नई बाइक चोरी हो गई, क्या चोरी का बीमा होता है? मैं बीमा दावा कैसे करूँ?
|राकेश ने पूछा है …..
मेरी नई बाईक घर से चोरी हो गई है, उसका बीमा है। क्या चोरी का बीमा मिलता है? बाईक का मूल्य 40000 है, मै बहुत परेशान हो गया हूँ। कृपया जल्दी समाधान भेजें, मै आपका आभारी रहूँगा।
समाधान ……
राकेश जी,
आप तो मोटर सायकिल के चोरी जाने से बिलकुल घबरा गए हैं। स्वाभाविक भी है। बमुश्किल और बहुत अरमानों के साथ एक नौजवान अपनी पसंद की मोटर सायकिल खरीदता है। वह नई की नई चोरी चली जाए घबराना स्वाभाविक है।
किसी भी मोटर सायकिल के दो प्रकार के बीमे हो सकते हैं। एक तो अधिनियम दायित्व बीमा होता है, अर्थात जिन चीजों का बीमा कराना कानूनन जरूरी है, जैसे किसी तीसरे पक्ष को होने वाली जन-धन-स्वस्थ्य की हानि का बीमा। यह तो हर मोटर वाहन के स्वामी को कराना जरूरी है। लेकिन इस में चोरी का बीमा शामिल नहीं होता है। इस के अलावा एक पैकेज पॉलिसी बीमा होता है। इस में सभी तरह का बीमा शामिल होता है. जिस में चोरी व किसी दुर्घटना में आप के वाहन को होने वाली हानियों की भरपाई शामिल होती है।
आम तौर पर नई मोटर सायकिल किसी न किसी ऋण के माध्यम से खरीदी जाती है। यदि ऐसा है तो ऋणदाता स्वयं ही पैकेज पॉलिसी बीमा कराता है। यदि ऋण नहीं भी लिया होता है तो भी नए वाहन का बीमा पैकेज पॉलिसी के अंतर्गत करने का पूरा प्रयत्न बीमा कंपनी करती है। आप अपना बीमा प्रमाण पत्र देखें कि आप की बाइक का किस तरह का बीमा किया गया है।
यदि आप का पैकेज पॉलिसी बीमा है तो आप को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप ने चोरी की रपट तो पुलिस को लिखवा ही दी होगी। आप बीमा कंपनी को भी चोरी की सूचना दे दें और आप के द्वारा की गई रपट की प्रतिलिपि संलग्न कर दें। बीमा कंपनी वाले आप से एक दावा फार्म भरवाएंगे। आप से वाहन का पंजीकरण, आप का ड्राइविंग लायसेंस, बीमा प्रमाणपत्र की प्रति और मोटर सायकिल की दोनों चाबियाँ मांगेंगे। आप इन्हें जमा करा दीजिए। बीमा कंपनी अपने अन्वेषक से अन्वेषण कराएगी कि वाकई मोटर सायकिल चोरी हुई है अथवा नहीं। फिर वह पुलिस अन्वेषण की रिपोर्ट की प्रतीक्षा करेगी। यदि इस बीच मोटर सायकिल पुलिस बरामद कर लेती है तो आप उसे न्यायालय में आवेदन कर के अपने कब्जे में ले सकते हैं। इस बीच यदि बाइक में कोई नुकसान हुआ है तो उस की भरपाई बीमा कंपनी कर देगी।
यदि आप की मोटर सायकिल वापस नहीं मिलती है तो पुलिस मामले में अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करेगी। न्यायालय प्रतिवेदन की जाँच कर के उसे स्वीकार कर लेता है तो आप अंतिम प्रतिवेदन तथा उस की स्वीकृति के न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रतियाँ न्यायालय से प्राप्त कर बीमा कंपनी को दे दें। बीमा कंपनी आप की मोटर सायकिल की कीमत में से घिसाई (Depreciation) काट कर आप को नुकसान की भरपाई कर देगी। आप बीमा दावा से प्राप्त राशि से नई मोटर सायकिल खरीद लें। इस काम में पाँच-छह माह लग सक
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10 Comments
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काफी उम्दा सुझाव हैं सब के लिये मुफ़त मै भी,
एकदम सिलसिलेवार जानकारी,बहुत उम्दा जानकारी। बहुत बढिय़ा। क्या कहने। मेरी बधाई और शुभकामनाएं। जनोपयोगी सलाह di आशा है राकेश जी आश्वस्त हो गये होंगें
बढिया और जनोपयोगी सलाह
आशा है राकेश जी आश्वस्त हो गये होंगें
प्रणाम
बहुत उम्दा जानकारी। बहुत बढिय़ा। क्या कहने। मेरी बधाई और शुभकामनाएं।
बहुत ही सुंदर जानकारी, ओर सब के लिये मुफ़त मै भी
Aabhaar.
bahut hi saralata se samjhaya aur bahut hi stik jaankaari di aapne jiskaa aabhar
एकदम सिलसिलेवार जानकारी दी है आपने.
काफी उम्दा सुझाव हैं…आभार