नगरपालिका अधिनियम में होने वाले अपराधोें का अभियोजन न होने से ये अपराध लोग धड़ल्ले से करते हैं।
|विजय जसूजा ने श्री विजयनगर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
हमारे घर के साथ एक खाली प्लाट है जिस के मालिक उस में अपने जानवर रखते हैं और डेयरी फार्म चलाते हैं। उन के अपशिष्ट (गोबर) को वे हमारे घर की हमारी खुद की बनाई हुई दीवार के साथ इकट्ठा करते हैं जिस से हमारे सारे घर में सीलन पैदा हो गयी है और दीवार भी गिरने जैसी हो रही है। प्लाट के मालिक ने हम से बाद में वो प्लाट खरीदा है और वह कहता है कि आप की दीवार मेरे प्लाट की 5 इंच जगह में है और जानवर की अपशिष्ट नहीं उठा रहा है। नगर पालिका में भी आवेदन दिया है पर वो कहते हैं कि कोई अपने प्लाट में कुछ भी करे हम उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक सकते। कृपया बताएँ कि प्लाट के मालिक को कैसे रोका जा सकता है कि वह हमारी दीवार को नुकसान नहीं पहुँचाए।
समाधान-
आप का घर पडौसी के भूखंड के बीच का मामला है जिस पर नगर पालिका को कोई अधिकार नहीं है। वह व्यक्ति अपने भूखंड को अपने हिसाब से उपयोग में ले रहा है जिस में नगर पालिका का कोई दखल नहीं है। लेकिन संभवतः नगरपालिका को अपने अधिकारों का ही पता नहीं है। यदि कोई व्यक्ति नगर में व्यापार के उद्देश्य से पशुपालन करता है तो उसे उस का लायसेंस लेना अनिवार्य है जो कि नगरपालिका अधिनियम की धारा 251 के अन्तर्गत आवश्यक है। इस धारा के अन्तर्गत नगर पालिका बिना लायसेंस के डेयरी का काम करने वाले के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर सकती है और उसे दंडित करवा सकती है।
किन्तु राजस्थान में नगरपालिकाओं ने नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत वर्णित अपराधों के लिए अभियोजन चलाने का काम बन्द ही कर रखा है। जिस के कारण ये सारे अपराध लोग धड़ल्ले से करते हैं। आप को चाहिए कि आप नगरपालिका को एक विधिक नोटिस दें कि वे आप के पड़ौसी को बिना लायसेंस डेयरी चलाने के अपराध में अभियोजित करें और उस डेयरी को बन्द कराएँ। यदि नगरपालिका आप के नोटिस पर कार्यवाही नहीं करती है तो आप इस के लिए अपने पडौसी और नगर पालिका दोनों के विरुद्ध नोटिस दिए जाने के दो माह के उपरान्त दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं।
पड़ौसी अपने प्लाट पर कुछ भी कर सकता है, लेकिन वह ऐसा कोई कृत्य नहीं कर सकता जिस से आप को या आप की संपत्ति को हानि हो। ऐसा कृत्य दुष्कृत्य है। आप इस के लिए अपने पड़ौसी के विरुद्ध हर्जाने का दावा कर सकते हैं साथ ही दुष्कृत्य को रोके जाने के लिए अस्थाई और स्थाई निषेधाज्ञा भी प्राप्त कर सकते हैं। इस मामले में आप किसी स्थानीय वकील से सलाह ले कर उचित कार्यवाही कर सकते हैं।
०१ वर्ष पहले मैंने अपने मित्र को अपना ट्रेक्टर किराये पर दिया था आज दिनाक तक न ही उसने किराया दिया उलटे ट्रेक्टर को भी कही कर दिया है मित्रवत भाव के कारन कोई लिखा पढ़ी भी नहीं करा पाया हूँ भागा-भागा फिर रहा है क्या करूँ सलाह देवें ,