तथ्यों और सबूतों के आधार पर ही मुकदमा करें।
|रामचन्द्र ने बाड़मेर, राजस्थान से पूछा है-
एक व्यक्ति मुझे मेरे मोबाईल पर बार बार फोन कर अश्लील गालियां देता है और मेरी पत्नी की लज्जा भंग करने एवं इज्जत को बदनाम करने की कई अश्लील गालियां देता है और हाथ पैर तोडने की धमकी देता है। मेरे पास इसकी रिकॉर्डिंग मौजूद है। क्या मैं उसके खिलाफ किस धारा के तहत मुकदमा दर्ज करवा सकता हूं और ऐसा मुकदमा गैर जमानती होना चाहिए और इस प्रकार के मुकदमे की भाषा कैसी होनी चाहिए और इसके लिए मुझे क्या करना होगा? वह व्यक्ति मेरे छोटे भाई की बीवी का सगा भाई है क्या वह मेरे द्वारा किये गये मुकदमे को कमजोर करने के लिए मेरे खिलाफ उल्टा मुकदमा कर सकता है अथवा नहीं?
समाधान-
आप किसी के विरुद्ध मुकदमा करना चाहते हैं और यदि आप के पास पर्याप्त तथ्य और सबूत हैं तो पुलिस पास अपनी शिकायत ले कर जा सकते हैं। यदि पुलिस यह समझती है कि आप के पास के तथ्यों और सबूतों के आधार पर कोई संज्ञेय अपराध घटित हुआ है तो वह प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही आरंभ कर देगी। यदि आप समझते हैं कि आप की शिकायत को पुलिस दर्ज करने से इनकार कर रही है तो आप सीधे न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं। न्यायालय आप के तथ्यों को देख कर आप का परिवाद जाँच के लिए पुलिस को प्रेषित कर सकता है या खुद जाँच कर के उस में प्रसंज्ञान ले सकता है।
इस काम को करने से आप को कोई नहीं रोक सकता उसी तरह जिस व्यक्ति के विरुद्ध आप मुकदमा दर्ज करवाना चाहते हैं उसे भी यह सब कार्य करने से कोई नहीं रोक सकता। आप के मुकदमा करने पर वह बचाव नहीं करेगा या प्रति आक्रमण करने के लिए आप पर मुकदमा नहीं करेगा यह कोई नहीं बता सकता। आप का यह प्रश्न की वह व्यक्ति उलटा आप पर मुकदमा तो नहीं करेगा एक मूर्खतापूर्ण प्रश्न है जिसे लोग अक्सर करते हैं और रोज करते हैं।
यदि आप के पास पर्याप्त तथ्य और सबूत नहीं हैं तो कोई भी वकील अपनी भाषा मात्र से कोई मुकदमा तैयार नहीं कर सकता। यदि कोई ताश का महल खड़ा कर भी दे तो वह कभी भी भरभरा कर गिर सकता है।
वह व्यक्ति मेरे छोटे भाई की बहन का सगा भाई है इसका क्या मतलब है ?
लगता है प्रश्नकर्ता ने बीवी के स्थान पर बहन टाइप कर दिया है। ठीक कर दिया है। वैसे भी वह कोई भी हो इस से समस्या पर क्या फर्क पड़ता है। इतना पर्याप्त है कि वह प्रश्नकर्ता का निकट संबंधी है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.तथ्यों और सबूतों के आधार पर ही मुकदमा करें।