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गृह ऋण प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि मकान ऋण आवेदक के स्वामित्व का हो।

real5समस्या-

इंदौर, मध्यप्रदेश से प्रशान्त सी ने पूछा है-

मैं एक शासकीय वेतनभोगी कर्मचारीहूँ एवं अपने माता-पिता, परिवार के साथसंयुक्त रूप से निवास करतेहैं। परिवार में मेरे अतिरिक्त छोटी बहन है जोकि विवाहित होकर अपने ससुराल में निवासरत हैं। जिस भवन में हम निवास करतेहैं मैं उसके द्वितीय फ्लोर पर निर्माण कार्य करना चाहता हूँ।जिसके लिएमुझे किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक से गृह ऋण ग्राह्य करने की आवश्यकताहै।किन्तु भवन की रजिस्ट्री मेरे पिता के नाम है। आप से जानकारी चाहता हूँकि क्या मैं उस रजिस्ट्री को बैंक में बंधक रखकर होम लोन प्राप्त कर सकताहूँ? या मुझे कोई वैधानिक दस्तावेज उक्त सम्बन्ध में बनवाने होंगे? मुझेगृह ऋण प्राप्त करने में किसी तरह की कोई तकनीकी अड़चन तो नहीं आएगी? कृपया मार्गदर्शन प्रदान करें।

समाधान-

प को गृहऋण लेना है और बैंक या किसी वित्तीय संस्था से प्राप्त करना है। प्रत्येक बैंक और वित्तीय संस्था की गृहऋण की शर्तें भिन्न भिन्न होती हैं। आप को सब से पहले तो उन बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से संपर्क करना चाहिए जो गृहऋण प्रदान करती हैं और उन्हें अपने मकान के स्वामित्व के दस्तावेज बता कर उन से उन की शर्तें जाननी चाहिए। क्यों कि ऋण देने का मामला बैंक की शर्तों पर निर्भर करेगा। इस का कानून से कोई लेना देना नहीं है।

म तौर पर बैंक या वित्तीय संस्थाएँ किसी मकान के मालिक को ही उस मकान को बंधक रखते हुए गृहऋण देती हैं। आप या आप की बहिन उस मकान के मालिक नहीं हैं।

प के अनुसार आप के पिता उस मकान के स्वामी हैं। वे उस मकान को बंधक रख कर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन उस में परेशानी यह हो सकती है कि उन की आयु इतनी होगी कि उन के जीवनकाल में उस मकान के ऋण की किस्तें वे न चुका सकें। इस कारण से कोई भी संस्था उस पर ऋण देने से इन्कार कर देगी।

वित्तीय संस्थाएँ आप को ऋण दे सकती हैं यदि वह मकान आप के स्वामित्व में आ जाए। यह तभी हो सकता है कि आप के पिता उक्त मकान को दान या विक्रय के माध्यम आप के नाम हस्तान्तरित कर दें। दान और विक्रय दोनों के पंजीकरण में लगभग समान खर्च आता है। इस कारण यदि आप के पिता उक्त मकान को आप के नाम हस्तान्तरित करना चाहें तो विक्रय के माध्यम से ही किया जाना उचित है। क्यों कि तब आप मकान को क्रय करने और उस के निर्माण दोनों के लिए अपनी आय सीमा के अन्तर्गत ऋण प्राप्त कर सकते हैं। विक्रय की राशि आप के पिता भारतीय जीवन बीमा निगम जैसी वित्तीय संस्था के पास निवेश कर के उन के भविष्य की सुरक्षा भी करते रह सकते हैं जिस से उन्हें प्रतिमाह या त्रैमासिक रूप से ब्याज आदि के रूप में कुछ धनराशि प्राप्त होती रहे।

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