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चैक बाउंस के मुकदमे में समन और वारंट की तामील पुलिस ही कराएगी, लेकिन परिवादी को शुल्क के साथ आवेदन देना होता है।

समस्या-

दिल्ली से शारदा ने पूछा है –

मैं ने एक परिवाद धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत किया है। अब अभियुक्त को समन कोर्ट भेजेगी या मुझे भेजना होगा?

Code of Criminal Procedure
समाधान-

प ने जो परिवाद प्रस्तुत किया है उस पर जो कार्यवाही आरंभ हुई है वह अपराधिक प्रकृति की है और दंड प्रक्रिया संहिता के अनुसार ही समस्त कार्यवाही होगी। पहले आप को शपथ पत्र प्रस्तुत कर के अपने परिवाद के तथ्यों को साबित करना होगा। तब न्यायालय आप के परिवाद पर प्रसंज्ञान ले कर अभियुक्त को समन से बुलाने का आदेश करेगा। तब आप को समन जारी करने के लिए आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा। जिस पर मामूली न्यायशुल्क लगेगा। तब न्यायालय अभियुक्त व्यक्ति के लिए समन जारी करेगा। इस समन को पुलिस द्वारा अभियुक्त को पहुँचाया जाएगा। यह हो सकता है कि अभियुक्त किसी दूरस्थ स्थान पर रहता हो तो न्यायालय आप को समन दस्ती देने का आदेश दे दे। तब भी समन आप को एक बंद लिफाफे में सिर्फ इतना करने के लिए दिया जाएगा कि आप उसे उस पुलिस थाने तक पहुँचा दें जिस के अंतर्गत अभियुक्त रहता है।

ब तक अभियुक्त को समन प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक आप को समन जारी करने के लिए हर पेशी पर समन जारी करने का आवेदन शुल्क सहित देना पड़ सकता है। यदि समन मिलने पर भी अभियुक्त उपस्थित नहीं हो तो उसे जमानती या गिरफ्तारी वारंट से बुलाए जाने का आदेश न्यायालय दे सकता है। तब भी वारंट जारी करने के लिए सशुल्क आवेदन आप को ही देना होगा। लेकिन वारंट की तामील पुलिस ही कराएगी। वही अभियुक्त को गिरफ्तार कर के न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

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