड़की को बढ़ावा दे रहे हो कि हम देख लेंगे। हमारे घर में उन्होंने बहुत आग लगा दी है। मेरे रिश्तेदार भी उनको बहुत समझा चुके हैं। उन की अपने रिश्तेदारों से नहीं बनती, ना ही अपने परिवार वालो से। वो किसी की सलाह मानते ही नहीं। उन्हें रिश्तेदारी निभानी ही नहीं आती और ना ही अड़जस्टमेंट करनी आती है, ना ही किसी की इज्जत। अभी हाल ही में मेरे साले ने सभी गली मोहल्ले वालों के सामने हमारे घर पर आकर बद्त्तमीजी की। अभी वह फिर दुबारा कुछ बदमाशो को लेकर हमारे घर पर आया और लेकिन वो जिन बदमाशो को लेकर आया था हमारे घर पर आकर उन्होंने सब बातें सुनी और उनको गलत ठहराया। उन्होंने उनको ये भी कहा के तुम लोग अपने बहन का घर बर्बाद करने के लिए हमें यहाँ लाये थे क्या? वो तो उन्होंने सचाई को पहचान लिया नहीं तो अनर्थ हो जाता। वे इन बदमाशों को हमें मरवाने के लिए यहाँ लाये थे। मेरे साले का दोस्त वकील है वो भी उनको गलत सलाह दे रहा है और हमें डरा धमका रहा है। उस ने भी उस दिन उसने भी बहुत शराब पी रखी थी। उसकी रिकॉर्डिंग भी मेरे पास है। उन के घर में मेरी सास की ही चलती है। उन्हें कोई समझाने वाला है ही नहीं। मेरे बड़े साले ने उनको समझाया तो उस से भी बात करनी छोड़ दी है। उस से मेरी बात होती है, वो कहता है के ये सब तो मूर्ख हैं भाई किसी भी तरह आप अपना घर बसा लो बाद में सब सही हो जाएगा। अभी तक मेरी शादी शुदा जिंदगी में मैंने और मेरे परिवार ने ही अडजस्टमेंट की है उसके घर वालो ने कभी अड़जस्टमेंट नही की है। हम आज तक चुप है और वो हमारे घर एकदम आकर हमें ग़लत और बद्तमीजी से बोल जाते हैं। मेरे घर वाले उनके लिए चाय पानी रोटी सब्जी का इंतज़ाम करते रहते हैं। मेरी शादी में भी वहां उनके रिश्तेदार बहुत कम आए थे। ऐसा लग भी नहीं रहा था की इन के यहां पे शादी है। क्यों कि उन की किसी से बनती ही नहीं है। मेरे पास पिछले एक साल की रेकॉर्डिंग्स है। वो घर बसाना चाहते हैं पर हर बार नई शर्तों के साथ। मेरे रिश्तेदार भी कह रहे हैं कि एक मौका दो। शायद अब अक्ल आ गई हो। पर वो सभी ऐसे ही अड़े हुए हैं। मुझे डर है कि जब वो इतने समय बाद भी सही बात नहीं कर रही तो कल को क्या होगा? आख़िर मियां बीवी में लड़ाई तो होती ही है और कल को लड़ाई होने पर वो मेरा, मेरे पिता जी, जीजा जी और बाकी रिश्तेदारों का नाम ना लिखा दे। उस के पिताजी ने एक बार मेरे सामने अपनी लड़की को कहा था कि ज़्यादा तंग हुई तो तू ख़ुदकुशी कर लेना बाकी हम देख लेंगे। वो बिना सोचे समझे बोलते हैं। कहने को पढ़ी लिखी फैमिली है पर बोलने और रिश्तेदारी निभाने की तमीज़ बिल्कुल नहीं है। मेरी सास ने मेरे और मेरी पत्नी के बीच मे प्यार और अपनापन बनने नहीं दिया। क्यों कि जब कभी हमारी बहस होती वो अगले दिन आ जाते और लड़की ले जाते। लड़की को कभी नहीं कहा कि इस बार तू ग़लत है या बेटी तू भी कुछ अड़जस्ट कर। हर बार उस के सामने मुझे ही ग़लत कहा है। वो पहले मुझे अपनी सिटी में या पास के शहर में शिफ्ट करने को कहते थे। ताकि मैं उन से डर के रहूँ और कुछ बोल ही ना सकूँ। वो मुझे घर से अलग होने को कहते हैं। कभी कहीं और नया घर बनाने को कहते हैं। कभी ऊपर नया घर बनाने को कहते हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा। चलो मैं उसकी मम्मी के कहने पर उसको अलग भी लेकर रहने लगूं। लेकिन जब कोई लड़की अपने हस्बैंड के सामने