पंचायत द्वारा जारी गलत पट्टे को निरस्त कराने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करें
|अमित जी,
ग्राम पंचायत द्वारा जो पट्टा जारी किया गया है उसे निरस्त करवाने के लिए आप को दीवानी न्यायालय में उस पट्टे को शून्य घोषित करने के लिए वाद प्रस्तुत करना पड़ेगा। इस वाद में पट्टा शून्य घोषित होने से उस व्यक्ति के अधिकार प्रभावित होंगे जिस के नाम पट्टा जारी किया गया है। इस तरह वह व्यक्ति जिस के नाम पट्टा जारी किया गया है एक आवश्यक पक्षकार है। उसे पक्षकार बनाए बिना वाद में आवश्यक पक्षकार को पक्षकार न बनाए जाने का दोष बना रहेगा और यह वाद इस दोष के कारण निरस्त किया जा सकता है।
इस तरह के वाद में ग्राम पंचायत और तत्कालीन सरपंच को व्यक्तिगत रूप से पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है। ग्राम पंचायत के विरुद्ध कोई भी दीवानी वाद तभी प्रस्तुत किया जा सकता है जब कि ग्राम पंचायत को वाद के तथ्य और वाद कारण बताते हुए एक नोटिस वाद प्रस्तुत करने के दो माह पूर्व दे दिया जाए। यदि इस तरह का नोटिस दिए बिना ही कोई वाद प्रस्तुत किया जाता है तो वह भी इसी आधार पर निरस्त किया जा सकता है कि पंचायत अधिनियम के अंतर्गत नोटिस नहीं दिया गया है।
मेरी सलाह है कि आप को वर्तमान में यह करना चाहिए कि आप किसी सक्षम वकील को अपना मामला बताएँ और ग्राम पंचायत को विधिक नोटिस दिलवा दें। आप चाहें तो इस नोटिस की एक प्रति जिला कलेक्टर और सचिव, पंचायत विभाग राजस्थान सरकार को भी भेज सकते हैं। लेकिन यह नोटिस दे देने के उपरांत आप को शीघ्र ही दीवानी वाद भी प्रस्तुत करना चाहिए। यदि आप इस भावनात्मक स्थिति में रहे कि वृद्ध ठाकुर साहब का बुढ़ापा बिगड़ जाएगा तो हो सकता है कि एक सार्वजनिक संपत्ति हमेशा के लिए व्यक्तिगत संपत्ति में परिवर्तित हो जाए।
बुढ़ापा बिगड़ने के डर से भविष्य के लिए सार्वजनिक नुकसान होने देना बुद्धिमानी नहीं है।
ठाकुर साहब को अपनी बात समाझाइए। उन्हें यदि इस सार्वजनिक संपत्ति से लगाव होगा तो वे उसे जाया नहीं होने देना चाहेंगे।
सही सलाह, धन्यवाद
आदरणीय द्विवेदीजी आपने बहुत सटीकता से समस्या के निराकरण का उपाय समझाया है. आपका आभारी हूँ , आपने सही फ़रमाया है की भावनात्मक कमजोरी के कारण ये सार्वजानिक संपत्ति जो की हमारे लिए हमारे पुरखों का स्मृति शेष भी है, किसी की व्यक्तिगत संपत्ति बन जायेगा. मार्गनिर्देशन के लिए पुनश्च आभार !
बढिया जानकारी,