DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहे कर्मचारी को सरकारी सेवा में स्थाईकरण का लाभ मिलना संभव नहीं।

rp_gavel10.jpgसमस्या-

अशोक ने शिकारपुर, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरा दोस्त उत्तर प्रदेश की नगर पालिका मैं 1999 से नौकरी कर रहा है जो उस समय संविदा पर लगा था और 2012 तक संविदा पर ही काम किया। उसके बाद से ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहा है उसे कभी भी संविदा से हटाकर ठेकेदारी में करने की किसी प्रकार की सूचना नहीं दी, न उसे कुछ लिखकर दिया न उससे कुछ लिखकर लिया। वो लगातार नौकरी कर रहा है इतने लम्बे समय तक नौकरी करने का उसे कोई लाभ मिल सकता है क्या? सुप्रीम कोर्ट का आदेश दस साल तक नौकरी कर चुके कर्मचारी को नियमित होने का हक इस पर लागू होगा या नहीं?

 

समाधान

हले आप का मित्र संविदा नियुक्ति पर था। संविदा नियुक्ति में नौकरी की अवधि निश्चित होती है और सेवा का अंतिम दिन भी। इस अन्तिम दिन के पश्चात संविदा नियुक्ति स्वतः समाप्त हो जाती है। नियुक्ति समाप्त होने पर पुनः संविदा नियुक्ति दे दी जाती है इस तरह सेवा लगातार चलती रहती है। लेकिन एक संविदा नियुक्ति समाप्त हो जाने पर कर्मचारी का सेवा पर कोई लियन नहीं रह जाता है।

दि एक संविदा नियुक्ति समाप्त होने पर उसे पुनः संविदा नियुक्ति न दे कर उस के स्थान पर उस से किसी ठेकेदार के माध्यम से काम लेना आरंभ कर दिया जाए तो वह तब सरकारी सेवक न हो कर ठेकेदार का कर्मचारी हो जाता है। आप के मित्र की संविदा नियुक्ति समाप्त हो जाने पर लिख कर देने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उस के बाद उस से ठेकेदार के माध्यम से काम लिया जाने लगा। इसे भी तीन वर्ष हो चुके हैं। आप का मित्र अब सरकारी सेवा में न हो कर ठेकेदार की सेवा में है इस कारण से उसे स्थाई करण की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुझाई गयी योजना का लाभ मिलना संभव नहीं है।

Print Friendly, PDF & Email