कॉपीराइट कैसे मिलता है, इस का पंजीयन कैसे और कहाँ कराया जा सकता है?
|बेबी कुमारी ने पूछा है –
कॉपीराइट कैसे प्राप्त किया जाता है, हम कहाँ से कॉपीराइट प्राप्त कर सकते हैं, इसे प्राप्त करने के लिए क्या क्या औपचारिकताएँ पूरी करनी पड़ती हैं?
उत्तर –
बेबी कुमारी जी,
आप के प्रश्न से लगता है कि आप यह नहीं जानती कि कॉपीराइट क्या है। पहले उसे समझने का प्रयत्न करें। तीसरा खंबा पर पूर्व में कुछ पोस्टें इस विषय पर लिखी गई हैं जिन्हें आप यहाँ कॉपीराइट शब्द पर क्लिक कर के पढ़ सकती हैं। इन से आप को इस के बारे में प्रारंभिक जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
कॉपीराइट कानून के प्रभाव से किसी भी कृति पर उस के कृतिकार का कॉपीराइट जैसे ही उस कृति की रचना संपन्न होती है, स्वतः ही उत्पन्न हो जाता है। बस कृतिकार के पास उस का प्रमाण होना चाहिए। पुस्तक, चित्र, छायाचित्र, किसी भी लिखित सामग्री आदि के सम्बंध में उस का प्रथम प्रकाशन उस के कॉपीराइट का अच्छा प्रमाण है। इस तरह सामान्य रूप से कॉपीराइट का पंजीयन कराना आवश्यक नहीं है। कॉपीराइट का पंजीयन कराने से केवल यह सुविधा मिलती है कि कॉपीराइट का पंजीयन किसी कृति पर कृतिकार का कॉपीराइट होने प्रथम दृष्टया प्रमाण माना जाता है। लेकिन कानून के समक्ष कॉपीराइट अधिकार को चुनौती प्राप्त होने पर पंजीयन होने पर भी यह साबित करना पड़ेगा कि पंजीयन के पूर्व कृतिकार को किसी कृति विशेष पर कॉपीराइट प्राप्त था।
भारत में शिक्षा विभाग में कॉपीराइट कार्यालय स्थापित किया गया है। यहाँ कॉपीराइट पंजिका सुरक्षित रखी जाती है। कॉपीराइट कार्यालय के मुखिया को कॉपीराइट पंजीयक बनाया गया है। यह कार्यालय बी.2/डब्लू.3. सी.आर. बैरेक्स, कस्तूरबा गाँधी मार्ग, नई दिल्ली-110 003 पर स्थित है। किसी भी कृतिकार को अपनी किसी कृति के कॉपीराइट का पंजीयन कराना है तो वह उक्त पते पर संपर्क कर सकता है।
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14 Comments
मैं कवितायेँ लिखता हूँ ..मैं अपनी कविताओं का कॉपीराईट चाहता हूँ ,,,,क्या बिना कॉपीराइट के कविताये चुरायी जा सकती हैं ?क्या कॉपीराइट जरुरी है ?
कृपया उचित रे दें
धनयबाद
हमें आपके उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी
मेरे मित्र भी कविता लिखते हैं, रचनाकार हैं मेरी भी समस्या यही है…. कृपया मार्गदर्शन करें।
मेरे प्रश्न का उत्तर देने के लिए शुक्रिया
thank u sir! thank u very much. badhiya jankari mili. aabhari hun.
