विवाह पंजीकृत है तो साथ रहें, लेकिन सावधानी के साथ …
|‘तीसरा खंबा’ 8वें वर्ष में … |
रवि सोनी ने कृष्णापुरा, ब्यावरा, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैं ने अनुसूचित जाति की अंजुलता बंशीवाल उम्र २४ वर्ष निवासी नरसिंहगढ़ से आर्य समाज सीहोर में विवाह किया। आर्य समाज सीहोर द्वारा विवाह प्रमाण पत्र जारी किया गया है आपके कहे अनुसार मैं ने सिहोर नगर पालिका से विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया है। श्रीमान हमारा यह विवाह हम दोनों के परिवार से छिपा हुआ है। अभी मेरी पत्नी उस के माता पिता के घर में निवास कर रही है, शादी के पहले हम दोनों के मध्य तय हुआ था की अंजू अपने घर वालों को इस रिश्ते के लिए राजी करेगी और घर वालों के राजी नहीं होने पर हम साथ रहने लगेंगे। मेरी पत्नी के हर प्रयास के बाद भी वह इस रिश्ते के लिए राजी नहीं हैं। जब कि मेरे घर वाले इस रिश्ते से सहमत हैं। अब हम दोनों के सामने समस्या यह है कि अगर अंजू लता अपने घर से मेरे साथ रहने के लिए आती है तो स्वाभाविक रूप से अंजुलता के घरवाले मेरे विरुद्ध अपहरण बलात्कार जैसे गंभीर अपराध पंजीबद्ध करना चाहेंगे। कृपया मेरा मार्ग दर्शन कर कुछ ऐसा उपाय बताएँ जिस से मेरी पत्नी और मैं साथ निवास कर सकें और किसी प्रकार के अपराध अंजुलता के घरवाले मेरे विरुद्ध दर्ज़ न करवा सकें। क्यूंकि मेरे घर का पालन पोषण करने वाला में ही हूँ हम दोनों बिना किसी क़ानूनी अड़चन के साथ रहना चाहते हैं। हमें क्या करना चाहिए जिससे किसी प्रकार की समस्या से
बचा जा सके?
समाधान-
आप की समस्या काल्पनिक है। आप चाहते हैं कि कोई आप के विरुद्ध रिपोर्ट कराए और कोई जाँच तक न करे। ऐसा सम्भव नहीं है। आप की पत्नी के माता पिता यदि कोई रिपोर्ट कराते हैं तो पुलिस कम से कम इस बात की जाँच अवश्य करेगी कि उन की रिपोर्ट में कोई सचाई है या नहीं। इस के लिए वह आप से और आप की पत्नी से पूछताछ भी कर सकती है। आप को इस के लिए तैयार रहना चाहिए। उस में परेशान होने की कोई बात नहीं है। जब तक आप की पत्नी खुद अपने माता पिता या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत का खुद समर्थन नहीं करती तब तक आप को कोई परेशानी नहीं होगी। आप को अपनी पत्नी से बात कर के उसे ब्यावरा बुला लेना चाहिए और अपने साथ रहने को कहना चाहिए। वह आ जाती है तो उसे साथ रखना चाहिए।
आप ब्यावरा से हैं और आप की पत्नी अंजु नरसिंहगढ़ से हैं। दोनों एक ही जिले के नगर हैं। यदि आप को पूरा अंदेशा हो कि वे इस बात को समझते हुए भी कि अंजु आप के साथ है रिपोर्ट करा देंगे तो जिस दिन आप की पत्नी अपने माता पिता का घर छोड़े आप दोनों उसी दिन राजगढ़ जाएँ और सीधे कलेक्टर से मिल कर आवेदन दे दें। कि आप दोनों ने विवाह कर लिया है, आप दोनों का विवाह पंजीकृत