कोविद-19 महामारी को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया। जानिए यह क्या है?
कोविद-19 महामारी के फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की शक्तियों का उपयोग करते हुए की है। इस आदेश के जरिये पहली बार आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 का उपयोग किया गया है और राज्य सरकारों को केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश जारी किए हैं। आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 6, प्राधिकरण की शक्तियों से संबंधित है – जिसके अंतर्गत प्राधिकरण ने राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को ये निर्देश जारी किए हैं। इस अधिनियम की धाराओं, 51 से 60 को पूरे देश में लागू कर दिया गया है। वर्तमान महामारी के प्रकोप को दूर करने के लिए, केंद्र सरकार ने COVID -19 प्रकोप को “गंभीर चिकित्सा स्थिति या महामारी की स्थिति” के रूप में “अधिसूचित आपदा” के रूप में शामिल किया है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51- यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोकता या बाधा डालता है, या केंद्र/राज्य सरकारों या एनडीएमए द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने से इनकार करता है तो वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दण्डित किया जा सकता है। इस धारा के अंतर्गत, 1 साल तक की कैद एवं जुर्माना। हालाँकि, यदि उस व्यक्ति के कार्यों से जानमाल का नुकसान होता है, तो 2 साल तक की कैद एवं जुर्माना हो सकता है।
उदाहरण के लिए, इस धारा के अंतर्गत, दिशानिर्देशों का कोई भी उल्लंघन, जिसमें पूजा स्थल पर जाना, सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करना आदि शामिल हैं, सभी को इस धारा के तहत अपराध माना जाएगा।
धारा 52- इस धारा के अंतर्गत, वह मामले आयेंगे जहाँ यह आरोप लगाया जाए कि अभियुक्त ने कुछ ऐसा लाभ (राहत, सहायता, मरम्मत, निर्माण या अन्य फायदे) का दावा किया जोकि मिथ्या था। इस धारा के अंतर्गत, दोषसिद्धि पर, कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी, दंडनीय होगा।
धारा 53- यदि कोई व्यक्ति राहत कार्यों/प्रयासों के लिए किसी भी पैसे या सामग्री का दुरुपयोग, अपने स्वयं के उपयोग के लिए करता है, या उन्हें ब्लैक में बेचता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के अंतर्गत 2 साल तक की कैद एवं जुर्माना हो सकता है।
धारा 54- यदि कोई व्यक्ति एक झूठा अलार्म या आपदा के बारे में चेतावनी देता है, या इसकी गंभीरता के बारे में चेतावनी देता है, जिससे घबराहट फैलती है जोकि वह जानता है कि झूठी है, तो उसका यह कृत्य इस धारा के अंतर्गत दंडनीय होगा। इस धारा के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति ऐसा प्रयास करता है कि इस आपदा या उसकी गंभीरता के सम्बन्ध में आम जनता के बीच आतंक का फैलाव हो तो उसे इस धारा के अंतर्गत दण्डित किया जा सकता है। इस धारा के अंतर्गत, एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना हो सकता है।
धारा 55- सरकार के विभागों द्वारा अपराध से सम्बंधित है।
धारा 56- यदि एक सरकारी अधिकारी, जिसे लॉकडाउन से संबंधित कुछ कर्तव्यों को करने का निर्देश दिया गया है, और वह उन्हें करने से मना कर देता है, या बिना अनुमति के अपने कर्तव्यों को पूरा करने से पीछे हट जाता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के अन्तर्गतं, 1 साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है।
धारा 57- आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 65 के अंतर्गत, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति, राज्य कार्यकारिणी समिति, या जिला कार्यकारिणी समिति को यह शक्ति दी गयी है कि वह किसी भी संसाधन, वाहन या भवनों की आवश्यकता पड़ने पर, जो उसे आपदा के जवाब में अपना काम करने के लिए चाहिए या आवश्यकता है, तो वह उसकी मांग रुपी आदेश कर सके अर्थात ऐसे संसाधन, वाहन या भवनों के सम्बन्ध में अध्यपेक्षा का आदेश जारी किया जा सकता है। इसी सम्बन्ध में, धारा 57 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति इस तरह के अपेक्षित आदेश का पालन करने में विफल रहता है, तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के अंतर्गत, 1 साल तक की कैद एवं जुर्माना हो सकता है।
धारा 58- कंपनियों द्वारा अपराध से सम्बंधित है।
धारा 59- अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी से सम्बंधित है,तथा
धारा 60 न्यायालयों द्वारा अपराधों के संज्ञान से सम्बंधित है।