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चयन प्रक्रिया में त्रुटि के लिए रिट याचिका प्रस्तुत करने के पहले सरकार को विधिक सूचना अवश्य दें . . .

Indore HCसमस्या-
छिन्दवाड़ा, मध्य प्रदेश से नवनीत श्रीवास्तव ने पूछा है –

मैं 01.07.1989 को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुआ था। मुझे 12 वर्ष बाद यूडीटी (अगला पद) पद रिक्त नहीं होने से सिर्फ़ उस का केवल वेतनमान ही दिया गया, पद नहीं।  01.07.2013 को द्वितीय उच्च वेतनमान बकाया हो चुका है पर अभी मिला नहीं। 24 वर्ष से छठी से 12 वीं कक्षा पढ़ा रहा हूँ रिज़ल्ट 100% आता रहा है। म.प्र. शासन में क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी का पद भरती के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित की गई जिस में मैं उत्तीर्ण हो गया। शैक्षणिक योग्यता जो होनी चाहिए वह मेरे पास है। (बी.एससी. बी.एड. एम.ए.)। अनुभव यूडीटी पद पाँच वर्ष तक पाँचवी से आठवीं कक्षा तक का मांगा था। मेरा अनुभव भी है, लेकिन मुझे यह कह कर रिजेक्ट कर दिया है कि मैं सहायक अध्यापक के पद पर हूँ। कृपया बताइए कि मैं उच्च न्यायालय में रिट दायर करूंगा तो निर्णय मेरे पक्षा में होगा या नहीं?

समाधान –

प तो अध्यापक हैं। आप तो यह जानते होंगे कि निश्चित रूप से गणित में किसी प्रश्न का हल एक ही होता है। लेकिन जब आप अन्य विषयों में जाते हैं तो आप स्वयं यह महसूस करते होंगे कि वहाँ अनेक हल हो सकते हैं और कभी कभी किसी समस्या का हल बिलकुल अनुमान नहीं किया जा सकता। कम से कम एक तरफा तथ्यों को देख कर तो बिलकुल भी नहीं। जब आप उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल करेंगे तो राज्य सरकार को भी आप की याचिका का उत्तर देने का अवसर मिलेगा। आप की याचिका के उत्तर में सरकार की ओर से क्या प्रतिवाद प्रस्तुत किया जा सकता है इस का कोई अनुमान आप के प्रश्न से नहीं हो रहा है। इस कारण यह कहना कठिन है कि आप को रिट याचिका में सफलता हासिल हो सकती है या नहीं। आप के तथ्यों से प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आप का दावा उचित है और आप को सफलता हासिल होना चाहिए। एक बात और कि कोई भी अच्छा वकील आप को कभी भी यह नहीं कहेगा कि वह आप को निश्चित रूप से सफलता हासिल करवा देगा। यदि कोई यह कहता है कि सफलता हासिल कराने की वह गारन्टी देगा तो समझ लेना कि वह वकील अच्छा नहीं है।

लेकिन रिट याचिका प्रस्तुत करने के पूर्व जिन वकील साहब से आप यह काम करवाना चाहते हैं उन्हीं से आप एक विधिक सूचना (लीगल नोटिस) राज्य सरकार को अवश्य भिजवाएँ जिस में आप सारे तथ्यों को अंकित करते हुए लिखें कि आप का क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी के पद पर चयन नहीं करना उचित नहीं है और आप को न्याय नहीं मिला है। उस नोटिस में यह भी अंकित किया जाए कि आप मांग करते हैं कि उक्त पद पर आप का चयन किया जा कर आप के साथ न्याय किया जाए अन्यथा नोटिस की अवधि समाप्त होने पर आप रिट याचिका प्रस्तुत करने को बाध्य होंगे।

स  विधिक सूचना से यदि विभाग और राज्य सरकार को यह जानकारी हो जाएगी कि उन से क्या त्रुटि हुई है। और यदि इस विधिक सूचना का कोई उत्तर सरकार की ओर से आता है तो आप को भी अनुमान हो जाएगा कि आप के द्वारा रिट याचिका प्रस्तुत करने पर सरकार का प्रतिवाद क्या हो सकता है। इस विधिक सूचना का कोई उत्तर आप के द्वारा दिए गए समय में प्राप्त नहीं होता है तो आप रिट याचिका प्रस्तुत कर दें। आप को सफलता प्राप्त होने की अच्छी संभावना है।

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