निराश न हों, कोशिश में कमी न रखें, बुरे दिन अक्सर अच्छे समय का आरंभ होते हैं।
|समस्या-
मैंने 1998 में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड रेणुसागर पावर डिविजन रेणुसागर सोनभद्र में केजुअल वर्कर राइटिंग पेंटर के रूप में कार्य करना शुरू किया। तीन चार साल तक ईमानदारी से कार्य करने के पश्चात मैंने एक इंजिनियर की मदद से उसी कार्य को कॉंट्रेक्ट पर लेकर करना शुरू कर दिया। रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण सब कोन्ट्रेक्टर के रूप में कार्य करता रहा। मैं खुद वर्कर भी था और सब कोन्ट्रेक्टर भी था। उस जमाने में 2000-4000 का वर्क ऑर्डर बनता था और वो 4000 का कार्य पूरा करने में 10000 खर्च हो जाता था। लेकिन मैं लगा रहा कि आज नहीं तो कल बचेगा। धीरे धीरे क्वांटिटी बढ़ती रही और बचत भी कुछ होने लगी। 8 साल तक सब कोन्ट्रेक्टर के रूप में कार्य करने के पश्चात मैंने 2010 में रजिस्ट्रेशन कराया और अपनी फर्म (मेसर्स एम. पिंटू एंटरप्राइज़ेज) के नाम से कार्य करने लगा। अब क्वांटिटी भी बढ़ गयी। मुझे लगा कि अब मेरी 10 साल की मेहनत रंग लाएगी। पहले जो फॉरमेन थे वे जानते थे कि मैं ने इस काम में कितनी मेहनत की है और वे को-ऑपरेट भी करते थे। उनका ट्रांसफर हो जाने के बाद दूसरे फॉरमेन को मेरे कार्य का चार्ज दे दिया गया। अब जब मुझे लगा कि मैं अब इस कार्य से जीविकोपार्जन कर सकता हूँ तो उस फॉरमेन (अनिल पांडे) ने कांट्रेक्ट सेल के अधिकारियों को मेरे खिलाफ भड़काया और दूसरे ठेकेदार से घूस लेकर उस ठेकेदार के नाम से वर्क ऑर्डर बनवा दिया। मेरा काम बंद कर दिया गया। अब आप ही बताइये कि मैं 12 सालों से इस कंपनी में लगा रहा। क्या इसका यही ईनाम है। चूँकि मेरी जीविका का यही एकमात्र साधन था और अब मेरे पास आत्महत्या के सिवा कोई रास्ता नहीं है। अब आप ही कोई क़ानूनी सलाह दीजिए।
–अब्दुल बारी, अनपारा, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश
समाधान-
आप एक ईमानदार फोरमेन की मदद से एक साधारण वर्कर से पहले पेटी कॉन्ट्रेक्टर और फिर पंजीकृत कॉन्ट्रेक्टर बन गए। यह आप का विकास है। पहले आप सिर्फ मजदूर थे, फिर मजदूर से एक व्यवसायी का काम करने लगे। यह दूसरी बात है कि वास्तव में आप पहले मजदूरी कर के जीवनयापन करते थे और अब एक व्यवसायी के रूप में भी स्वयं ही मजदूरी कर रहे हैं। जब व्यक्ति मजदूरी करता है तो काम की पूरी मजदूरी उसे ही मिलती है। लेकिन एक व्यवसायी स्वयं मजदूरी नहीं करता। वह एक दर पर काम लेता है और उस काम को उस दर से काफी कम मजदूरी पर दूसरे मजदूरों से कराता है। वास्तव में एक ठेकेदार जितनी कम मजदूरी वर्कर को देता है उतना ही लाभ कमाता है। आप स्वयं ही काम करते रहे और पूरी मजदूरी लेते रहे आप को चाहिए था कि आप भी काम ले कर कम मजदूरी पर दूसरे मजदूर लगाते और अपना लाभ कमाते। तब आप में भी प्रवृत्ति विकसित होती कि ठेके