भागने को बोलती है तो उसका हस्बैंड उस पर कैसे विश्वास कर सकता है क्योकि वो विश्वास के लायक ही नहीं है। मैं उसको लेकर अलग नहीं रह सकता। क्यों कि उन्होंने मेरा विशवास खो दिया है। क्यों कि मेरी सास की भी दूसरी शादी हुए थी। पहले वाले को मार दिया था। मेरी वाइफ बोलती है की उनकी माँ ने उन्हें मार दिया था क्योंकि वे मेरी ममी की ही बात सुनते थे। इसलिए उनकी माँ ने उन्हें मार दिया था। पर कोई भी माँ कितने भी कट्टर दिल की हो लेकिन अपने लड़के को नहीं मार सकती क्योकि वह तो उनके अकेला लड़का था। क्यों कि वह सारी करामात इसकी मम्मी की ही थी और लगा दिया उनकी माँ का नाम। अब यही काम वो अपने लड़की से कराने जा रही है। तीसरा खंबा में आप हर बार कहते हो कि लड़की को समझो प्यार से कहो और मनाओ। मैं ये सब करके देख चुका हूँ वो नहीं मानती और जब ज़िद पर अड़ जाती है तो अड़ी रहती है। फिर उसे रिश्तेदारी, बड़े छोटे का भी ख्याल नहीं रहता और उसके घरवाले तो उसी का साथ देते हैं। मुझे लगता है कि हमारे रिश्ते में बहुत दूरी आ चुकी है, जो अब ख़त्म नहीं हो सकती और आख़िर मैं भी कितना झुक सकता हूँ। आख़िर हर चीज़ की लिमिट है। मुझसे और ज़्यादा नई झुका जाएगा और ज़बरदस्ती रिश्ता निभा कर कल को ज़्यादा फँस ना जाओ। अब मुझे सच के लिए और बाकी घर वालों को बचाने के लिए क्या कार्यवाही का सामना करना चाहिए? क्यों कि जिंदगी जीने के लिए कुछ ना कुछ तो अड़जस्टमेंट करनी पड़ती है पर वो परिवार बिल्कुल भी नहीं करता, सिर्फ़ अपनी मर्ज़ी चलाता है। पर उन्हें कहे कौन? उसके माँ-बाप का अड़ियल नेचर तो बदला नहीं जा सकता और ना ही किसी लड़की को माँ-बाप से अलग किया जा सकता है। लड़की को भी अपने अच्छे बुरे का पता नहीं लग रहा है। उसे सिर्फ़ अपनी ज़िद और ईगो प्यारी है। अब मैं सारी उमर झुक कर तो जी नहीं सकता। तो क्या करूं। अगर में फैसले के लिए कहता हूँ तो वो फैसले के लिए मना करते है, कहते है के हम आपको परेशान करेंगे अपने ही यहाँ पर कोर्ट की चक्कर लगवा देंगे क्योंकि वहाँ पर उनकी बदमाशी चलती है। इस की सब रिकॉर्डिंग मेरे पास है। पर अब सोचता हूँ कि अगर वो मेरे परिवार को तंग कर रहे हैं तो मैं भी करूँगा। अगर केस चलता है तो कोर्ट उनके वहाँ का लगेगा या हमारे यहाँ का? या फिर जो कि हमारे और उनके बीच (सेंटर) में है वहाँ का लगेगा। क्यों कि मुझे इस बात का डर है कि कोर्ट उन के वहाँ का लगेगा तो वो लोग बदमाशों से हमें परेशान कराएँगे। क्यों कि वहा पर उनका वकील भी कुछ इस टाइप का है, और बार बार तारिख ले कर हमें अपने यहाँ के चक्कर कटवाएंगे। मैं चाहता हूँ कि कोर्ट सेंटर का लगे जो उनके और हमारे बीच में हो। क्या ऐसा हो सकता है कि नहीं। आपकी सलाह से ही चलने की सोच रहा हूँ। दिमाग़ में दोनो बाते हैं घर बार बार नहीं बसते। पर अगर बीवी आपको ना समझे तो फिर घर कभी भी नहीं बसता। इन सभी बातों के गवाह मेरे मोहल्ले वाले भी हैं क्यों कि उन सभी ने यह सब देखा है।
समाधान–
