किसी की मृत्यु के समय कोई संपत्ति या ऋण न हो तो उत्तराधिकार भी नहीं हो सकता।
|समस्या-
इन्द्र कुमार कंचनवार ने ग्राम बरघाट, जिला सिवनी, मध्यप्रदेश से पूछा है-
मेरे पिता की दो पत्नियां थी। एक पत्नी से 1 संतान। पहली पत्नू की मृत्यु के बाद मेरी माता जी से विवाह हुआ जिन से 2 बेटी एवं 2 बेटे हुए। मेरी सौतेली बहन को उसका हिस्सा 1974 में जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, तब उसे दे दिया गया था किन्तु उसे बिक्री पत्र के माध्यम से हिस्सा दिया गया। चूंकि मेरे पिता जी अनपढ थे, उन्हे लोगों न जबरन बहका दिया कि कहीं उस सौतेली संतान से तुम्हारा पुत्र वापस न जमीन ले ले इसलिए उसे रजिस्टरी कर के दे दो, ताकि वह वापस न ले सके। इसके बाद बहुत सालों तक अच्छा चल रहा था। किन्तु बाद में हमारी सौतेली बहन से न बन पाने के कारण, वह अपना हिस्सा लेना चाह रही है। किन्तु मेरी पिता जी ने अपने जीते हुए बाकी बची हुए जमीन को सन 1987 में हम दो भाईयों को आपसी बटवारा नामा के नाम से रजिस्टर्ड करवा के बटवारा कर दिया गया है। क्या वह हिस्सा ले सकती है। उसका नाम रिकार्ड में कभी भी नहीं रहा है और न ही है कृपया समस्या का हल बताने का कष्ट करें।
समाधान-
अपनी संपत्ति का जो हिस्सा आप के पिता ने आप की सौतेली बहिन को स्थानांतरित किया उसे आप हिस्सा कह रहे हैं, अपनी सुविधा से क्यों कि लिखित में तो वह बिक्री-पत्र है। आप की सौतेली बहिन उसे गिफ्ट भी कह सकती है। इस तरह तो विवाद सुलझने से रहा।
आप के पिता की यह संपत्ति स्वअर्जित है तो फिर जो उन्हों ने रजिस्टर्ड बंटवारा नामा किया है वह अंतिम है। इस बंटवारे के कारण पिता की मृत्यु के समय आप के पिता के नाम कोई संपत्ति शेष रही नहीं थी तो आप की बहिन किस में हिस्सा मांगेगी? किसी की मृत्यु के समय कोई संपत्ति या ऋण न हो तो उसका उत्तराधिकार भी नहीं हो सकता।आप की बहिन केवल आप को धमका सकती है, दिखाने को शिकायत मुकदमा कर सकती है पर उसे मिलेगा कुछ भी नहीं।
लेकिन यदि आप के पिता की संपत्ति पुश्तैनी-सहदायिक है अर्थात वह 17 जून 1956 के पहले किसी पूर्वज से आप के पिता या उन के पूर्वज को उत्तराधिकार में मिली थी तो स्थिति कुछ विकट हो सकती है। वैसी स्थिति में उस संपत्ति में से आप के पिता बेटी को केवल अपने हिस्से के बराबर ही हस्तांतरित कर सकते थे उस से अधिक नहीं। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह हस्तांतरण कब किया गया था। आप की सौतेली बहिन यदि हिस्से का दावा करती है तो उसे पूर्व में हस्तांतरित संपत्ति का प्रश्न भी उठेगा क्यों कि हिस्से का दावा तो तभी किया जा सकता है जब कि वह पुश्तैनी –सहदायिक संपत्ति हो। हमें नहीं लगता कि आप की सौतेली बहिन अब कोई हिस्सा ले सकती है। हाँ दावे के बहाने आप से अदलतों में कसरत जरूर करवा सकती है। जब वह दावा करें तब किसी अच्छे वकील से सलाह लीजिएगा।
हमें लगता है कि आप की सौतेली बहिन आप के व्यवहार से नाराज है। हो सकता है कभी किसी शादी ब्याह में उसे पर्याप्त मान न मिला हो। बहिनें मान मनौवल से मान जाती हैं। तो उसे मान दीजिए, पिछली गलती के लिए माफी मांग लें। उसी से आप का काम बन जाएगा।