भी हो चुका है और अब साथ रहने जा रहे हैं आप दोनों को अंदेशा है कि अंजू के परिवार वाले आप के विरुद्ध मिथ्या रिपोर्ट दर्ज करा कर आप को परेशान करेंगे और स्वतंत्र जीवन जीने में बाधा उत्पन्न करेंगे। इस कारण जिले की पुलिस को निर्देशित किया जाए कि जब भी आप के विवाह के संबंध में कोई रिपोर्ट दर्ज कराई जाए पुलिस उस पर जाँच भले ही करे लेकिन आप दोनों को तंग न करे।
हमारा मानना है कि इतना करने के बाद आप को कोई परेशानी नहीं होगी। यदि आप समझते हैं कि पुलिस को बीच में डाले बिना भी आप की पत्नी के परिवार के लोग आप को परेशान करने के लिए हमला वगैरह कर सकते हैं तो आप दोनों को एक संयुक्त रिट याचिका इन्दौर उच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर पुलिस संरक्षा की मांग करनी चाहिए।
यहाँ तक की उसके कॉलेज की फीसें भी मेरे द्वारा मेरे बैंक अकॉउंट से ही जमा हुई उसकी इंट्री भी मेरे बैंक पास बुक में
सर प्रणाम सर में एक बात जो की अभी तक की मेरी समस्या में बता नहीं पाया था आज आवश्यता महसूस होने पर आपको बता रहा हु अगर घर वालो के दवाब में अंजुलता जो की मेरी पत्नी हे में उससे प्रेम भी बहुत करता हु परन्तु किसी कारन उसके माध्यम से मेरे विरुद्ध कोई अपराध भी पंजीबद्व कराया जाता हे या माता पिता द्वारा कराया भी जाता हे और किन्ही कारणों से मेरी पत्नी मेरे पास रहने से इंकार करती हे तो क्या में भी उसके विरुद्ध कोई अपराध पंजीबद्व करा सकता हु क्या क्योकि काफी सोचने और अभी के हालत को समझने के बाद में अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा हु आज से लगभग एक साल पहले मेरी पत्नी ने मुझसे अपने पिता के ह्रदय रोग का कहकर ३००००० तीन लाख रूपये क़र्ज़ के रूप में लिए थे जो मेने उसके मांगने पर दिए थे बाद में मुझे पता पड़ा के ऐसा कोई रोग उसके पिता को हुआ ही नहीं था मेने अंजुलता को भुकतान मेरे बैंक के अकाउंट से मेरे दिए गए चेक द्वारा किया था जो की अंजुलता द्वारा ही स्वयं हस्ताक्षर कर भुनाया गया था इस बात के गवाह मेरे कुछ मित्र भी हे मेने जो पैसे अंजू को चेक द्वारा दिए थे उसके लिए अंजू द्वारा एक कागज पर वचन लिख कर अपने हस्ताक्षर किये थे की वह तीन माह में यह रकम मुझे लोटा देगी और रकम चेक द्वारा प्राप्त होना भी लिखा था ऐसे ही मेने अपने खानदानी कुछ चुडिया ८ सोने की अंजू को शादी के समय पहनने के लिए दी थी वो भी अभी उसके पास बैंक पासबुक में भी ११-०९ -२०१३ की इंट्री हे की अंजुलता को ३००००० लाख का भुकतान चेक द्वारा मेरे अकाउंट से हुआ हे जो की अभी भी अंजू के पास हे मेरा चेक अकॉउंट पैय नहीं था क्या अगर सब परिस्थितिया विपरीत होने पर और मेरे साथ गलत होने पर में कोई मेरे आर्थिक शोषण का परिवाद या पोलिस रिपोर्ट दर्ज़ करा सकता हु क्योंकि मेरा किसी तरह से मेरी पत्नी