तलाक के स्थान पर न्यायिक पृथक्करण के लिए अर्जी दें।
|समस्या-
सुशील कुमार ने जहाँनाबाद, बिहार से पूछा है-
मेरी शादी को दस साल हुए हैं एक पुत्र आठ वर्ष का है। मेरी पत्नी मेरी माँ से बहुत झगड़ा करती है, बहुत गंदी रहती है, पागलों जैसा व्यवहार करती है, गंदी गंदी गालियाँ देती है। उस के साथ पाँच वर्ष से मेरा कोई शारीरिक संबंध नहीं है। मैं तलाक चाहता हूँ लेकिन वह नहीं चाहती। मैं किस आधार पर तलाक ले सकता हूँ? क्या मैं दूसरे जिले में अपना मुकदमा पेश कर सकता हूँ, मेरी स्थिति कुछ करने या मरने जैसी है मैं अपने पुत्र और माँ के साथ रहना चाहता हूँ। मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ, मुझे स्थाई पुनर्भरण के बारे में भी बताएँ।
समाधान-
आप क्रूरतापूर्ण व्यवहार के आधार पर तलाक ले सकते हैं अथवा न्यायिक पृथक्करण करवा सकते हैं। यदि फिलहाल आप का दूसरा विवाह का कोई इरादा न हो तो हमारी सलाह है कि आप तलाक के लिए अर्जी देने स्थान पर न्यायिक पृथक्करण (Judicial Separation) के लिए अर्जी प्रस्तुत करें। वास्तव में पत्नी के व्यवहार के कारण ही सारी परेशानी है। हो सकता है आप की पत्नी को कोई मानसिक रोग हो और उसे चिकित्सा की जरूरत हो। दस साल के विवाह के बाद तलाक हो जाने पर वह कहाँ जाएगी? उस का भरण पोषण तो आप को ही करना होगा। जैसी उस की स्थिति है उसे देखभाल और चिकित्सा की जरूरत भी हो सकती है।
हमारा सुझाव है कि आप न्यायिक पृथक्करण के लिए अर्जी दें। जो क्रूरता के आधार पर दी जा सकती है, आप किसी स्थानीय वकील से मिलेंगे तो वह अन्य आधार भी आप से बातचीत कर के जोड़ देगा। न्यायिक पृथक्करण के बाद आप अपनी पत्नी को अलग आवास में अपने घऱ से दूर रख सकते हैं और आप अपने घर माँ और बेटे के साथ रह सकते हैं। यदि आवश्यक हुआ तो न्यायिक पृथक्करण की डिक्री के वर्ष भर बाद आप तलाक का आवेदन भी कर सकते हैं। स्थाई पुनर्भरण का जहाँ तक प्रश्न है तो यह तो तलाक के साथ ही तय हो सकता है, उस के पहले नहीं।
Sir meri shadi aj se 10year pahele hui thi jb me Na balik tha muje samjh nhi thi . Tb se le kar aj tk hamare bhich me koi bat chit bhi nhi hui . Na mere Na mere gar walo ki or ab me us ke sath life nhi bita Sakta . Muje use Talak Dena hai . To plz sir muje ap kuch btaye ki kya me asa kar Sakta hu
एक पत्नी जो तलाक देकर दूसरे को पति बनाई फिर उस पुरूष को भी तलाक दे दी,
12 वर्ष बाद पहले पति के मृत्यु पश्चात् ही धन के लालच में वापस आ जाती है और समाज को भी धन देने का लालच देकर आकर्षित कर लेती है और चार साल में कोर्ट के चक्कर काटने पर बूढ़ी हो जाती है फिर समाज को मुख्तियारनामा देती है तो क्या उस महिला के मरणोपरांत समाज का हक बनता है?
नोट :- IPC (इंडियन पैनल कोड) के मुताबिक अगर कोई पति पत्नी के तलाक हो जाने के बाद एक साल के अंदर फिर से एकसाथ रहना शुरू कर देते हैं तो पति पत्नी का मान्यता प्राप्त होगा।
चूँकि – मृतक का तलाक होने के बाद 12 वर्षों तक कोई मिलन नहीं हुआ था।
Sir
सर, मेरी समस्या का समाधान भी प्रकाशित कीजिये काफी समय व्यतीत हो चूका है ?