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पति ने दूसरा विवाह कर लिया है, मुझे व मेरी पुत्री को न्याय पाने के लिए क्या करना चाहिए?


 श्रीमती हेमा ने पूछा है –

मैं ने 17 साल की उम्र में एक लड़के से लव मैरिज की थी। शादी को 6 साल हो चुके है मेरी एक 5 साल की लड़की भी है । मेरे साथ ससुराल  वालों व पति के द्वारा ठीक व्यवहार नहीं किया जाता था, वर्तमान में मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली मैं अपने पापा के घर में रह रही हूँ। क्या मेरा पति दूसरी शादी कर सकता है? मेरा व मेरी बेटी को न्याय पाने के क्या करना होगा?
 उत्तर –
हेमा जी,

प को यह समझ आ चुका होगा कि इस विवाह के पीछे प्रेम नहीं अपितु किशोरावस्था का यौनाकर्षण और मिथ्या वायदे थे। वस्तुतः  भारत में जिस तरह का समाज है, उस में प्रेम की समझ इस उम्र में उत्पन्न नहीं होती। उस के लिए सामाजिक वातावरण है भी नहीं। यहाँ प्रेम की समझ शायद तब उत्पन्न होना आरंभ होती है जब लड़के-लड़की कमाने लगें, आत्मनिर्भर हो जाएँ।

प का विवाह यदि हिन्दू विधि के अंतर्गत वैध विवाह था तो फिर आप के पति द्वारा किया गया दूसरा विवाह अवैध है। आप से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त किए बिना और आप के जीवित रहते आप के पति दूसरा विवाह नहीं कर सकते थे। आप को अब भी वे ही सब अधिकार प्राप्त हैं जो कि वैध विवाह की पत्नी को प्राप्त होते हैं।

प के पति ने आप के जीवनकाल में दूसरा विवाह कर के धारा 494 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अपराध किया है। आप को अपने घर से निकाल दिया है। इस तरह उस ने आप के प्रति क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया है। इस तरह  आप के पति ने धारा 498-ए के अंतर्गत भी अपराध किया है। आप इन दोनों धाराओं के अंतर्गत पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवा सकती हैं, थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं किए जाने पर रजिस्टर्ड डाक से सुपरिण्टेण्टेण्ट पुलिस को भिजवा सकती हैं। इस तरह काम न चलने पर सीधे न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकती हैं। यह आप को अवश्य करना चाहिए, क्यों कि जिस पति ने एक पत्नी के रहते दूसरा विवाह कर लिया है वह पुलिस की ही भाषा समझेगा।

प अपने और अपनी पुत्री के भरण पोषण के लिए धारा 125-दं. प्र. सं. के अंतर्गत आवेदन कर सकती हैं, आप  महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत भी आवेदन प्रस्तुत कर रहने को अलग निवास की मांग कर सकती हैं। आप चाहें तो अपने पति से न्यायिक पृथक्करण की डिक्री के लिए न्यायालय को आवेदन कर सकती हैं। इस के अतिरिक्त यदि आप अपने पति से विवाह संबंध विच्छेद करना चाहती हैं तो विवाह विच्छेद की डिक्री के लिए भी आवेदन कर सकती हैं। विवाह विच्छेद हो जाने के उपरांत भी जब तक आप दूसरा विवाह नहीं कर लेती हैं, तब तक आप को न्यायालय द्वारा दिलाया गया निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा और न्यायालय द्वारा आवास की जो सुविधा दिलायी जायेगी वह निरंतर बनी रहेगी। आप की पुत्री के लिए निर्वाह भत्ता उस के वयस्क होने और उस के उपरांत भी जब तक उस का विवाह नहीं हो जाता है तब तक जारी रहेगी।   

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