नाम न ही बदला जाए तो उत्तम है, वर्ना परेशानियाँ तो आएंगी।
|चैतन्या साहू ने लोरमी, छत्तीसगढ से समस्या भेजी है कि-
सर, मैं अपना नाम विधिवत छग राजपत्र में प्रकाशित करा चुका हूँ। मेरे पुराने अभिलेख में नाम परिवर्तन करने के लिए माशिमण्डल रायपुर में आवेदन करने पर कोई जवाब नहीं आता है। विवि में आवेदन करने पर 10वीं12वीं के अंकसूची में नाम परिवर्तन पश्चात, परिवर्तित नाम से अंकसूची जारी करने हेतु पत्र प्राप्त हुआ है। छग बोर्ड में 20 साल के भीतर त्रुटिसुधार का प्रावधान है। नाम परिवर्तन का काई उल्लेख नहीं है। मैं 20 साल बाद नाम परिवर्तन कराया हूँ। छग व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा जारी विज्ञापन में 10वीं में अंकित नाम के अनुसार फार्म भरने बाध्यता रहती है। जिस के कारण मैं वंचित रहता हूँ। पुराने रिकार्ड में नाम सुधरवाने हेतु विधि सलाह देने का कष्ट करें।
समाधान–
आप ने जब दसवीं की या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा दी तब आप का नाम पुराना ही था। आप ने नाम अब बदला है। बदला हुआ नाम राजपत्र में प्रकाशन के बाद उपयोग में आया है। इस के पहले के प्रमाण पत्रों में नाम बदलना मुझे संभव नहीं लगता, क्यों कि जिस तिथि का प्रमाण पत्र है उस समय तो आप का नाम वही पुराना था। इस से तो आप का पुराना प्रमाण पत्र ही अप्रामाणिक हो जाएगा। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने नियम के अनुसार ही नाम बदलेगा अन्यथा नहीं।
आप को छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल से संपर्क कर के पूछना चाहिए कि दसवीं की परीक्षा में आप का पुराना नाम था जो कि गजट नोटिफिकेशन के बाद बदल गया है। आप को वहाँ अपना नया नाम ही लिखना चाहिए, पुराने नाम का उल्लेख करते हुए तथा गजट नोटिफिकेशन की प्रतिलिपि साथ में संलग्न करना चाहिए।
यही कारण है कि नाम बदलने के लिए प्रक्रिया पूछने वाले लोगों को हम यही सलाह देते हैं कि वे नाम न बदलें तो ही ठीक है। नाम से कुछ नहीं होता। नाम तो जो माता पिता ने रख दिया वही चलते रहना चाहिए। नाम बदलने के बाद जितनी परेशानियाँ आती हैं वे सब आप ने देख ही लीं हैं।