से संपर्क न होना और मुझे सूत्रों से यहाँ पता लगना की वह मार्किट में आ जा रही हे और मुझे एक कॉल भी नहीं किया मुझे अपना आप को ठगा महसूस कर रहा हु कृपा कर मुझे बताये की अगर सब मेरी सोच के विपरीत होता हे और विवाह को दवाब में होना अंजू द्वारा बताया जाता हे और वह मेरा समर्थन न कर दवाब या स्वयं इच्छा से अपने परिवार का पक्ष का समर्थन करती हे तो में क्या अपने साथ हुई बेईमानी के लिए कोई कारवाही कर सकता हु
सर नमस्कार सर मुझे बताने की कृपा करे की क्या हमारे विवाह पंजीयन जो की विवाह पंजीयन अधिकारी द्वारा जारी किया गया अंजू के घरवालो द्वारा निरस्त भी कराया जा सकता अगर ऐसा कराया भी जा सकता हे तो उसकी क्या प्रिक्रिया होती हे और ऐसी स्तिथि में मुझे क्या करना चाहिए
गुरुदेव जी,
तीसरा खम्बा के सात वर्ष पूर्ण करने पर आपको और आपकी पूरी टीम को बधाई.और आशा करते है की आप तीसरा खम्बा के आठवे वर्ष में भी ये अमूल्य ज्ञान देश की जनता को देते रहेंगे
मेरी पत्नी के लिए अगर में धारा 97 crpc में सर्च वारेंट जारी करवाता हु और मेरी पत्नी का कहना अगर sdo के सामने विवाह का समर्थन नहीं करती और दवाब में शादी होने का घरवालो के दवाब में ऐसा कह देती हे तो क्या मेरे विरुद्ध कोई कारवाही हो सकती हे ऐसी स्तिथि में मुझे क्या करना चाहिय मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हे में काफी भयभीत हु क्योंकि मेरी पत्नी से मेरा कोई संपर्क नहीं हुआ हे और उसके माता पिता ने जहर खाकर आत्महत्या की धमकी दी हे उसे मुझे समझ नहीं आता में क्या करू क्या मेरी पत्नी के दवाब में शादी कहने से क्या हमारा विवाह वेध नहीं होगा कृपा कर बताये
सर मेरी एक शंका का और समाधान करे को अगर पत्नी कहती हे की मेने बल पूर्वक या दवाब डालकर शादी की तो मजिस्ट्रेट के सामने तो क्या यह कारवाही होगी में चाहता हु उसके घरवालो को शादी का भी खुलासा हो जाए पर इस तरह के बयान के बाद मेरे ऊपर बलात्कार जैसे अपराध मजिस्ट्रेट द्वारा आरोप तो नहीं लगाया जा सकता हे कृपा कर मेरी शंख का समाधान करे मेने अंजू के चाचा जो की राजगढ़ पुलिस में सहायक उप निरीक्षक पद पर हे उनसे मेरे अंजू का शादी का खुलासा किया था तो उनका कहना हे की हम लड़की से यह कहलवा देंगे की शादी जबरन दवाब में आकर की में इस बात से बहुत परेशां हु और बुरे बुरे ख्याल मेरे मन में आ रहे में मानसिक रूप से भी बहुत प्रताड़ित हो रहा हु कृपा कर मेरे लिए सर्बोतम सुझाव दे जी से में आगे की कारवाही कर सकू अगर अंजू दवाब में आकर शादी की बात मजिस्ट्रेट या पुलिस को यहाँ बयां देती हे तो में क्या करू कृपा शीघ्र अति शीघ्र मुझे मन को शांत करने वाला समाधान बताये
गुरुदेव जी, आपने बहुत ही बढ़िया सुझाव दिया है और तीसरा खम्बा के सात वर्ष पूर्ण करने पर आपको और आपकी पूरी टीम को बधाई.