यदि कोई आप को तंग कर रहा है तो इस का अर्थ यह नहीं है कि आप भी उन्हें तंग करें। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो फिर आप में और आप की ससुराल वालों में क्या फर्क रह जाएगा। वस्तुतः आप के कष्ट का कारण हमारे यहाँ की विवाह की रीति है। इस रीति में सब कुछ होता है पर होने वाले पति-पत्नी को पहले मिलने नहीं दिया जाता। वे मिलते भी हैं तो अन्य परिजनों की उपस्थिति में जिस से उन के बीच कोई बात-चीत नहीं होती और एक दूसरे को समझने का अवसर नहीं मिलता। डेटिंग को हमारे यहाँ बुरा माना जाता है। जिस लड़के से लड़की ब्याही जा रही है उस लड़के पर विश्वास तक नहीं किया जाता। पति पत्नी के बीच विवाह के पहले कोई आपसी विश्वास विकसित ही नहीं होता है। अविश्वास बना रहता है, जो कभी कभी जीवन भर चलता रहता है। आप के साथ भी ऐसा ही हुआ है। भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में यह जो पद्धति है उस का यही परिणाम लाखों करोड़ों लोग भुगत रहे हैं लेकिन उसे बदलने को तैयार नहीं हैं।
आप के मामले में महत्वपूर्ण झगड़ा कुछ भी नहीं है सिवा इस के कि आप के वैवाहिक जीवन में सास का हस्तक्षेप बहुत अधिक है। उस का प्रमुख कारण आप की पत्नी को आप के प्रति विश्वास न होना है। यदि वह आप पर विश्वास करने लगे तो आप की सारी विपत्ति का अन्त हो सकता है। आप भी विवाह के समय की बातें अभी तक गांठ बांधे हुए हैं जिन का जिक्र आप ने यहाँ किया है। आप जरूर अपनी पत्नी को भी यह सब बातें कहते रहते होंगे। यह सब भी आप के बीच आपसी विश्वास कायम न होने का बड़ा कारण है। आप दोनों को चाहिए कि आप दोनों पुरानी बातें भूलें और नए सिरे से एक दूसरे पर विश्वास कायम करते हुए अपने भविष्य का जीवन बिताने का तय करें। इस के लिए आप दोनों को अपने आस पास के किसी अच्छे काउंसलर से सलाह करते हुए मदद लेनी चाहिए। उस की सलाह हो तो कुछ दिन के लिए दोनों को घर से बाहर घूम कर आना चाहिए। जब आप दोनों अकेले किसी यात्रा पर रहेंगे तो आप दोनों के बीच नजदीकियाँ बढ़ेंगी और हो सकता है कि आप दोनों में आपसी विश्वास कायम हो जाए यदि ऐसा हुआ तो आप की समस्या का हल निकल आएगा।
यदि आप किसी भी तरह का मुकदमा करते हैं तो उस की प्रतिक्रिया यह होगी कि पत्नी मायके चली जाएगी और वहाँ से मुकदमे करेगी। उन मुकदमों में आप को उस के यहाँ ही जाना होगा। कोई भी मुकदमा यदि होगा तो या तो आप की ससुराल में होगा या फिर आप के नगर में होगा। बीच का कोई मार्ग नहीं है। मुकदमा किस स्थान पर होगा इस का निर्णय इस बात से होगा कि कौन किस तरह का मुकदमा कर रहा है। हमारी राय तो यह है कि आप किसी तरह का मुकदमा न करें। बेहतर है कि आप अपनी पत्नी के साथ हर महिने दो-चार दिन कहीं घूमने जाएँ और साथ समय बिताएँ साथ ही किसी काउंसलर की मदद लें तो बात बन सकती है।
मुझे आप सब की दुखभरी कहानी सुनकर बहुत दुःख हो रहा है . मेरे पास शब्द नहीं है lekin मैं आप सब की तकलीफ samaj सकती हू . मेरे ससुराल मैं जिनका नाम नहीं लेना चाहुगी आज भी kush पत्ति कुत्तें की jindgi जीतें है पर मैं kya कर सकती हू ! और इतने तानो के साथ की रूह कांप जाये दुःख hota है सुनके की बेचारे पत्ती कहा जाये? क्या पुरुसो का शोषण नहीं hota? Hamesha उनको ही क्यों कसूरवार maana जाता है ? पुरुष के लिए kaanun क्यों नहीं ? Ager पत्नी दवारा वो सताए जातें है तो यह कहकर unhe चुप करा दिया जाता है ही ( आप सही है पर आजकल sunwaai ओरतो की ही होती है ) और जब वो हिम्मत दिखाता hai तो दोनों की कोन्सलिंग karwa कर पत्ती बेचारे को उसी आग मैं झोक कर नारी संस्था अपना पल्ला झार लेती है ! क्या वीमेन सेल्ल ये सोचती है की उन्होंने एक घर bacha लिया ? नहीं आप सब ने मिलकर एक पुरुष को तिल्ल तिल्ल मरने के लिए छोड़ दिया….
