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बिना तथ्यों को जाने किसी विवाद का हल नहीं सुझाया जा सकता

समस्या-

छोटू लाल ने ग्राम संगरिया, तहसील-फुलिया कलाँ, जिला भीलवाड़ा (राज.) से पूछा है-

मुझे नेशनल फूड सीक्योरिटी एक्ट के अन्तर्गत राशन मिलता है। राशन में हम तीन यूनिट हैं. एक मैं, एक मेरी पत्नी और एक मेरी बच्ची. अब उचित मूल्य की दुकान वाला बोल रहा है कि आप बच्ची का आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक कराओ. मेरी बच्ची दो साल की है। जब से उसका जन्म हुआ है तब से पत्नी और बच्ची मेरे ससुराल में है। मैं ने ससुर जी को कहा की आप बच्ची का आधार बनवाने के लिए पत्नी ओर बच्ची को भेज दो। ससुराल वाले न तो बच्ची को भेज रहे हैं न ही उसका आधार बनवाया है. अब मैं क्या करूँ?

समाधान-

आपकी असली समस्या बेटी का आधार बनवाने और उसे राशनकार्ड से लिंक कराने की नहीं है। आपकी समस्या है कि आपके ससुराल वाले आपकी पत्नी और बेटी को नहीं भेज रहे हैं। उसका कोई कारण रहा होगा। लेकिन वह कारण आप बताना नहीं चाहते। आपकी बेटी के संरक्षक आप और आपकी पत्नी है। यदि आपकी पत्नी बेटी का आधार कार्ड बनवाने के लिए आना चाहती है तो वह उसके माता पिता के विरोध के बावजूद आ सकती है। लेकिन वह नहीं आ रही है, इसका सीधा अर्थ है कि विवाद आप के और आपकी पत्नी के बीच है और उस विवाद में आपकी पत्नी के माता-पिता उनकी बेटी के साथ खड़े हैं।

जब तक आप अपनी पत्नी और आपके बीच विवाद के तथ्य किसी को नहीं बताएंगे उसका हल नहीं निकलेगा। यदि पत्नी नहीं आना चाहती तो और आपके पास आ कर न रहने का उसके पास कोई उचित कारण नहीं है तो आप धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम में दाम्पत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि वह दो वर्ष से नहीं आ रही है तो आप सीधे तलाक का मुकदमा भी कर सकते हैं।

जहाँ तक राशन का सवाल है अभी आप अकेले रह रहे हैं लेकिन आपको दो व्यक्तियों अर्थात आपका व आपकी पत्नी का राशन मिल रहा है। अभी आपकी बेटी यहाँ नहीं है तो उसके राशन की भी जरूरत नहीं है। जब पत्नी  बेटी आपके पास आ कर रहने लगे तो बेटी का आधार बनवा कर उसका नाम लिंक करा लेना तब तक दो व्यक्तियों के राशन से काम चलाया जा सकता है।

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