पर अधिक से अधिक काम लिया जाए और अधिक से अधिक लाभ कमाया जाए। तब आप उस एक कारखाने के साथ साथ अन्य उद्योगों में भी ठेके लेने लगते और तब एक स्थान पर ठेका समाप्त हो जाने पर आप को फर्क तो पड़ता लेकिन इतना नहीं पड़ता कि आप आत्महत्या करने की सोचने लगते। आप की काम तलाशने की आदत पड़ती तो आप एक ठेका समाप्त होने पर दूसरा ठेका जल्दी ही पा लेते और फिर आप को कोई हानि नहीं होती। व्यवसायी कभी भी हानि से घबराता नहीं है वह अन्यत्र व्यवसाय तलाश लेता है। लेकिन आप केवल मजदूरी करते रहे। व्यवसाय की ओर आप ने कदम ही नहीं बढ़ाया।
आप ने एक ठेकेदार के रूप में काम किया है। ठेका हमेशा निर्धारित अवधि के लिए होता है और वह अवधि समाप्त हो जाने पर ठेका समाप्त हो जाता है। कोई भी कंपनी किसी ठेकेदार से बंधी नहीं है। इस कारण आप के पास आप की समस्या का कोई कानूनी उपाय नहीं है। लेकिन वास्तव में ऐसा नुकसान और दुर्दिन अक्सर ही आने वाले अच्छे समय का आरंभ होते हैं। इन्हें आप को अच्छे दिनों के आरंभ के रूप में ही देखना चाहिए और निराशा व आत्महत्या जैसे घृणित सोच को त्याग देना चाहिए। यह जीवन एक ही बार मिलता है, बार बार नहीं। आप के मजहब के मुताबिक भी आत्महत्या एक जघन्य कृत्य है। इस विचार को बिलकुल त्याग दें। प्रकृति ने आप को जीवन को नए सिरे से सँवारने का अवसर प्रदान किया है उस अवसर के बारे में सोचना चाहिए।
अब मौजूदा काम तो समाप्त हो गया है। आप को सोचना चाहिए कि यह आप के अच्छे के लिए हुआ है। इस तरह आप एक कंपनी से छुटकारा पा चुके हैं। आप एक अच्छे कामगार हैं, आप को इतने वर्षों से काम करने के कारण हर तरह के काम का बड़ा अनुभव हो चुका है। आप यदि काम तलाशेंगे तो आप को जल्दी ही काम मिल जाएगा। आप को अन्यत्र काम तलाशना चाहिए। यदि आप को ठेके पर काम न मिले तो इसी काम को करने वाले किसी बड़े ठेकेदार के यहाँ चाहे कम दर पर ही सही काम ले लेना चाहिए। इस से आप को कुछ तो आमदनी होगी। इस के साथ आप को अवसर की तलाश में रहना चाहिए कि आप को ठेके पर कहीँ और काम मिल जाए। आप को यह विचार भी त्याग देना चाहिए कि आप उसी स्थान पर उसी नगर में काम तलाशें और आप को मिल जाए। यदि काम किसी और नगर में या औद्योगिक क्षेत्र में मिले तो भी आप को तलाश कर पकड़ लेना चाहिए। आजकल आप के काम की बहुत मांग है। यदि आप कोशिश करेंगे तो आप को जल्दी ही अच्छा काम मिल जाएगा और आप पहले अधिक और कई गुना कमाने लगेंगे। आप गंभीरता से विचार करेंगे तो मेरी सलाह को सही पाएंगे। आप कोशिश करेंगे तो आप जीवन पहले से अधिक बेहतर हो जाएगा। आप को अवसर मिला है उसे हाथ से न जाने दें।
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गुरुदेव जी, आपने बहुत अच्छी सलाह दी है लेकिन इस्लाम धर्म में ही नहीं सभी धर्मों में आत्महत्या एक जघन्य कृत्य है।
रमेश कुमार जैन उर्फ सिरफिरा का पिछला आलेख है:–.जिसकी लाठी उसी की भैंस-अंधा कानून