राजीव की समस्या के समाधान के लिए दिए गए आपके सुझाव को पढ़कर मुझे एक ऐसा ही मामला याद याद आ गया. करीब आठ-दस साल पहले हमारे गांव के सरपंच ने गांव के विकास के लिए मिले पैसे से अपने तीन लड़कियों की शादी कर दी. ग्रामीणो ने विरोध किया तो सबके सामने चैलेंज फैंक दिया। शिकायत तत्कालीन एस.डी.एम. तक पहुंची पहले तो एस.डी.एम. महोदय जाँच के लिए तैयार ही नहीं हुए. जैसे तैसे हुए तो गांव जाकर ग्रामीणो से कह दिया जो हुआ सो हुआ अब आगे की सोचो ग्रामीणो ने अधिकारी के हाथ जोड़ दिए.
आपने राजीव की समस्या का कोई भी संतोष जनक जवाब नहीं दिया है आप का कहने का मतलब है की औरत मर्द पर जुल्म करती रहे और पुरुष उसे बर्दास्त करता रहे. राजीव ने किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं पूछा है. लगता है आप स्वतंत्र होकर अपनी सलाह नहीं दे पा रहे हैं उसकी पत्नी और साश के गलती का खामियाजा उसे भुगतान पड़ रहा है और आप हैं की……
नमस्कार द्विवेदी जी
और नमस्कार राजीव जी
आपकी और मेरी कहानी बिलकुल मिलती जुलती है मेरी दास्ताँ १२ जनवरी २०१५ की है काफी बाते तो मुझे उसी में से निकली हुई लगती है।
भाई सबसे पहले अपने घरवालो से अलग हो और अगर हो सके तो अपने शहर state राज्य से बहार ही चले जाये अगर घर बसना चाहते है और अगर कल को न भी बसने के चांस हो तो घर वाले तो सेफ हो जायेंगे।
घर से अलग हो जाये और हर कोशिश करे घर बसाने की नहीं तो वैसे भी हमारी जिंदगी खराब है ही।
नमस्कार SD जी
आप मेरे से उम्र में बहुत बड़े है और मैं इतनी जुर्रत तो नहीं रखता की आपको सलाह दू लेकिन जब आप अपनी जिंदगी से इतना परेशांन है तो आपको चाहिए की जितनी जल्दी हो सके आपके नाम जो प्रॉपर्टी बैंक बैलेंस या जो भी है उसे सेल करे और खली हाथ हो जाये जिससे आपकी फॅमिली आपका नुकसान न कर सके। सबकुछ बेच कर इंडिया से बहार चले जाये या इंडिया के किसी ऐसे कोने में रहे जहा आप को कोई परेशांन ना कर सके। इस उम्र में आकर आपके परिवार के बाकि मेंबर्स अपनी लड़ाई खुद लड़ सकते है या फिर आप जाने से पहले अपनी प्रॉपर्टी उनके नाम कर जाये या फिर ऐसे दबंगई को बेच दे जो अपने जोर पर वो प्रॉपर्टी खाली करा सके। कुछ पैसे अपने परिवार (माँ भाई बहन) को दे जाये जिससे वो आपके पैसे से क़ानूनी लड़ाई लड़ सके और आपके पीछे आपको भला बुरा ना कहे।
सुसाइड मरने का तो कभी भी न सोचे।
जिंदगी जिंदादिली का नाम है ।
जैसे को तैसा करे।
इंडिया बहुत बड़ा है नहीतो नेपाल चले जाये मस्त जिए।
जिंदगी दुबारा नहीं मिलेगी
परिवार अब भी दुबारा बन सकता है।
9855049709
नमस्कार SD जी
आप मेरे से उम्र में बहुत बड़े है और मैं इतनी जुर्रत तो नहीं रखता की आपको सलाह दू लेकिन जब आप अपनी जिंदगी से इतना परेशांन है तो आपको चाहिए की जितनी जल्दी हो सके आपके नाम जो प्रॉपर्टी बैंक बैलेंस या जो भी है उसे सेल करे और खली हाथ हो जाये जिससे आपकी फॅमिली आपका नुकसान न कर सके। सबकुछ बेच कर इंडिया से बहार चले जाये या इंडिया के किसी ऐसे कोने में रहे जहा आप को कोई परेशांन ना कर सके। इस उम्र में आकर आपके परिवार के बाकि मेंबर्स अपनी लड़ाई खुद लड़ सकते है या फिर आप जाने से पहले अपनी प्रॉपर्टी उनके नाम कर जाये या फिर ऐसे दबंगई को बेच दे जो अपने जोर पर वो प्रॉपर्टी खाली करा सके। कुछ पैसे अपने परिवार (माँ भाई बहन) को दे जाये जिससे वो आपके पैसे से क़ानूनी लड़ाई लड़ सके और आपके पीछे आपको भला बुरा ना कहे।
सुसाइड मरने का तो कभी भी न सोचे।
