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पुश्तैनी कृषि भूमि के रिकार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ प्राप्त करें तभी आगे उपाय संभव है।

Apanakhataसमस्या-

गणेश ने  गोयली, जिला सीकर राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरे दादाजी की पुश्तैनी घर व खेत थे, लेकिन हमारे दादाजी की जब मृत्यु हुई तब उन की इकलौती सन्तान मेरे पिताजी कि उम्र 06 माह की थी। तब मेरी दादी मेरे पिताजी को लेकर ननिहाल आ गयी थी। उस के बाद दादी ने मेरे पिताजी को ननिहाल में बड़ा किया और शादी भी कर दी और मेरे पिताजी के हम 03 बहन ओर 01 भाई हूँ। मेरे पिताजी का भी स्वर्गवास 06-12-2001 को हो गया था। हमारे पिताजी अनपढ होने कि वजह से उन्हों ने कभी उस जमीन की बात को कभी नहीं छेडा। लेकिन हमें सभी बातें बताया करते थे। मेरे दादाजी की मौत 1940-1945 के लगभग में हुई होगी हमारी जमीन खूब दूर के भाई लेकर बैठे हैं। हमारे पास जमीन से सम्बधित कोई कागजात नहीं हैं। उस जमीन को लेने के लिए क्या करना होगा।

समाधान-

कृषि भूमि की स्वामी सरकार है और किसान उस पर खातेदार कृषक। वह एक तरह से किराएदार होता है। चूंकि जमीन सरकारी है इस कारण से राज्य सरकार का राजस्व विभाग सारा रिकार्ड रखता है। आप इस रिकार्ड की तलाश कर सकते हैं। कुछ वर्षों का रिकार्ड तो तहसील में रहता है, उस से पुराना रिकार्ड जिला रिकार्ड रूम में रहता है और उस से भी पुराना रिकार्ड अजमेर राजस्व मंडल में संरक्षित है। आप की जो जमीन है जिस पर आप के दूर के रिश्ते के भाई काबिज हैं उस जमीन के खसरा नं. आदि आप को पता करने चाहिए। जिस गाँव में जमीन है उस गाँव का भूमि रिकार्ड इन्टरनेट पर राजस्व मंडल की वेबसाइट ‘अपना खाता’ पर उपलब्ध है। यहाँ आप उस गाँव का रिकार्ड देख कर पता कर सकते हैं कि आप के दादाजी की जमीन के वर्तमान खाता सं. क्या क्या हो सकते हैं।

क बार जमीन के वर्तमान खसरा नं. आदि का पता लग जाए तो उन जमीनों के पुराने रिकार्ड से ले कर आज तक के रिकार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। कब कब आप के दादाजी की जमीन का नामान्तरण किस किस के नाम हुआ और उस का आधार क्या रहा? एक बार यह रिकार्ड सामने आ जाए तो फिर यह तय किया जा सकता है कि वह जमीन किस तरह प्राप्त की जा सकती है। इस मामले में आप को जिस गाँव में जमीन है उस के तहसील या जिला मुख्यालय के राजस्व मामले के किसी वकील से सलाह करनी चाहिए और रिकार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ प्राप्त कर के काम आरम्भ करना चाहिए।

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