निजी सम्पत्ति की रक्षा स्वयम् को ही करनी होगी
समस्या-
रंजन कुमार ने लावापुर महनार, जिला -वैशाली (बिहार) से पूछा है-
मेरे दादा जी ने 1985 में जमीन केवला लिये थे जिसका केवला और दाखिल खारिज और रसीद मेरे पास हैं। और रजिस्टर 2 में भी मेरे दादा जी का नाम दर्ज हैं। कुछ लोग हैं कि मेरी जमीन पर कब्जा कर के घर का निर्माण कर रहे हैं, जिसकी सूचना हम CO & SDO महोदया को दिया और अपने थाना में भी दिया। पर कोई मेरा साथ नहीं दे रहा है। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आपके दादाजी ने एक जमीन 1985 में खरीदी। इस बात को 35 साल हो चुके हैं। आपके दादाजी अब हैं या नहीं यह आपने नहीं बताया। यदि आपके दादाजी नहीं रहे हैं तो रिकार्ड में नामान्तरण होना चाहिए था और जमीन उनके उत्तराधिकारियों के नाम आनी चाहिए थी। उसके बाद यदि पिता भी नहीं रहे हैं तो फिर से नामान्तरण होना चाहिए था। इस तरह रिकार्ड अधूरा है। लोग कई कई पीढ़ियों तक नामान्तरण से बचते रहते हैं और रिकार्ड अधूरा रहता है। इसका हमेशा नुकसान उन लोगों का होता है जिनका हक उस सम्पत्ति पर होता है। हकदार को वह सम्पत्ति अपनी प्रमाणित करने में समस्या होती है। इस कारण नामान्तरण समय पर उसी तरह करा लेना चाहिए जैसे हम आजकल मृत्यु प्रमाण पत्र तुरन्त बनवा लेते हैं। खैर, यह काम आप जब भी मौका हो जल्दी से जल्दी करवा लें।
अभी आपकी जमीन पर कोई गैर व्यक्ति मकान का निर्माण कर रहा है जिसका सीधा अर्थ है कि उसने आपकी जमीन पर प्रवेश किया है। उसने आपकी भूमि पर अतिक्रमण किया है। किसी की निजी भूमि पर अतिक्रमण कर लेना अपराध नहीं है। हाँ यदि यह काम वहाँ किसी तरह का अपराध करने के लिए किया हो तो वह अतिक्रमण अपराधिक होगा और तब वह अपराध भी होगा और पुलिस कार्यवाही करेगी। लेकिन यह अतिक्रमण दीवानी प्रकार का है जिसमें पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करेगी, उसे ऐसा अधिकार नहीं है। आपने एसडीओ को शिकायत की है, उसे भी निजी सम्पत्ति पर दूसरे द्वारा मकान बनाने पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
आपकी निजी सम्पत्ति की रक्षा करने के लिए आपको खुद न्यायालय में दीवानी वाद प्रस्तुत करना होगा। आप उक्त सम्पत्ति के स्वामी हैं। आप दीवानी न्यायालय में एक वाद इस आशय का व्यादेश प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं कि कोई दूसरा व्यक्ति आपके स्वामित्व और कब्जे की भूमि पर जबरन निर्माण करवा रहा है, उसे निर्माण से रोका जाए। आप इस वाद के साथ अस्थायी व्यादेश के लिए भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करवाएँ कि उसे तुरन्त रोका जाए। भूमि आपकी है उसके सम्बन्ध में सरकारी रिकार्ड और आपके पास दस्तावेज हैं।
यह काम आप किसी वकील की मदद के बिना नहीं कर सकते। इसलिए जिस दीवानी क्षेत्र का यह मामला है वहाँ किसी दीवानी मामलों की प्रेक्टिस करने वाले वकील से तुरन्त सम्पर्क कीजिए और वाद प्रस्तुत कर निर्माण कार्य को रुकवाइए। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो निर्माण चलता रहेगा और आप कुछ नहीं कर पाएंगे।