जिंदगी जिंदादिली का नाम है ।
जैसे को तैसा करे।
इंडिया बहुत बड़ा है नहीतो नेपाल चले जाये मस्त जिए।
जिंदगी दुबारा नहीं मिलेगी
परिवार अब भी दुबारा बन सकता है।
मेरी उम्र 55 हैं और मेरी पत्नी की उम्र 46 साल हे और House wife हैं मेरे दो बच्चे भी हे एक लड़की जिस की उम्र 24 साल हैं DU से MCA करने के साथ साथ अप्रैल 2014 से USA की एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करने लगी जिस के एवज में 20000 / महीना मिलने लगा और यह नौकरी Internship के चलते उस ने छोड़ दी और Internship के दौरान लगभग 14000 Rs महीना मिलने लगा जुलाई और जून 2015 से MCA करने के बाद लगभग 7 लाख का पैकेज की नौकरी पर लगी है ! और एक लड़का जिस की उम्र 22 साल हैं जो की B – Tech (CS) के थर्ड ईयर में हैं मेरी Avg इनकम 3 लाख सालाना हे ! बच्चे दोनों माँ के कहने पर चलते हे और मुझे कुछ भी नहीं समझते
उम्र के इस पड़ाव पर आज में आप से तलाक लेने की राय ले रहा हूँ इस के लिए शायद में ही दोषी हूँ !
मैंने अपने परिवार को पूरा ऐशो आराम दिया बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाया और वकत से पहले उन की हर फरमाइश पूरी की और 2007 में चाइना की वजह से मेरा काम एक दम ठप हो गया और 2009 में मैंने एक इंडस्ट्री लगाई जिस में में फ़ैल हो गया लेकिन घर पर खर्च पूरा देता रहा , पर फिजूल खर्चे के लिए पैसे बंद कर दिए बस उसी दिन से घर में तू तू –मैं मैं शुरू हो गयी और आज नौबत यह हे की उन को में एक आँख भी नहीं सुहाता – मैंने हर तरह का प्रयास कर लिया लेकिन श्रीमति की अक्कड दिनों दिन बढ़ती ही जा रही हैं
पिछले साल एक दिन मैंने गुस्से में कह दिया की में बेटे की नेक्स्ट मंथ फीस नहीं दूंगा तो श्री मति ने मुथूट फिनेन्स पर गहने गिरवी रख दिए जब की मैंने उस के आकउंट में फीस के लिए लगभग एक लाख छोड रखे थे इसी बात पर हमारी बहुत गरमा गर्मी हुई और बात पुलिस तक पहुंच गयी और मैं अपने ससुर के पास गया तो मुझे वहाँ भी कोई संतोष जनक जबाब नहीं मिला ! दुखी होकर एक रात में suicide करने घर से निकला तो पुलिस ने मुझे पकड़ लिया और मेरे घर ले आई पर मेरी श्रीमती पर कोई असर नहीं हुआ और दो दिन बाद में घर छोड कर चला गया मेरी पत्नी ने लगभग 20 दिन नहीं पूछा की में कहा हु जब मेरे भाइयो और माँ को पता चला तो वो मुझे परिवार क़ी इज्जत का वास्ता देकर समझा बुझा कर घर ले आये और आज नौ महीने हो गए हे लेकिन जीवन रूपी गाडी पटरी पर नहीं आई जून के अंदर में अपनी लड़की को बोल कर गया क़ी ऑनलाइन बिजली का बिल भर देना तो शाम को कहने समय नहीं मिला ! में चुप लगा गया रात को खाने खाते हुए इतना पूछा क़ी बेटा जो सैलरी मिल रही हे वो क्या करती हैं और कितने पैसे सेव कर लिए हैं तो उस क़ी जगह मेरी श्रीमती बोली क्या येह गुलछर्रे उड़ाती हे जो इस क़ी सैलरी पूछ रहे हो तो मैंने कहा 24 साल क़ी हो गयी हैं आज दो पैसे यह जोड़ेगी और दो पैसे में तो इज़्ज़त से इसे रवाना करे देंगे तो बो;ई जब समय आएगा चली जाये गई आप को फ़िक्र करने क़ी कोई जरुरत नहीं हैं और इसी बात पर हो गयी तकरार और लगी मुझे उल्टा टेढ़ा बोलने और वो दिन हे और आज का दिन में तब से यानि तीन महीनो से घर में रह कर अपना खाना होटल से लाता हूँ आज तो मेरे हाथ पाँव चल रहे हैं पर दिल काँप उठता हे जब सोचता हूँ किसी कारण वश मेरे हाथ पांव ने काम करना बंद कर दिया ? वैसे भी में हार्ट पेशेंट हूँ सोचता हूँ कि अब मेरे साथ येह हाल हे तो बाद में मुझे कौन पूछेगा !
