दीवानी मामले में दीवानी न्यायालय में कार्यवाही करें, केवल पुलिस को एफआईआर दर्ज कराने से काम नहीं चलेगा
समस्या-
लखनऊ, उत्तर प्रदेश से प्रगति तिवारी ने पूछा है –
हमारे दादा जी द्वारा बनाए घर में तीन परिवार रहते हैं। उन में से एक परिवार ने घर में अवैध रूप से तोड़-फोड़ शुरू कर दी है। मेरे पिता जी प्रथम सूचना रिपोर्ट FIR लिखाना चाहते हैं लेकिन उन में से एक परिवार ने सुझाव दिया कि आरोपी परिवार के विरुद्ध एक महीने पहले भी प्रथम सूचना रिपोर्ट उसी घर से हो चुकी है इस लिए हमारी रिपोर्ट अब 5 महीने के बाद ही लिखा सकते है। क्या ऐसा कोई नियम है?
समाधान-
ऐसा कोई नियम नहीं है। जब भी अपराधिक घटना घटित हो या होने की संभावना हो तब प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। आप के पिता जी को इस की रिपोर्ट दर्ज करवा देनी चाहिए। लेकिन आप का मामला अभी अपराधिक नहीं है। आप के तथ्यों के आधार पर केवल यह मामला बनता है कि मतभेद के कारण शान्ति भंग हो इस मामले में पुलिस अधिक से अधिक शान्ति भंग करने से रोकने के लिए परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत करेगी और वहाँ से शान्ति भंग करने के लिए सभी पक्ष पाबन्द कर दिए जाएंगे। इस से कुछ भी हासिल होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन रिपोर्ट पुलिस को अवश्य कर देनी चाहिए।
आप का घर संयुक्त परिवार की संपत्ति है और अभी बँटवारा नहीं हुआ है। यह दीवानी अधिकारों का मामला है जिस मे दीवानी कार्यवाही करना ही उचित उपाय है। ऐसी स्थिति में आप के पिता जी को घर के बँटवारे के लिए वाद दीवानी न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहिए और बँटवारे के विवाद का निपटारा होने तक उक्त घर में किसी भी तरह के निर्माण और तोड़ फोड़ करने से रोकने के लिए साथ में अस्थाई निषेधाज्ञा का आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए तथा उस में सभी विपक्षीगण के विरुद्ध अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त करनी चाहिए। इस वाद में आप के दादा जी के सभी उत्तराधिकारी विपक्षी पक्षकार बनाए जाएंगे।
आप की जानकरी से कानून की बहुत सी बारीकियां सीखने को मिलती है .