किरायानामा अक्सर 11 माह की अवधि के लिए क्यों लिखा होता है?
समस्या-
जोधपुर, राजस्थान से प्रहलाद ने पूछा है –
मैं अपनी दुकान किराए पर देना चाहता हूँ। दुकान का किरायानामा 11 माह के लिए लिखाया जाए या पिर पाँच वर्ष के लिए? किराएदार जान-पहचान का है। पाँच वर्ष का किरायानामा बना लें तो कैसा रहेगा?
समाधान-
पंजीयन अधिनियम के अनुसार यदि किराएदारी एक वर्ष या इस से अधिक काल के लिए की जाती है तो ऐसा किरायानामा रजिस्टर्ड होना चाहिए। यही कारण है कि लोग ग्यारह माह का किरायानामा लिखाते हैं जिस से उस का पंजीयन नहीं कराना पड़े। यही कारण है कि अधिकांश किराएनामें 11 माह की अवधि के लिए लिखे होते हैं। पाँच वर्ष का किरायानामा लिखवाने पर आप को किरायानामा पंजीकृत कराना होगा तथा दो वर्ष के किराए की राशि के बराबर राशि की संपति के विक्रय पत्र पर निर्धारित स्टाम्प ड्यूटी अदा करनी होगी। शायद स्टाम्प ड्यूटी के रूप में इतनी राशि देने पर किराएदार सहमत नहीं होगा।
लेकिन यदि किरायानामा पांच वर्ष की अवधि के लिए लिखा और पंजीकृत कराया जाता है और उस में यह शर्त होती है कि आप पाँच वर्ष के पूर्व आप दुकान को खाली नहीं करा सकेंगे। तो फिर आप केवल इस आधार पर कि किराएनामे की अवधि समाप्त हो गई है अपनी दुकान को खाली करवा सकते हैं।
गुड नॉलेज सर!
सर मेरा नाम बालकिशन ह मुझे आपसे पूछना हे की हम जिस घर में रहते हे वह रहते रहते हमे ५० साल से ही ज्यादा हो गया हे बिजली का बिल पानी का बिल अभी भी मेरे दादा जी के नाम से आता हे और हम घर का टैक्स ही भी भरते हे लेकिन हमारे माकन का मालिक घर छोड़ने को कहता हे तो आप बता दो हमें क्या करना चाइये .हमारा घर बहुत बुरी हालात में हे जब मर्ज़ी गिर सकता ह किर्पया अपनी राय दे
सर मेरा नाम बालकिशन ह मुझे आपसे पूछना हे की हम जिस घर में रहते हे वह रहते रहते हमे ५० साल से ही ज्यादा हो गया हे बिजली का बिल पानी का बिल अभी भी मेरे दादा जी के नाम से
मैंने अपनी जमीन किराये पर दी है अब मै उसे खाली कराना चाहता हूं इस संबन्ध मे जानकारी चाहता हूं
सर मेरा नाम पारस है , मैं जोधपुर मे छह साल से किराये की दूकान मे स्टूडियो चला रहा हूं ,तथा मैंने दूकान मालिक को दूकान की पगड़ी के ढाई लाख रुपये दे चूका हूँ ,लेकिन अब दूकान मालिक मुझे जबरन खाली करना चाहता है ,तथा कहता है की किराया अब से डबल होगा नहीं तो दूकान खाली करो
आप बताइये की मैं अब क्या करु,
श्रीमान मेरा नाम विपिन कुमार है में बेतुल मप्र में रहता हू, मेने दुकान वर्ष २००५ से किराये से ली है जिसका किराया १०००/- प्रति माह से देय था, जिसमे प्रतिवर्ष ५% किराया बढाने का अनुबंध हुआ था किन्तु मार्केट डेवलेपमेंट नहीं था, जिसकी वजह से २०१० तक किराया नहीं बढाया गया, २०११ से ११००/- पप्रतिमाह देय कर दिया गया, और अनुबंध प्रतिवर्ष २ वर्ष के लिए बढाया जाता है २०१३ में यह किराया १८०० कर दिया गया, परन्तु यह किराया मार्केट की स्थिति के अनुसार अधिक है, अतः इतना किराया देने की स्थिति में नहीं हू, और मेरी जीविका का एकमात्र साधन यही दुकान है,जो किराया न बढाने की वजह से मुझसे खाली करवाने पर चाह रहा है, परन्तु दुकान खाली करने पर मेरे पास जीविका का कोई साधन नहीं बचेगा, आप इसके लिए उचित राय दे, ताकि दुकान खाली न करनी पड़े|
लीगल जानकारी के लिये धन्यवाद