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दत्तक ग्रहण विलेख अवश्य पंजीकृत कराएँ

समस्या-

कुक्षी , मध्यप्रदेश से श्रीमती परवीन ने पूछा है-

मेरी कोई संतान नहीं है तथा मैं व मेरे पति संतान गोद लेना चाहते हैं।  मेरी छोटी बहिन का पुत्र है,  छोटी बहिन व उसका पति भी पुत्र को गोद देना चाहते हैं , मेरी समस्या ये है कि गोदनामे की लिखा-पढ़ी कैसे व किस प्रारूप में व कितने रूपये के स्टाम्प पेपर पर की जाये?  तथा गोद नामा की लिखा- पढ़ी में क्या जरूरियात होनी चाहिए?  क्या सिर्फ नोटरी किया हुआ गोदनामा मान्य होगा?

समाधान-

Adoptionप के प्रश्न से यह पता नहीं लग रहा है कि आप का धर्म क्या है जिस से यह पता लगाया जा सके कि आप कौन सी व्यक्तिगत विधि से शासित होंगी।  आप ने अपना नाम परवीन लिखा है।  यह नाम मुस्लिम भी हो सकता है और हिन्दू भी।  लेकिन मुस्लिम विधि में गोद लेने का कोई प्रावधान नहीं है और किसी भी प्रकार से किसी संतान को गोद नहीं लिया जा सकता।  यदि आप मुस्लिम विधि से शासित होतीं हैं तो संतान गोद नहीं ले सकती हैं।  आप अधिक से अधिक संतान को उस के माता-पिता की सहमति से स्वयं के संरक्षण में ले सकती हैं और इस के लिए नोटेरी से सत्यापित किया हुआ एक अनुबंध (एग्रीमेंट) पर्याप्त होगा।  लेकिन इस एग्रीमेंट से केवल बच्चा आप के संरक्षण में आ जाएगा। न तो उस बालक को और न ही आप पति-पत्नी को कोई अधिकार प्राप्त होंगे और न ही कोई दायित्व तीनों पर उत्पन्न होंगे। वह सिर्फ बालक के पालन-पोषण और संरक्षण की सिविल संविदा होगी जो आप पति-पत्नी पर दायित्व तो उत्पन्न करेगी किन्तु बालक पर किसी तरह का अधिकार आप को प्राप्त नहीं होगा।

लेकिन यदि आप हिन्दू हैं तो आप के पति आप की सहमति से उस बालक को गोद ले सकते हैं तथा उस बालक के पिता अपनी पत्नी की सहमति से उसे गोद दे सकते हैं।  इस के लिए हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम में प्रावधान दिए गए हैं।   जिस के अनुसरा यह आवश्यक है कि बालक की आयु 15 वर्ष से कम की हो।   लिखा-पढ़ी के लिए अच्छा यह  होगा कि आप दत्तक-ग्रहण के लिए दत्तक अभिलेख अपने यहाँ के किसी स्थानीय वकील से लिखवाएँ और उसे उप पंजीयक के कार्यालय में जहाँ मकानों के बेचने खरीदने के विक्रय पत्रों का पंजीयन होता पंजीकृत करवाएँ।  इस के लिए प्रत्येक राज्य में पृथक पृथक स्टाम्प ड्यूटी व पंजीयन शुल्क निर्धारित है जिस की जानकारी आप अपने क्षेत्र के उपपंजीयक कार्यालय से प्राप्त कर सकती हैं।  दत्तक ग्रहण विलेख पर मामूली स्टाम्प ड्यूटी जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित होती है ली जाती है तथा कुछ पंजीयन शुल्क लिया जाता है।  दत्तक ग्रहण के लिए निर्धारित मूल्य के स्टाम्प पर दत्तक ग्रहण विलेख लिखा जाएगा और पंजीकृत किया जाएगा।  दत्तक ग्रहण विलेख पंजीकृत हो जाने पर वह दत्तक ग्रहण का अविवादित साक्ष्य होता है, उसे किसी प्रकार खंडित किया जाना संभव नहीं होता।

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