मेरी शादी हुए 26 साल होने जा रहे और मेरी श्री मति का नाम ,,,,,,,,,,,,,,,,हैं मेरी शादी की बुनियाद झूठ पर टिक्की हुई हे ! क्योकि मेरी श्रीमती के दादा ने अपनी पोती का रिस्ता जब मेरे साथ किया था और तो गांव में मेरे पापा से झूठ बोला था की लड़की की माँ मर गयी हैं और लड़की के पापा अपनी दूसरी पत्नी के साथ अलग रहते हे और पोतियों को हम पाल पौष रहे हे लेकिन शादी के बाद पता चला की लड़की को पैदा करने वाली माँ भी जिन्दा हे और मेरे ददिया ससुर के यहाँ आना जाना था
श्री मान जी , मेरे को कन्या दान मेरे ससुर और मेरी सौतेली सास ने कर के दिया और शादी के बाद धीरे धीरे मुझे बहुत सी बाते पता चली पर दिल को समझा लिया की मेरे भाग्य में. यही जीवन साथी लिखी थी लेकिन शादी के बाद मुझे मेरी दादिया सास और ससुर यह अहसास करवाने लगे की मेरी सौतेली माँ ठीक नहीं हे ! आप रिश्ता पैदा करने वाली माँ से रखो .और बाद में पता चला की मेरी सौतेली सास और मेरे ससुर भी अलग रह रहे हे ! उन में भी नहीं बनती थी पर श्री मान जी अपने परिवार की मर्यादा को देखते हुए जैसे तैसे में अपने परिवार की गाडी चला रहा था और दो बच्चे भी हो गए उन को Mother Tresa School Preet Vihar में पढ़ाया लिखाया और बेटी को Brilliant Tutorials से डेढ़ लाख देकर IIT. JEE के लिए तैयारी करवाई और धीरे धीरे अपना मकान खरीदने के अलावा घर का हर सम्मान बनाया साथ में Car . Bike खरीदना घर .AC लगवाना- 2002 में कम्प्यूटर खरीद कर बच्चो को देना ! समय के साथ साथ मैंने अपने बच्चो और परिवार की हर जरुरत पूरी की ! 13 -14 साल में बेटा कार चलानी सीख गया बेटी को स्कूटी लेकर दी और बढ़िया से बढ़िया सेल फ़ोन लेकर दिए लेकिन कहते हे समय सब एक जैसा नहीं होता तो 2007 से से मेरे भाग्य ने भी कुछ साथ देना छोड दिया काम के हालात China की वजह से ठीक नहीं चल रहे थे ( तब में Reputeded Compnies का Distributors हुआ Karta था ) इसी दौरान मैंने Mandoli के अंदर Copper फर्निश की Industries भी लगाई लेकिन भगय ने यहाँ भी साथ नहीं दिया और कुछ Loss उठाना पड़ा )
मेरे साथ मेरी ससुराल की तरफ मेरे साथ बहुत कुछ बीता लेकिन संक्षेप बस इतना ही ) हां जब तक में अपनी साली की या ददिया ससुर या ससुराल के कुछ अन्य लोगो की मदद करता रहा में तब ठीक था !! मेरी शादी के लगभग 15 साल बाद मेरे परिवार में मेरी सौतेली सास का आगमन हुआ बस उस दिन से मेरी घर में हर रोज़ कलह कलेश शुरू हो गए !
