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किराएदार को खाली परिसर खाली करने का नोटिस दें और दावा करें।

समस्या-

प्रमोद कुमार जैन ने रानीपुर, जिला झॉसी (उ.प्र.) से पूछा है-

मन्दिर ने अपनी धर्मशाला सन् 1960 में विद्यालय चलाने के लिऐ किराये से दी थी। विधालय अब धर्मशाला खाली नहीं कर रहा है और न किराया दे रहा है। केवल स्टाम्प उपलब्ध हैं। वतायें क्या करें?

समाधान-

आपने अपने प्रश्न को बहुत ही संक्षिप्त कर दिया है। मन्दिर की भी कोई प्रबन्धन कमेटी होगी। धर्मशाला प्रबंधन कमेटी के नाम है या फिर मंदिर की मूर्ति के नाम। मूर्ति को सदैव नाबालिग माना जाता है और उस का प्रतिनिधित्व सदैव कोई ट्रस्ट या प्रबंधन कमेटी करती है। यह सब आप को स्पष्ट करना चाहिए था। स्टाम्प क्या है? हम मानकर चलते हैं कि वह किराया नामा होगा।

मैं अनेक बार लिख चुका हूँ कि कोई भी किराएदार कभी मालिक नहीं बन सकता। यदि स्कूल के नाम किरायानामा (स्टाम्प) है तो उस से यह साबित किया जा सकता है कि स्कूल प्रबंधन किराएदार है। वह एडवर्स पजेशन की प्रतिरक्षा नहीं ले सकता।

बेहतर है कि किराएदार को आप किराया न देने, किराया अदायगी में कानूनी डिफाल्ट करने के आधार पर स्कूल को खाली कर उस का कब्जा मंदिर प्रबंधन को देने और 3 साल के बकाया किराया भुगतान करने का नोटिस दें, एक माह की मोहलत देते हुए। उस के बाद प्रतिक्रिया देखिए। किसी भी स्थिति में एक माह की अवधि समाप्त हो जाने पर किराया कानून के अंतर्गत स्कूल बिल्डिंग को खाली करने व बकाया किराया वसूल करने का दावा कीजिए। देरी न करें वर्ना मुकदमे के निर्णय में भी देरी होगी।

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