पत्नी के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही करने के पहले तीन वर्ष पूरे होने दीजिए।
|समस्या-
संजय धामेचा ने चम्पा, छत्तीसगढ़ से पूछा है-
मेरी पत्नी पिछले ढाई साल से अपने मायके मेरे 6 साल के बच्चे के साथ रह रही है। मेरी शादी 14 फरवरी 2007 को हुई थी। इस के बाद घर में मेरे माँ बाप के साथ इस की न बनने के चलते ये दो बार आपने मायके चली गई थी। इस की शर्तों को मानकर मैं दोनों बार इसे ले आया। अलग से घर किराये पर ले कर रहा। लेकिन अकेले घर न सम्भाल पाने (काम वाली बाई रहने के बावजूद) के कारण ये मुझ से छोटो छोटी बातों पर झगड़ने लगी और एक दिन मेरे साथ मारपीट भी कि जिसे देखकर मेरे पिता ने इस के माँ बाप को बुलाकर इसे वापस भेज दिया। इन ढाई साल के दौरान एक बार मेरे माँ बाप और एक बार मैं इसे लेने गए लेकिन नए या दूसरे मकान में रहूंगी बोलकर नहीं आई। पहले हम दूसरा घर भी ले चुके है लेकिन ये रह ही नहीं पाती और मेरी माँ कभी भी गलत नहीं है तो किस आधार पर मैं उसकी शर्त मानूं? मुझे मेरे बच्चे की भी चिंता है। आज ढाई साल बाद वह मुझे फ़ोन पर कहती है कि दम है तो यहाँ आकर हमें लेकर जाओ। मुझे समझ नहीं आ रहा ये किस तरह का समझौता है। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आज कल परिवारों का ढाँचा पहले की अपेक्षा बहुत बदल चुका है और लगातार बदल रहा है। शादी की उम्र बढ़ गई है। लेकिन हमारे यहाँ शादियों का ढर्रा वही पुराना चला आ रहा है। शादियों का पुराना ढर्रा नए ढाँचे के साथ मेल नहीं खा रहा है। यह अन्तर्विरोध विवाहों में बहुत खलल पैदा कर रहा है। आप को जिस तरह की समस्या आ रही है वैसी समस्याएँ बहुत आम हो गई हैं।
जिस तरह आप कह रहे हैं कि आप की माँ गलत नहीं है। आप की पत्नी भी यही सोचती होगी कि उस के माता-पिता गलत नहीं हैं। पर यह आप दोनों की सोच है। फिर भी आप की स्थिति बहुत विकट है। जिस तरह आप की पत्नी ने आप के साथ मारपीट की और अब कहती है कि दम हो तो यहाँ आ कर हमें ले कर जाओ। उस से लगता है कि उस का आप के साथ रहने का मन है। बच्चे की चिन्ता होना भी स्वाभाविक है। फिर विवाहित होते हुए अपनी पत्नी से अलग रहना आसान काम नहीं है।
आप ने ढाई वर्ष जैसे निकाले हैं, कम से कम छह माह या एक वर्ष और निकालिए। इस अवधि में आप अपनी ओर से शान्त रहिए और न आप के माता पिता और न ही आप स्वयं अपनी ससुराल जाइए। इस से यह होगा कि आप दोनों का अलगाव तीन वर्ष से अधिक का हो जाएगा। तब एक संकट आप का हल हो जाएगा कि आप की पत्नी आप के विरुद्ध धारा 498-ए आईपीसी और घरेलू हिंसा की कोई झूठी शिकायत नहीं कर सकेगी। यदि वह करेगी भी तो उस में आप के लिए अच्छा प्रतिवाद होगा। यह छह माह या साल भर का समय और निकाल देने के उपरान्त आप अपनी पत्नी के विरुद्ध धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत दाम्पत्य संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रार्थना पत्र की सुनवाई के दौरान कोई हल निकल सकता है या फिर आप के प्रार्थना पत्र पर आप को डिक्री प्राप्त हो सकेगी। आप की पत्नी फिर भी आप के साथ रहने को नहीं आती है तो आप एक वर्ष बाद विवाह विच्छेद के लिए आवेदन दे सकते हैं। बाद में आप बच्चे की अभिरक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
Main jise pyar krti hu uski shadi hm dono ko dra dhmkakr kisi or se krwa di gai hai, 6 month beet gae h shadi k pr wo uske sath ab v adjust ni ho pa rhe h hm dono ek duje k bina ni rh skte ye hm dono ne btaya tha pr jb v btaya hm dono ko dhmkiya di gai or hm dono dr gae q k dhamki dene wala shaks mafiya Ajeet shahi ka bhai tha.hm 2015 se ek sath h or shadi v karna chahte the pr jaise hi un logo ko pta chla hmein dhmkiya milne lgi mere ghr gunde bheje jaane lge. Ab jb wo usse kh rhe h k divorce le lo tum v nai zindgi shuru kro or hm dono bhi to wo dhej ka case krne ki dhamki deti h . Mere ghar wale v meri shadi kahi or kr deinge q k kitna wait krenge wo v, hm dono ek duje k sath as a husband wife rhein h aise me main kisi or k baare me soch nahi sakti. Ab aap hi btaiye is situation me hm dono kya krein apni life aise hi bitaye ya suicide hi kr lein. Shadi ho jane k kaarn sb uske favor me h kya hm dono k liye koi kanun nahi h
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मेरी समश्या यह हे की मेरे काकाजी की पत्नी उनको तेरह सालो से छोड़कर उनके मायके रह रही हे तो काकाजी ने पुस्तैनी जमींन बेच दी तो काकीजी का कोई केस लगा सकती हे क्या
बच्चे की अभिरक्षा के लिए