श्री मान जी मानता हु मिया बीबी में झगड़ा या नौक झोक चलती रहती हैं यानी की जहा दो बर्तन होते हे आपस में टकराते रहते हैं ! और बड़े बुजुर्ग कहते हे की पति पत्नी का भी कोई झगड़ा होता हे ! लेकिन आहिस्ता आहिस्ता मेरी श्रीमती ने घर की मर्यादाओ को तोडना शुरू कर दिया कभी मेरी बिना परमिशन के गहने गिरवी रखना या मुझे बिना बताये कुछ भी कर लेना !! और मेरी श्री मति ने धीरे धीरे मुझे ही बदनाम करना शुरू कर दिया की में हर रोज़ Drinks करके घर में मार पिटाई करता हु
( Note : श्री मान जी में हफ्ते में दो तीन दिन पिछले 24 -25 साल से Drink कर रहा हूँ और इतनी पीता हु की अपने होश हवास ना खोउ और में कोशिश करता हूँ की Royal Stage के एक Ouatar से भी कुछ बचा दू )
और मेरी श्री मति ने मुझ पर सच्चे झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए ! में कहता कुछ हूँ और श्री मति मेरी बात का अर्थ और निकलती हैं में और उस से कुछ ना पुछु – उस के दिल में जो आये वो करे !
( FOR EXAMPLE में दिल से अपने बच्चो को बहुत चाहता हु और चाहता था वो पढ़ाई के साथ साथ पारिवारिक और सांसारिक भी बने मेरा यही उद्देश्य था एक दिन मैंने किसी बात पर कह दिया MCA की पड़ी लिखी लडकिया मेरी मार्किट में 10000 Rs महीने के लिए धक्के खाती हे तो मेरी श्री मति ने पलट कर कहा की क्या मेरी लड़की वेश्या हे मेरे दिल पर क्या गुजरी होगी मेरा भगवान जनता हे ) बाल की खाल निकलते हुए बात का बतंगड़ बना देना और बिना बात के 100 न पर फ़ोन कर देना इसी जिल्लत के चलते मैंने पिछले साल suicide करने की भी कोशिश की लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था और एक दिन रात को में अपने ससुर के पास गया और उनको -अपना पक्ष रखा तो वो कहने लगे में आउगा और अपनी बेटी को समझाऊगा तीन चार दिन निकल गए और वो नहीं आये इसी बीच मेरी शादी की 25वी साल गिरह आई और रात को में केक और Celibrate करने का सामान लाया पर मेरी श्री मति ने मेरे बेटे के समझने पर जिद नहीं छोड़ी और केक बिना कट किये ऐसे का ऐसा ही पड़ा रह और अगले दिन अपने ससुर को फ़ोन किया की आप आये नहीं तो वो मुझे फ़ोन पर ही गालिया देने लगे जिस से मेरा दिल बहुत आहात हुआ और अगले दिन में घर छोड़ कर चला गया 15 दिन तो मेरी श्रीमती ने मेरे घर से जाने की बात दबा कर रखी ! किसी तरह से गावं में मेरी माँ को पता चल गया तो वह मय परिवार के दिल्ली आई और सब हालात लेने के बाद मेरी माँ ने मेरे गुरु जी से फ़ोन करवा कर मुझे गांव में बुलवाया और मुझे समझाया बुझाया तो मन मार कर मैंने हां कर दी क्यों की में एक धार्मिक और पारिवारिक आदमी हूँ !
लेकिन मेरी श्रीमती की अक्कड खत्म नहीं हुई और बात बात झूठ बोलना किसी बात पर मेरे द्वारा बच्चो को डाटना भी उस को ठीक नहीं लगता – जब की एक कहावत चरितार्थ हे जो बच्चे अपने बाप की डाट फटकार सह गए तो वह जिंदगी में कभी किसी से डाट फटकार नहीं खाएंगे !
श्रीमान जी .दिनांक 3rd मई 2015 को मैंने लगभग 6500 Rs का पुरे महीने का राशन भर दिया जो मेरी श्री मति ने स्लीप बना कर दी थी और 7th मई को छुटपुट खर्चो के लिए 5000 Rs नगद दिए !
