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दानपत्र की जानकारी नहीं तो बँटवारे का वाद प्रस्तुत करें।

justiceसमस्या-

दीपक मंडल ने शंकरपुर बिहार से पूछा है-

मेरे नाना जी के चार बेटियाँ हैं बेटा कोई नहीं। मेरे नाना जी दो भाई थे। उन के छोटे भाई के तीन बेटे और एक बेटी है। मेरे बड़े मामा (छोटे नाना के बड़े बेटे) कहते हैं कि मेरे नानाजी ने मरने के चार साल पहले सारी संपत्ति का दानपत्र उन के नाम लिख दिया था। जब कि नानाजी के जीवन काल में इस दानपत्र के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी। दानपत्र के बारे में भी भी कोई ठीक ठीक जानकारी हमें नहीं है। नानाजी की मृत्यु को 8 वर्ष हो गए हैं। अब हम क्या कर सकते हैं?

समाधान-

दि आप के नानाजी ने कोई दानपत्र नहीं किया था तो वैसी स्थिति में आप की माताजी आप के नानाजी की उत्तराधिकारी हैं। आप की माताजी को चाहिए कि वे अपने पिता की संपत्ति के बंटवारे के लिए दीवानी वाद सिविल न्यायालय में प्रस्तुत करें। इस वाद का सम्मन आप के नानाजी के उत्तराधिकारियों को और आप के छोटे नानाजी को जाएगा। यदि छोटे नानाजी अब नहीं हैं तो उन के उत्तराधिकारियों को जाएगा। उन्हें उस वाद में अपना उत्तर प्रस्तुत करना होगा। तब बड़े मामा यदि कोई दानपत्र अस्तित्व में हुआ तो उस के आधार पर उन का पक्ष रखेंगे और दानपत्र न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे।

क बार दानपत्र न्यायालय में सब के सामने आ जाने पर उस की जाँच की जा सकती है और उसे उचित आधारों पर चुनौती दी जा सकती है। यदि दानपत्र उचित नहीं पाया गया तो आप की माता जी को संपत्ति में उन का अधिकार प्राप्त हो सकता है।

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