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पत्नी की राय बेहतर है, उसे मान लें।

समस्या-

इजाज़ गावडी ने सिद्धेश्वर कालोनी, तसगाँव, सांगली महाराष्ट्र से पूछा है –

मेरी वाइफ का कहना है कि शादी के 13 साल बाद भी मैंने कुछ नहीं किया। मेरे दो लड़के हैं, 12 और 6 साल के। 6 महीने पहले मुझे पैरालिसिसि का अटैक आया था। तीन माह भी नहीं हुए, मैं पूरी तरह से ठीक भी नहीं हुआ था कि वह मायके चली गयी। 17 दिन बाद उनकी माँ जी का देहांत हो गया। अब वो मुझसे बात नहीं करती। मैं 5/6 बार मिलने गया तो वो कहती है कि मेरा खुद का घर छोड़कर सांगली में किराए पे घर लेकर रहूँ। मैं हाउस इलेक्ट्रिकल वायरिंग करता हूँ। कुछ सालों से मैं लोन के चक्कर में भी फँसा हूँ। लड़के उसके पास है। मेरा काम यहीं पर है, एक जॉब आया है सतारा में, लेकिन वो उधर भी आने को तैयार नहीं है।  मैं क्या करूँ?

समाधान-

आपकी समस्या कानूनी नहीं है, वह सामाजिक भी नहीं बल्कि आर्थिक प्रतीत होती है। छह माह पहले आपको पैरासिलिस अटैक हुआ। आप पहले से ऋण के चक्कर में उलझे थे। ऊपर से इलाज का खर्च आ गया और आमदनी बन्द हो गयी। आपकी पत्नी ने बीमारी में आपको और घर को कैसे सम्भाला होगा आप बेहतर जानते हैं। फिर आप काम की कमी भी बता रहे हैं। ऐसी स्थिति में उसे जबरदस्त आर्थिक तंगी भुगतनी पड़ी होगी। हो सकता है उसे अपने स्तर पर किसी से कर्ज मायके से सहायता भी लेनी पड़ी हो। आपकी स्थिति खुद को सम्भालने वाली होने पर वह बच्चों को लेकर मायके चली गयी। एक तरह से उसने अपना और बच्चों के खर्च के भार से आपको अस्थायी रूप से मुक्त कर दिया। इसके लिए आपको उसका आभारी होना चाहिए।

मायके जाने के 17 दिन बाद उसकी माँ का देहान्त हो गया। तो कम से कम एक दो माह उसे अपने मायके में रुकना ही था। अब वह आपके पास आने से मना कर रही है तो हमें लगता है कि उसने अपना और बच्चों के खर्च के जिस भार से आपको मुक्त कर दिया है, उससे फिलहाल आपको मुक्त रखना चाहती है। शायद वह जानती है कि आप उसे वहन  नहीं कर पाएंगे। शायद वह चाहती है कि आप पहले अपने आपको इतना मजबूत करें कि अपने परिवार का भार वहन कर सकें और कर्ज उतार दें या उसे नियमित रूप से उतार देने की स्थिति में आ जाएँ।

आप चाहते हैं कि आपकी पत्नी आपके साथ आकर रहे। वह जानती है कि इससे परिवार की मुसीबत बढ़ जाएगी। उसने निकट बने रहने का तरीका यह निकाला कि आप सांगली चले जाएँ, अलग किराए के मकान में रहें जिससे आपका अपना व्यक्तित्व सुरक्षित रहे। आप सांगली और उसके आसपास काम तलाश करेंगे तो शायद वहाँ भी काम मिल जाए। उसमें आपके मायके वाले भी आपका सहयोग कर सकते हैं। कुछ समय में आपकी आर्थिक हालत सुधर जाए तब आप कुछ बड़ा मकान लेकर अपनी पत्नी और बच्चों को अपने साथ रख सकते हैं। जहाँ तक आपके खुद के मकान का सवाल है तो वह तो कहीं नहीं जा रहा है। उसे बन्द रखा जा सकता है या किराए पर दिया जा सकता है, जिससे कुछ पैसा आपके हाथ में आएगा और कम से कम सांगली में किराए के घर का किराया निकल जाएगा।

फिलहाल किसी भी कानूनी कार्यवाही के लिए आपके पास कोई आधार नहीं है और कानूनी कार्यवाही का खर्च उठाने की स्थिति में भी आप नहीं हैं। हमारी राय में आपको अपनी पत्नी की बात मान लेनी चाहिए।

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