8th मई रात को खाना खाते हुए मैंने अपनी बेटी से उस की सैलरी का हिसाब पूछ लिया तो मेरी श्रीमती कहने लगी की क्या मेरी बेटी गुलछहरे उड़ाती फिरती हे जो इस से हिसाब पूछ रहे हो..पहले अपना खर्चा देखा करो ! क्यों की एक दिन मैंने अपनी बेटी से कहाः था तुम्हारी जो भी सैलरी आएगी उस को हाथ मत लगाना जैसे पहले मेरे से खर्चा लेती थी वैसे ही लेते रहना ! कुछ तुम जोड़ो कुछ में जोडू फिर तुम को धूमधाम से विदा करुगा तो श्री मति बोली जब समय आएगा हो जाये गई शादी..पहले अपने पांव पर ढंग से तो खडी हो जाये .मेरी तरह जा कर ताने तो ना सुनाने पड़ेंगे ! खैर मैंने बात को सुना अनसुना कर दिया !
9th मई को सुबह मैंने औने बेटे से एक मेल डालने के लिए बोला क्योकि लगभग 7 लाख का मेरे पास Ghana ( South Africa ) से एक आर्डर था शाम को मैंने बेटे को थोड़ा डाटते हुए बोला क्या B Tec की पढ़ाई कर रहे हो एक मेल भी डालनी नहीं आती कब Practical बनोगे क्यों की उस ने मेल में कुछ Mistake कर रखी थी तो श्रीमती बीच में बोल पड़ी अपना काम खुद क्यों नहीं करते जब आप के यहाँ 10000 Rs में MCA की लडकिया धक्के खाती हे तो उन से करवा लिया करो ..मेरा बेटा क्या तुम्हारी मेल डालने के लिए बैठा हे उस को पढ़ाई करनी हैं ! मैंने कहा तुम क्यों बीच में बोली तो वो बोली मेरी ओलाद हे में नहीं बोलुँगी तो कौन बोलेगा ..मैंने इतना कह दिया क्या ओलाद को मायके से लाई थी दहेज़ में .. बीएस हो गया घर में महाभारत और तीनो में मिल कर मुझे पीटा तो मैंने 100 पर कॉल किया पुलिस के जवान आये तो मेरी श्रीमती का रट्टा रटाया जबाब की पी कर आता हे और मार पिटाई करता हे ! पर इस दिन मेरी श्रीमती की बदकिस्मती कहो या मेरा समय बलवान की उस दिन मैंने Drinks नहीं कर रखी थी वार्ना श्रीमती तो यही चाहती हे की यह जेल में बंद हो और परिवार और समाज में इस की बेज्जती हो और उस दिन और पुलिस वाले Sir भी समझ गए और मेरे को नीचे ले जाकर बोले की आप ठीक हो पर तुम को ही झुकना पडेगा क्योकि आज कल ओरतो की सुनवाई ज्यादा हैं में भी मन मार कर रह गया लेकिन पुलिस के जाने के बाद रात को श्रीमती बोली क्या करवा लिया पुलिस बुलाकर और श्रीमान जी वो दिन और आज का दिन आज मुझे लगभग दो महीने से ऊपर हो गए हे में अपना खाना बहार से लाकर खा रहा हु और मुझे डर लगा हुआ हे की कही मेरी बीबी मेरे साथ कुछ अनहोनी ना कर दे या करवा दे ! और शीघ्र ही अपने वकील से मिल कर इस उम्र में तलाक लेने की सोच रहा हु जब की मेरी जिम्मेदारिया तो अब शुरू होनी थी बच्चो की शादी करने के लिए ! लेकिन इंसान का जब अपनों पर से भरोसा टूट जाता हैं तो वो कुछ कड़वे घुट पीने के लिए मजबूर हो जाता हैं ! आज तो मेरे हाथ पांव चल रहे लेकिन जब हाथ पाँव ने काम करना छोड़ दिया तो यह सोच कर रूह काँप जाती हैं की मेरी पत्नी या मेरी ओलाद तब मेरे साथ क्या सलूक करे गी !!
में अपने बड़ो क़ी इज़्ज़त का ख्याल रखते हुए जैसे तैसे येह गाडी चला रहा था पर जब से बेटी क़ी इनकम ऑफ़ SOURCE बना हे उस दिन से मेरी बीबी अब मुझे एक कुत्ते से भी बदतर समझती हे और गुस्से में कुछ बोलता हु तो पुलिस बुला लेती हैं और झूठा आरोप लग्गति हे क़ी पी कर हमें मार रहा हैं
समझ नहीं आ रही करू तो क्या करू…आप ही कोई रास्ता बताये