पति को प्रतिबंधित करना पड़ेगा।
|समस्या-
कविता ने इन्दौर, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी शादी को 14 साल हो गए हैं 2 बच्चे हैं। शादी बहुत जल्दी मे हुई थी दोनों परिवार आपस में एक दूसरे को समझ नहीं पाए। मेरे पापा ने अपनी क्षमता अनुसार शादी की परन्तु ससुराल वालों को व्यवस्थाओं मे भारी कमी लगी। ससुराल वाले मुझसे पहले दिन से ही शिकायत करने लगे। पति को काफी भड़काया ना पति का व्यवहार मेरे साथ ठीक था ना परिवार का। मेरे पति सरकारी नौकरी में थे परन्तु उन्होंने मुझे अपने साथ नही रखा, मुझसे कहते थे तुम्हे मम्मी पापा के साथ ही रहना होगा। देवर ननद दोनों की शादी पहले ही हो चुकी थी। देवर भी अपनी पत्नी को साथ ले गया था। पति हर शनिवार आते थे और जब भी आते थे शादी की कमियों को लेकर झगड़ा करते थे। मै नौकरी भी छोड़ चुकी थी। मेरे पास रोने के अलावा कोई रास्ता नही था फिर भी माता पिता और मैं रिश्ते को सामान्य करने के लिए कोशिश करते रहे। एक साल तक सिर्फ़ झगड़े होते रहे। विवाह विच्छेद जैसी बात कभी दिमाग में ही नही थी। मैने इन सब के साथ भी पढ़ाई जारी रखी मेरा अब बड़े पद पर चयन हो गया। लेकिन पति और ससुराल वाले नौकरी के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने शर्त रखी यदि नौकरी करेगी तो हम रखेंगे नही। मेरे ससुराल वाले ना तो मेरा कोई खर्च उठा रहे थे। कम दहेज के लिए ताने मारते रहते थे। उस समय मै तीन महीने के गर्भ से थी जीवन भर मैं अपने पापा पर निर्भर नहीं रहना चाहती थी इसलिए मैने मेरे परिवार की हिम्मत से नौकरी कर ली। तब से अभी तक ससुराल वाले मुझसे कोई रिश्ता नही रखते। धीरे धीरे पति आने लगे लेकिन मुझे ससुराल नहीं ले जाते थे। फिर मैंने महिला परामर्श केन्द्र में शिकायत की फिर ससुराल वालों ने पति के साथ घर में आने की इजाजत दी। पति अब साथ में ही रहते हैं लेकिन ससुराल वाले अभी भी रिश्ता नहीं रखते। मै जब भी जाने की कोशिश करती हूँ ससुराल में सास देवर देरानी ताने मारते हैं। कभी कोई बात नहीं करते। देवर ननद को फोन करती हूँ तो भी बात नहीं करते हैं। पति के अपने परिवार से सामान्य रिश्ते हैं परन्तु मुझसे अभी भी वैसे ही हैम मै यदि शिकायत करती हूँ तो कहते हैं, तुम बहू हो तुम्हें ऐसे ही रहना होगा। मै 14 सालों से उपेक्षित हूँ। लगातार अपमान सह सह कर मैं मानसिक रूप से परेशान हो गयी हूँ। पति कहते हैं तुम्हे हमेशा ऐसे ही रहना है। मै कुछ नहीं कर सकता। पति का बेटियों के प्रति प्रेम देखकर मै कोई कानूनी कदम नहीं उठाना चाहती परन्तु अब यह अपमान की जिन्दगी जीते नहीं बन रही है। समझ नहीं आ रहा है क्या करूँ?