सुंदर ओर अच्छी जानकारी जी, धन्यवाद
good information
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है –
मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं
भले को भला कहना भी पाप
देश और समाजहित में देशवासियों/पाठकों/ ब्लागरों के नाम संदेश:-
मुझे समझ नहीं आता आखिर क्यों यहाँ ब्लॉग पर एक दूसरे के धर्म को नीचा दिखाना चाहते हैं? पता नहीं कहाँ से इतना वक्त निकाल लेते हैं ऐसे व्यक्ति. एक भी इंसान यह कहीं पर भी या किसी भी धर्म में यह लिखा हुआ दिखा दें कि-हमें आपस में बैर करना चाहिए. फिर क्यों यह धर्मों की लड़ाई में वक्त ख़राब करते हैं. हम में और स्वार्थी राजनीतिकों में क्या फर्क रह जायेगा. धर्मों की लड़ाई लड़ने वालों से सिर्फ एक बात पूछना चाहता हूँ. क्या उन्होंने जितना वक्त यहाँ लड़ाई में खर्च किया है उसका आधा वक्त किसी की निस्वार्थ भावना से मदद करने में खर्च किया है. जैसे-किसी का शिकायती पत्र लिखना, पहचान पत्र का फॉर्म भरना, अंग्रेजी के पत्र का अनुवाद करना आदि . अगर आप में कोई यह कहता है कि-हमारे पास कभी कोई आया ही नहीं. तब आपने आज तक कुछ किया नहीं होगा. इसलिए कोई आता ही नहीं. मेरे पास तो लोगों की लाईन लगी रहती हैं. अगर कोई निस्वार्थ सेवा करना चाहता हैं. तब आप अपना नाम, पता और फ़ोन नं. मुझे ईमेल कर दें और सेवा करने में कौन-सा समय और कितना समय दे सकते हैं लिखकर भेज दें. मैं आपके पास ही के क्षेत्र के लोग मदद प्राप्त करने के लिए भेज देता हूँ. दोस्तों, यह भारत देश हमारा है और साबित कर दो कि-हमने भारत देश की ऐसी धरती पर जन्म लिया है. जहाँ "इंसानियत" से बढ़कर कोई "धर्म" नहीं है और देश की सेवा से बढ़कर कोई बड़ा धर्म नहीं हैं. क्या हम ब्लोगिंग करने के बहाने द्वेष भावना को नहीं बढ़ा रहे हैं? क्यों नहीं आप सभी व्यक्ति अपने किसी ब्लॉगर मित्र की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हैं और किसी को आपकी कोई जरूरत (किसी मोड़ पर) तो नहीं है? कहाँ गुम या खोती जा रही हैं हमारी नैतिकता?
मेरे बारे में एक वेबसाइट को अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान भेजने के बाद यह कहना है कि- आप अपने पिछले जन्म में एक थिएटर कलाकार थे. आप कला के लिए जुनून अपने विचारों में स्वतंत्र है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं. यह पता नहीं कितना सच है, मगर अंजाने में हुई किसी प्रकार की गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ. अब देखते हैं मुझे मेरी गलती का कितने व्यक्ति अहसास करते हैं और मुझे "क्षमादान" देते हैं.
आपका अपना नाचीज़ दोस्त-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद लिन्क सहेज लिये हैं।
गुरु जी, आपका धन्यवाद करूँ या बेबी कुमारी जी का. जिनके वजह से यह चिर-अभिलाषित सामग्री पढ़ने को मिली ।
उपयोगी जानकारी ।
आपकी रचना यहां भ्रमण पर है आप भी घूमते हुए आइये स्वागत है………http://tetalaa.blogspot.com/
वाह बहुत बढ़िया जानकारी! ब्लोगर्स के बड़े काम की है… आजकल के माहौल को देखते हुए तो और भी सार्थक हो गया है यह प्रयास!
गुरुवर जी, सादर प्रणाम ! आपने आज कॉपीराइट पर बहुत अच्छी जानकारी दी है, मुझे थोड़ी बहुत प्रकाशन से जुड़ी थीं. लेकिन इतनी नहीं थीं. आज अभी काम(बच्चे का संरक्षण प्राप्त करने के लिए सरकारी वकील लेने तीस हजारी कोर्ट में जाना है) से जा रहा हूँ. आने के बाद कॉपीराइट विषय पर आप द्वारा 25/2/2008, 8/3/2008, 9/3/2008, 11/3/2008, 23/4/2008 और 28/9/09 की दी पोस्टों में जानकारी को पढ़कर समझूंगा. किसी प्रकार कोई प्रश्न या जिज्ञासा हुई तब आपको परेशान भी करूँगा. आपका शिष्य
सर मैं वीडियो ट्यूटोरियल बनाता हूँ, मैंने अपने लोगो पर ट्रेडमार्क ले रखा है और अपनी पहली वीडियो बुक पर कोपी राईट भी कराया है, पर अब जितने भी वीडियो मैं बनाता हूँ उनको बिना कोपीराईट लिए ही यू-ट्यूब पर अपलोड कर देता हूँ,
इन वीडियो में मेरी आवाज तथा किसी किसी में मेरा वीडियो भी सम्मिलित रहता है, साथ ही लोगो भी लगाया होता है- क्या इस तरह तैयार किये गए वीडियो पर मेरा कोपीराईट खुद ब खुद माना जायेगा या मुझे कोपी राइट लेना होगा?
मेरे वीडियो आप यहाँ देख सकते हैं मेरा यू-ट्यूब चैनल
उत्तम आलेख