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लड़ाई में नुकसान दोनों पक्षों को होता है

समस्या-

अजीत ने गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

मेरी शादी अभी हाल ही मे कोर्ट मैरिज 24/01/2019 मे हुई है। 4-5 दिन तक तो वो आराम से रही। फिर उसने छोटी छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा करना चालू कर दिया और कहती है की मैं आत्महत्या कर लूँगी और पूरे घर को जैल भिजवा दूँगी। उसके एक स्यूयिसाइड नोट का फोटो मेरे पास है। इनडाइरेक्ट्ली मुझे मेरे पेरेंट्स से अलग होने को बोलती है कि अलग रहो चलके। मैं अपने घर मे इकलौता लड़का हूँ और मेरी दो बहनें हैं। उनकी मुझे शादी करनी है। मेरे पापा बीमार रहते हैं। उनका ट्रीटमेंट जीटीबी हॉस्पिटल देल्ही से चल रहा है। कहती है कि मैं तुम्हारे पूरे परिवार को झूटे केस मे फंसाकर जेल भिजवा दूंगी। बताएँ, मई क्या करूँ?

समाधान-

पति को माता पिता से अलग करने की कोशिश करना क्रूरता है और इस आधार पर तलाक लिया जा सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नरेन्द्र बनाम के.मीना के मुकदमे में अपना निर्णय दिया है।

पत्नी द्वारा चार माह में ही आत्महत्या की धमकी देना सही नहीं है। सबूत के रूप में सुसाइड नोट की फोटो पर्याप्त नहीं है। पत्नी आत्महत्या और पूरे घर को फँसा देने की धमकी देती है, माता पिता से अलग रहने के लिए, यह आप को साबित करना होगा। आप इस मामले के अधिक से अधिक सबूत इकट्ठे करिए और पुलिस को सूचित करिए। यदि आप पहले से पुलिस को सूचित नहीं करेंगे और आप की पत्नी ने कुछ कर लिया तो आप फँस सकते हैं।

सबूतों सहित पुलिस को सूचित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अपनी पत्नी को पढ़ाइए और उसे समझाइए कि सब के साथ रहने में ही उस की भलाई है। पत्नी को कम से कम इतना समय दीजिए कि विवाह को एक वर्ष हो जाए। फिर भी नहीं समझती है तो तलाक की अर्जी लगाइए। पत्नी इस बीच आप पर घरेलू हिंसा, भरण पोषण और दहेज के लिए क्रूरता करने के अपराध के मुकदमे कर सकती है। उन्हें भी आप को लड़ना पड़ेगा। लेकिन यदि आप सबूतों सहित अपनी बात रखेंगे तो जीत आप की होगी। हर लड़ाई में नुकसान दोनों पक्षों को होता है, भले ही वह कानूनी लड़ाई ही क्यों न हो, यह बात समझ कर चलें।

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