समाधान-
आप का अपमान सास, ननद और देवर ही नहीं कर रहे हैं। आप के पति भी कर रहे हैं। आप की सास, ननद और देवरों से अधिक कर रहे हैं। पति का बेटियों के प्रति प्रेम है तो कुछ उन्हें भी उस के लिए त्याग करना चाहिए। आप आत्मनिर्भर हो कर भी इतने बरसों से क्यों सहन कर रही हैं यह हमारी भी समझ से परे हैं।
आप कानूनी कार्यवाही नहीं करना चाहती हैं तो न करें। लेकिन मानसिक परेशानी से बचने के लिए पति को स्पष्ट रूप से कह दें कि उन्हें अपने परिवार और आप में से एक को चुनना पड़ेगा। यदि वे परिवार को चुनना चाहते हैं तो आप से और बेटियों से रिश्ता समाप्त समझें और आपसे व बेटियों से मिलने आना बन्द करें। वे फिर भी नहीं मानते हैं तो हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गत न्यायिक पृथक्करण के लिए आवेदन अवश्य कर दें। उस आवेदन में अन्तरिम रूप से यह आवेदन भी प्रस्तुत करें कि आप के पति को आदेश दिया जाए कि वह आप से दूर रहें। इस के बाद देखें कि क्या होता है? आगे का रास्ता आप के पति की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।
Sir mai fatehpur up ka rahne wala hu.mere papa ne gher liya tha apne gram m.jo ki sirf pradhan likha h ab ushme gram ke log dikat kr rahe h
अपनी समस्या https://teesarakhamba.com/कानूनी-सलाह-फॉर्म/ पर हिन्दी में रखें
Hahahahahaha….Nice advise
नमस्कार द्विवेदी जी ओर
कविता जी ,
आप काफी mature है।
दुनिया देखी है आपने,
ऐसी क्या बात है जो 14 साल तक भी घर के माहौल को बदल नही पा रही।
आपका अपना परिवार है, बच्चों को अपने पिता से दूर ना करे।समाज मे भी जब हमसे कोई रिश्ता नही रखता तो हम भी रिश्ता खत्म कर देते है। तो आप भी अपने ससुराल वालों से रिश्ता खत्म समझे , कल को केस करके खत्म करने से अच्छा ऐसे ही अंदरूनी समझौते से खत्म समझे।
जिस बात की सलाह आपको दी जा रही है कि आपके पति या तो अपने माँ बाप से रिश्ता रखे या आपसे ?
तो क्या ये बात आप पर भी लागू होती है कि आप रिश्ता अपने पति से रखे या अपने माँ बाप से।
ये ईगो बड़े बड़े परिवारों को खा गई।
आपने शादी के बाद पढ़ाई भी की, नौकरी भी कर रहे है और क्या चाहिए आपको। पूरी आजादी के सीथ जी रहे है आप।
आप चाह रही है कि
वो लोग आपके आगे पीछे घूमे, इस सोच के कारण आप अपना भूतकाल, वर्तमान ओर अब भविष्य भी खराब करने की सोच रहे है।
अपनी इसी जिंदगी में खुश रहे, ज्यादा के लालच में वर्तमान भी चला जाएगा।
आगे के स्टेप से कोर्ट कचहरी की वजह से ही रिश्तों में कड़वाहट आई हुई है उससे ओर ना बड़ा कर लेना।
में ये गलती कर चुका हूँ,
आप ना करें।
पृथक होने से दूरियां बढ़ती है कम नही होती।
ये मेरे अपने निजी विचार है बाकी आपको जो अच्छा लगे।
माननीय नौकरी करने से आजादी मिल जाती है एसा सिर्फ़ आपका अनुभव है । जीस लड़की की जींदगी कलह से शुरू हुयी हो उसमे जिने की इच्छा खतम हो जाती है इगो कहां से आएगा ? मै यह नही चाहती कि मेरे ससुराल वाले मेरे आगे पिछे घुमे । मै सिर्फ यह चाहती हूँ कि मेरे ससुराल वाले मुझे इन्सान समझे ।
मै अपना अपमान सह सह कर परेशान हो चुकी हूँ । जिन लोगों ने मुझे और मेरे बच्चों को नही अपनाया सिर्फ़ उनसे शांती चाहती हूँ ।