जी सर बिलकुल में आप के कहे अनुसार सभी तरीको का प्रोयोग करूँगा आपके सुझावों के लिए सदा आपका आभारी रहूँगा धन्यवाद सर
आपकी सलाह अनुसार में सभी उपायो का अनुसरण अवश्य ही करूँगा
वर्तमान मे आपने जॉ निर्णय लिया है वह सही है लेकिन पुलिस जांच से मै वाकिफ हु इसमे परेशानी हो सकती है अतः आप कुछ विवाह के साक्षी तैयार रखे जो आपके पक्ष मे पुलिस के सामने बयान दे सके विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र और विवाह के साक्षी पुलिस जांच के लिये पर्याप्त है
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर , सर में एक बात और पूछना चाहूंगा में चाहता हु की में अपने शहर के थाने में मेरे विवाह की लिखित सुचना दू और हमारे जिले के पुलिस अधीक्षक को भी की हम दोनों पति पत्नी हे और मेरे पत्नी को मेरे पास आने से रोक जा रहा हे दीपावली के रात अंजू मेरे यहाँ लक्ष्मी पूजन में आई थी जिस बात का उसके घर वालो को पता चल गया हे उसके साथ मार पिट भी की गयी हे उसका मोबाइल भी तोड़ दिया गया हे दीपावली के बाद से मेरा उससे किसी भी तरह से कोई संपर्क नहीं हो पाया हे मुझे डर की उसके घर वाले उसका कही अन्य जगह विवाह नहीं करदे ,,,कृपा मार्ग दर्शन करे की में पुलिस अधीक्षक राजगढ़ और मेरे शहर के थाने को सुचना दे सकता हु और सुचना देने के बाद क्या कारवाही होगी एक बात और सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक आदि पर मेरे और मेरे पत्नी के फोटो उपलोड हे यहाँ कोई अपराध तो नहीं फोटो शादी के हे इसके लिए अंजू के घर वाले आईटी एक्ट जैसा कोई अपराध दर्ज करा सकते हे क्या कृपा कर बताये
पहली गलती तो अंजू से हुई। उसे दीपावली पर आप के गाँव नहीं आना चाहिए था। दीपावली पर लक्ष्मीपूजा में अपने घर से गायब होने ने उस के परिवार वालों के संदेह को विश्वास में बदल दिया है। दूसरी गलती आप की और अंजु दोनों की है कि जब वह आ गई थी तो उसे वापस जाना नहीं चाहिए था। यदि उस के घर वाले रिपोर्ट वगैरह दर्ज कराते और कोई अन्वेषण आरंभ होता तो आप संबंधित पुलिस थाना में उपस्थित हो कर वहाँ अर्जी दे सकते थे कि हम मजिस्ट्रेट के समक्ष १६४ सीआरपीसी के बयान देने को तैयार हैं। आप यह भी कर सकते थे कि संबंधित अदालत में अर्जी दे सकते थे कि आप के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है आप ने कोई अपराध नहीं किया है आप दोनों के १६४ के बयान दर्ज किए जाएँ।
खैर, अब पहला काम तो यह है कि किसी भी तरीके से अंजू को उस के परिवार से निकाल कर आप के पास लाना है। जैसे ही वह आए पुलिस थाना में रिपोर्ट कराएँ कि अंजू के घर वाले आप के साथ कोई भी मारपीट कर सकते हैं। आप को संरक्षण दिया जाए। यही सूचना आप पुलिस अधीक्षक को भी दे सकते हैं।
यदि अजू का वहाँ से निकल पाना किसी भी प्रकार से संभव नहीां हो तो आप अपने नगर के एसडीओं के यहाँ धारा ९७ सीआरपीसी में आवेदन प्रस्तुत कीजिए और प्रार्थना कीजिए कि आप की विवाहिता पत्नी दीपावली पूजन के बाद मायके गई थी वहाँ उस के साथ मारपीट की गई है, मोबााइल तोड़ दिया गया है और उसे जबरन रोक कर रखा हुआ है। उस का तलाशी वारंट जारी किया जाए। यदि वह यह वारंट जारी कर देता है तो तलाशी में आप की प्तनी को बरामद किया जाएगा और उस के बयान ले कर उस के बयान के आधार पर वह उस की इच्छानुसार आप के यहाँ रहने आ सकती है।
यदि एसडीओ ऐसा वारंट जारी करने से इन्कार करता है तो आप इन्दौर उच्चन्यायालय पीठ में हेबियस कोर्पस की रिट याचिका लगा सकते हैं और उस में सुरक्षा हेतु पुलिस को निर्देशित करने की प्रार्थना भी कर सकते हैं।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.विवाह पंजीकृत है तो साथ रहें, लेकिन सावधानी के साथ …